UP: संभल में स्वास्थ्यकर्मी ही चलवा रहे थे कई अवैध अस्पताल, प्रत्येक से वसूलते थे पांच लाख, ऐसे हुआ भंडाफोड़
संभल में स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया। विभाग के ही कर्मचारी अवैध अस्पतालों को चलवाकर फर्जी पंजीकरण के नाम पर पांच लाख रुपये तक वसूली कर रहे थे। छापेमारी में 31 अस्पताल पकड़े गए, जिनमें 19 पर मुकदमा दर्ज हुआ।

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स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई में विभाग के ही कर्मचारियों की पोल खुल गई। स्वास्थ्यकर्मी ही जिले में अवैध अस्पतालों का संचालन कराकर धन उगाही करते थे। यहां तक कि फर्जी पंजीकरण कराकर एक से पांच लाख तक वसूलते थे।

मामले में दो कर्मचारियों समेत सात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर वसूली करने वाले चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। मामले का खुलासा डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया, एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई व सीएमओ डॉ. तरुण पाठक ने प्रेसवार्ता के दौरान किया।
डीएम ने बताया कि लगातार कार्रवाई के बाद भी अवैध अस्पतालों का संचालन किया जा रहा था। मंगलवार को एएसपी अनुकृति शर्मा के नेतृत्व में जिलेभर में एक साथ कार्रवाई के निर्देश दिए। इसमें 31 अवैध अस्पतालों पर छापा मारा। 19 अस्पतालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
बताया कि सभी अस्पताल में सामने आया कि किसी भी अस्पताल में चिकित्सक नहीं था। अवैध अस्पताल संचालन में वसूली किए जाने की जानकारी सामने आने पर गांव ऐंचोली पीएचसी में तैनात वार्ड वॉय नितिन उर्फ नितेंद्र गुप्ता, बहजोई सीएचसी में तैनात फिजियो थैरेपिस्ट गौरव बंसल, बहजोई थाना क्षेत्र के गांव सादातबाड़ी निवासी जगतपाल को पकड़ा है।
इसके अलावा जुनावई थाना क्षेत्र के गांव अहरौला नवाजी निवासी प्रेम सिंह, रजपुरा थाना क्षेत्र के गांव बहटकरन निवासी बबलू गिरि, जिला बुलंदशहर के नरौरा निवासी संगम, हयातनगर के सरायतरीन निवासी राजीव कौशिक के खिलाफ अवैध वसूली करने और धमकाने में रिपोर्ट दर्ज की गई है।
एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि जगतपाल, प्रेमसिंह, बबलू गिरि और संगम को गिरफ्तार कर लिया गया है। अन्य की तलाश की जा रही है।
पंजीकरण कानपुर का और अस्पताल संभल में संचालित
एसपी ने बताया कि जब पुलिस ने जांच की तो सामने आया कि गुन्नौर में संचालित कृष्णा नर्सिंग होम का पंजीकरण कानपुर का है, जबकि संचालन गुन्नौर में किया जा रहा है। इसी तरह बहजोई में संचालित लाइफ केयर हॉस्पिटल का पंजीकरण भी कानपुर का पाया गया। डीएम ने बताया कि पंजीकरण दूसरे जिले से कराकर भी संचालित नहीं किया जा सकता। इसी क्रम में यह कार्रवाई की गई है।
जिन अस्पतालों में होती है घटना, उनसे करते हैं ज्यादा वसूली
डीएम ने बताया कि जिन अस्पतालों में घटना हो जाती है, वहां जाकर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी व अन्य लोग वसूली ज्यादा रुपये की करते हैं। यह जानकारी भी छानबीन में सामने आई है। कोई वसूली नहीं कर सके इसके लिए भी निगरानी कराई जाएगी। यदि कोई शिकायत मिलती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
दस्तावेज हैं तो वह कराएं, शिविर लगवाएंगे
डीएम ने कहा कि जो लोग अस्पताल, नर्सिंग होम या क्लीनिक संचालित करना चाहते हैं वह सीधे पंजीकरण कराएं। लंबित न रहें इसके लिए निर्देश दिए जाएंगे। जिनके दस्तावेज सही हैं वह पंजीकरण कराकर ही संचालन करें। किसी कर्मचारी या बाहरी व्यक्ति से सांठगांठ कर संचालन न करें। यदि ऐसा पाया जाता है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। पंजीकरण सरलता से किए जा सकें इसके लिए शिविर लगवाएंगे। इसके लिए बैठक कर निर्देश भी दे दिए गए हैं।