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Saharanpur News: शाम ढलते ही सजता है अनैतिक कार्यों का बाजार
संवाद न्यूज एजेंसी, सहारनपुर
Updated Fri, 19 Sep 2025 12:21 AM IST
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सहारनपुर। महानगर के कई इलाकों में रात होते ही अनैतिक कार्यों का बाजार सज जाता है। मुख्य चौराहे से लेकर नामी होटल तक इसमें शामिल है, जहां पर घंटे के हिसाब से कमरा मिलता है। ऐसा नहीं है कि यहां पर पुलिस की गश्त नहीं होती। चौराहे पर ही पुलिस चौकी भी मौजूद है। घंटाघर चौक महानगर का केंद्र बिंदु है। यह दिन में ही नहीं आधी रात के बाद भी आवाजाही से गुलजार रहता है, लेकिन रात के समय में इसका नजारा कुछ और ही होता है। देह व्यापार की सत्यता और वह कैसे काम कर रहा है। इन सभी को लेकर टीम ने लगातार तीन दिनों तक स्टिंग किया।
- पहला दिन, रविवार रात 11 बजे, रेलवे रोड
टीम ने रविवार रात रेलवे रोड पर स्थित कई होटल के बाहर स्टिंग किया। रात दस बजे तक मामला एक शांत रहता है। करीब साढे दस बजे दृश्य एकदम से बदलता चला जाता है। चौराहे के पास स्थित होटलों के बाहर गाड़ी या बाइक सवार आकर रूके। वहां पर खड़ी महिला से बात करते हैं। कुछ मिनटों की बात होने के बाद दोनों पास के ही एक होटल में चले जाते हैं। करीब एक घंटा बाद यह बाहर निकलते हैं। यह सिलसिला देर रात तक इसी तरह चलता रहा।
- दूसरा दिन सोमवार रात 11.30 बजे, घंटाघर चौक
टीम ने दूसरे दिन भी इसी तरह का स्टिंग किया। घंटाघर चौक पर रात 11 बजे तक माहौल सामान्य सा रहता है। घंटाघर चौक के आसपास महिलाएं खड़ी हो जाती है। कुछ लोग उनसे पास जाकर बात करते हैं। कुछ समय बात होने के बाद दोनों लोग बाइक पर बैठकर नेहरू मार्केट की ओर चले जाते हैं। जगह खाली हो जाती है। कुछ ही देर बात महिला फिर से वहां पहुंच जाती है। बातचीत का सिलसिला फिर से चलता है और फिर दोनों वाहन पर बैठकर निकल जाते हैं।
- तीसरा दिन मंगलवार रात 12 बजे, घंटाघर चौक
पहली दो रात माहौल भांपने के बाद टीम ने तीसरे दिन भी घंटाघर चौक पर ही अपना डेरा जमाया। करीब 12 बजे तक टीम ने इस तरह का माहौल देखा। इसके बाद ने घंटाघर पर मौजूद महिला से बात की। महिला ने एक बार साथ चलने के लिए 600 रुपये से एक हजार रुपये बताए। होटल के लिए दो हजार रुपये कहा। कुछ घंटे के लिए पांच हजार रुपये लगने की बात कही।

- पहला दिन, रविवार रात 11 बजे, रेलवे रोड
टीम ने रविवार रात रेलवे रोड पर स्थित कई होटल के बाहर स्टिंग किया। रात दस बजे तक मामला एक शांत रहता है। करीब साढे दस बजे दृश्य एकदम से बदलता चला जाता है। चौराहे के पास स्थित होटलों के बाहर गाड़ी या बाइक सवार आकर रूके। वहां पर खड़ी महिला से बात करते हैं। कुछ मिनटों की बात होने के बाद दोनों पास के ही एक होटल में चले जाते हैं। करीब एक घंटा बाद यह बाहर निकलते हैं। यह सिलसिला देर रात तक इसी तरह चलता रहा।
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- दूसरा दिन सोमवार रात 11.30 बजे, घंटाघर चौक
टीम ने दूसरे दिन भी इसी तरह का स्टिंग किया। घंटाघर चौक पर रात 11 बजे तक माहौल सामान्य सा रहता है। घंटाघर चौक के आसपास महिलाएं खड़ी हो जाती है। कुछ लोग उनसे पास जाकर बात करते हैं। कुछ समय बात होने के बाद दोनों लोग बाइक पर बैठकर नेहरू मार्केट की ओर चले जाते हैं। जगह खाली हो जाती है। कुछ ही देर बात महिला फिर से वहां पहुंच जाती है। बातचीत का सिलसिला फिर से चलता है और फिर दोनों वाहन पर बैठकर निकल जाते हैं।
- तीसरा दिन मंगलवार रात 12 बजे, घंटाघर चौक
पहली दो रात माहौल भांपने के बाद टीम ने तीसरे दिन भी घंटाघर चौक पर ही अपना डेरा जमाया। करीब 12 बजे तक टीम ने इस तरह का माहौल देखा। इसके बाद ने घंटाघर पर मौजूद महिला से बात की। महिला ने एक बार साथ चलने के लिए 600 रुपये से एक हजार रुपये बताए। होटल के लिए दो हजार रुपये कहा। कुछ घंटे के लिए पांच हजार रुपये लगने की बात कही।