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सर्दी का असर : बच्चों को जकड़ रहा निमोनिया और कोल्ड डायरिया, छह भर्ती
संवाद न्यूज एजेंसी, संभल
Updated Wed, 31 Dec 2025 02:29 AM IST
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अमरोहा। सर्दी का असर बढ़ते ही बच्चों को निमोनिया और कोल्ड डायरिया जकड़ रहा है। जिला अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 20-25 बच्चे निमोनिया और डायरिया से पीड़ित पहुंच रहे हैं। गंभीर हाल वाले छह बच्चों को वार्ड में भर्ती कर उपचार दिया जा रहा है।
मंगलवार को जिला अस्पताल की ओपीडी में 956 मरीज पहुंचे। सुबह सात बजे से मरीजों की लाइन लग गई थी। जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. चरन सिंह ने बताया कि इस मौसम में हर उम्र के लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। लापरवाही खतरनाक साबित हो सकती है। खासकर डायबिटिज, हाइपरटेंशन व थायराइड के मरीजों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरी है। ये दवाओं के सेवन में कोई लापरवाही न बरतें। सर्दी का मौसम बच्चों के लिए बेहद खतरनाक है। जरा-सी लापरवाही में बच्चे निमोनिया, कोल्ड डायरिया, सर्दी, जुकाम व बुखार की चपेट में आ जाते हैं। उन्होंने बताया कि निमोनिया सांस से जुड़ी बीमारी है। इसमें फेफड़ों में संक्रमण हो जाता, जिससे सूजन आ जाती है। कई बार पानी भी भर जाता है। पांच साल से छोटे बच्चों को इससे खतरा अधिक रहता है। शुरुआत में बच्चों को सर्दी एवं खांसी की समस्या होती है। समय पर ध्यान नहीं देने पर बच्चे निमोनिया की गिरफ्त में आ जाते हैं।
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धूप सेंकना बच्चों के लिए लाभदायक
इस समय बच्चों के कमरे में तापमान का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। रात में बच्चों को कंबल व रजाई से ढक कर रखें। साथ ही सुबह की धूप से बच्चों को सेकें। वह लाभदायक है। नवजात शिशु को मां सीने से लगाकर कंगारू मदर केयर जरूर करें। जिससे बच्चे का शरीर गर्म बना रहे। सभी माताएं बच्चे को छह माह तक अपना ही दूध पिलाएं। बदलते मौसम में बच्चों का विशेष ध्यान दें।
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ये बरतें सावधानी
. कीटाणुओं को फैलने से रोकने के लिए बच्चों के हाथ धुलवाते रहें।
. बच्चों की देखभाल के दौरान अपने हाथों की सफाई का भी ध्यान रखें।
. शिशु को छह माह तक सिर्फ स्तनपान ही कराएं।
. बच्चों का नियमित टीकाकरण कराएं।
. डॉक्टर की सलाह से भाप देना भी फायदेमंद रहता है।
. छह माह से अधिक उम्र के बच्चों को पौष्टिक आहार का कराएं सेवन।
. ठंड से बचाने के लिए गर्म कपड़े पहनाएं, बच्चों को घर से बाहर ने भेजें।
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मंगलवार को जिला अस्पताल की ओपीडी में 956 मरीज पहुंचे। सुबह सात बजे से मरीजों की लाइन लग गई थी। जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. चरन सिंह ने बताया कि इस मौसम में हर उम्र के लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। लापरवाही खतरनाक साबित हो सकती है। खासकर डायबिटिज, हाइपरटेंशन व थायराइड के मरीजों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरी है। ये दवाओं के सेवन में कोई लापरवाही न बरतें। सर्दी का मौसम बच्चों के लिए बेहद खतरनाक है। जरा-सी लापरवाही में बच्चे निमोनिया, कोल्ड डायरिया, सर्दी, जुकाम व बुखार की चपेट में आ जाते हैं। उन्होंने बताया कि निमोनिया सांस से जुड़ी बीमारी है। इसमें फेफड़ों में संक्रमण हो जाता, जिससे सूजन आ जाती है। कई बार पानी भी भर जाता है। पांच साल से छोटे बच्चों को इससे खतरा अधिक रहता है। शुरुआत में बच्चों को सर्दी एवं खांसी की समस्या होती है। समय पर ध्यान नहीं देने पर बच्चे निमोनिया की गिरफ्त में आ जाते हैं।
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धूप सेंकना बच्चों के लिए लाभदायक
इस समय बच्चों के कमरे में तापमान का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। रात में बच्चों को कंबल व रजाई से ढक कर रखें। साथ ही सुबह की धूप से बच्चों को सेकें। वह लाभदायक है। नवजात शिशु को मां सीने से लगाकर कंगारू मदर केयर जरूर करें। जिससे बच्चे का शरीर गर्म बना रहे। सभी माताएं बच्चे को छह माह तक अपना ही दूध पिलाएं। बदलते मौसम में बच्चों का विशेष ध्यान दें।
ये बरतें सावधानी
. कीटाणुओं को फैलने से रोकने के लिए बच्चों के हाथ धुलवाते रहें।
. बच्चों की देखभाल के दौरान अपने हाथों की सफाई का भी ध्यान रखें।
. शिशु को छह माह तक सिर्फ स्तनपान ही कराएं।
. बच्चों का नियमित टीकाकरण कराएं।
. डॉक्टर की सलाह से भाप देना भी फायदेमंद रहता है।
. छह माह से अधिक उम्र के बच्चों को पौष्टिक आहार का कराएं सेवन।
. ठंड से बचाने के लिए गर्म कपड़े पहनाएं, बच्चों को घर से बाहर ने भेजें।
