संभल सांसद जियाउर्रहमान बर्क बोले: पीएम को आरआरएस प्रमुख ने नहीं दी जन्मदिन की बधाई, कहीं कुछ गड़बड़ तो नहीं
संभल सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश-विदेश से जन्मदिन की बधाइयां मिलीं, लेकिन आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की ओर से बधाई न मिलना किसी गड़बड़ी का संकेत हो सकता है। उन्होंने मोदी को 75 वर्ष का बताते हुए आगे भाजपा की नीतियों में बदलाव की संभावना पर सवाल उठाया।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश-विदेश से जन्मदिन पर बधाइयां मिल रही हैं, लेकिन आरआरएस प्रमुख मोहन भागवत ने उन्हें बधाई नहीं दी है। शायद कुछ गड़बड़ है। यह बात संभल सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कही है। बृहस्पतिवार को सांसद ने अपने दीपा सराय स्थित आवास पर मीडिया से बातचीत की।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को सभी ने जन्मदिन की बधाई दी है और मैं भी उन्हें मुबारकबाद देता हूं, लेकिन आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने प्रधानमंत्री को जन्मदिन की बधाई नहीं दी है। इसके पीछे क्या कारण है, पता नहीं। कहीं कुछ गड़बड़ तो नहीं है।
आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 75 साल के हो चुके हैं और अब देखना होगा कि भाजपा की नीतियों में आगे किस तरह के बदलाव होते हैं। भारत-पाकिस्तान के मैच को लेकर कहा कि मैच की कमाई पहलगाम के पीड़ितों को दी जाती है तो यह एक अच्छा कदम होगा।
पीड़ितों को काफी हद तक राहत मिलेगी। इसके लिए खिलाड़ियों को भी आगे आना चाहिए, जिससे पीड़ितों की मदद हो सके। कमाई तो कोई भी दे सकता है चाहे वह राजनीतिक हो या खिलाड़ी हो।
संभल को एटीएस यूनिट की नहीं शिक्षा में बदलाव और इंडस्ट्रीज की जरूरत
संभल को एटीएस यूनिट की जरूरत नहीं है। इंडस्ट्रीज की जरूरत है। शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव करने की जरूरत है। इस शहर में बिना किसी खौफ के लोग रहते हैं। 1978 में जो लोग शहर से गए तो वह भी विकास के क्षेत्र में पिछड़ापन के कारण गए। यह कहना है संभल के सांसद जियाउर्रहमान बर्क का।
सोमवार को अपने दीपा सराय स्थित आवास पर सांसद ने मीडिया से बातचीत की। एटीएस यूनिट कब्रिस्तान से मुक्त की गई भूमि पर निर्माण होगी। इस सवाल पर सांसद ने कहा कि सरकार को जमीन की कमी थोड़ी है लेकिन सरकार कब्रिस्तान का अपमान कर रही है।
अनावश्यक तौर पर मुस्लिम समाज को परेशान किया जा रहा है। संभल को आतंकवाद से जोड़ा जा रहा है। आरोप लगना और साबित होना दोनों अलग बातें हैं। मुसलमानों को आतंकवाद के नाम से बदनाम किया जा रहा है। शहर के युवा अच्छी राह पर चल रहे हैं।
मुस्लिम समाज ने देश के लिए कुर्बानी दी है। मुस्लिम दुनिया में जहां भी रहते हैं वह अपने देश के साथ वफादारी करते हैं। आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो वक्फ संपत्ती को लेकर फैसला सुनाया है, वो न सिर्फ कानून की जीत है, बल्कि सच्चाई और संविधान की भी जीत है।
आगे कहा कि जिलाधिकारी को वक्फ संपत्ति पर अंतिम हक देने वाला प्रावधान रद्द किया गया है। सांसद ने मांग की है कि वक्फ काउंसिल और वक्फ बोर्ड में दूसरे मजहब का एक भी सदस्य नहीं होना चाहिए। आगे कहा कि पूरा केस अभी खत्म नहीं हुआ है वक्फ बाय यूजर का मामला अभी विचाराधीन है।