सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Uttar Pradesh ›   Sambhal News ›   Rambhadracharya said in Sambhal: Lord Kalki returned from his maternal home and liberated 68 pilgrimage sites

संभल में बोले रामभद्राचार्य: ननिहाल से लौटे भगवान कल्कि, 68 तीर्थ और 19 कूपों को विधर्मियों से मुक्त कराया

संवाद न्यूज एजेंसी, संभल Published by: विमल शर्मा Updated Thu, 04 Dec 2025 12:04 AM IST
सार

संभल के ऐंचोड़ा कंबोह में सात दिवसीय श्री कल्कि कथा का आयोजन हो रहा है। तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने लव जिहाद पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि लव जिहाद के नाम पर हिंदू कन्याओं को फंसाया जा रहा है। यह चिंता का विषय है।  

विज्ञापन
Rambhadracharya said in Sambhal: Lord Kalki returned from his maternal home and liberated 68 pilgrimage sites
संभल में कथा के दौरान रामभद्राचार्य - फोटो : संवाद
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

संभल के गांव ऐंचोड़ा कंबोह में चल रही सात दिवसीय श्री कल्कि कथा के तीसरे दिन तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने भगवान कल्कि के नामकरण की कथा सुनाई। साथ ही कल्कि भगवान के ननिहाल से संभल लौटने का प्रसंग सुनाया।

Trending Videos


बीच-बीच में भजन सुनाकर दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया। प्रवचन करते हुए जगद्गुरु ने कहा कि कहा कि लोगों में जिज्ञासा है कि कल्कि भगवान के आगमन से पहले उनके अवतार को लेकर कल्पना कैसे हो सकती है। सार समझाते हुए कहा ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस तरह से चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण आदि का पता चल जाता है।
विज्ञापन
विज्ञापन


ठीक इसी तरह भगवान के अवतार की भी रचना की गई है। बताया कि राम के अवतार से पहले हिरणाकश्यप ने प्रह्लाद से पूछा कि राम कहां हैं, उन्होंने जवाब दिया कि हमारे भीतर हैं, खंभे के भीतर हैं। उन्होंने खंभे में मुक्का मारा और नृसिंह भगवान प्रकट हुए।

बताया कि जब राम कहकर उन्होंने भगवान को बुला लिया तो हम कल्कि पुराण की कथा कहकर क्यों नहीं बुला सकते। हम कल्कि पुराण की कथा कहकर भारत की भाग्य रेखा बदल सकते हैं। कल्कि कथा का प्रत्यक्ष प्रमाण है कि सोमवार से कथा शुरू हुई और इसका ऐसा प्रभाव रहा कि भारत देश की संसद में वंदे मातरम पर बहस के लिए आपसी सहमति बन गई। विपक्ष को सद्बुद्धि मिल गई। यह कथा कल्याणवाहिनी है।

कल्कि भगवान के नामकरण में भिक्षु बनकर आए वेदव्यास, परशुराम व कृपाचार्य
कल्कि कथा के प्रसंग में कहा कि भारत में नियम था कि पहली या फिर आखिरी संतान होती थी तो गर्भवती महिला अपने मायके चली जाती थी। शस्त्र वर्णित ऐंचोड़ा कंबोह ही कम्बोज नगर है। इसी कम्बोज नगर में सुमति मैया आ गईं और यहां चौथी और अंतिम संतान भगवान कल्कि का जन्म हुआ।

यहां अन्नापूर्ण शर्मा ने कल्कि भगवान का लालन पालन किया। नामकरण प्रसंग में कहा कि वेदव्यास, परशुराम और कृपाचार्य भिक्षु का भेष बनाकर नामकरण के लिए आए। भगवान का नामकरण हुआ। उनका नाम कल्कि शर्मा रखा गया। इसके बाद ननिहाल से भगवान संभल ग्राम लौटे।

यहां 68 तीर्थ और 19 कूपों को विधर्मियों से मुक्त कराया। वैदिक धर्म की स्थापना की। भगवान ने माता-पिता के माध्यम से भक्तों को आश्वास्त कराया कि मेरे कई चरण हैं। भक्तों से कहो कि पापाचार का भगवान कल्कि चारों से संहार करेंगे। इस दौरान कथा में वंदे मातरम गूंजा।

 

लव जिहाद के नाम पर हिंदू कन्याओं का फंसाया जा रहा : जगद्गुुरु
 गांव ऐंचोड़ा कंबोह में चल रही सात दिवसीय श्री कल्कि कथा के तीसरे दिन तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने लव जिहाद पर चिंता व्यक्त की।एजगद्गुुरु रामभद्राचार्य महाराज ने कहा जिस तरह से आज लव जिहाद के नाम पर हिंदू कन्याओं को फंसाया जा रहा है। यह चिंता का विषय है, लेकिन भारत का नाम मिटाने की सोचने वाले अधर्मियों कान खोलकर सुन लो, वह वक्त दूर नहीं जब पीओके हमारा होगा।

पड़ोसी देश का भूगोल से ही नाम मिट जाएगा। चीन पर कब्जा होगा। जिस तरह से एक-एक महिला के द्वारा 25-25 संतानों को जन्म दिया है, यह अब नहीं चलेगा। देश में समान नागरिक संहिता बनाने की जरूरत है। 


 
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed