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Sant Kabir Nagar News: मधुमेह को लेकर हो जाएं सावधान...आंखों की रोशनी जाने का खतरा
संवाद न्यूज एजेंसी, संत कबीर नगर
Updated Wed, 26 Nov 2025 01:17 AM IST
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जिला अस्पताल में लगी मरीजों की भीड़- संवाद
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संतकबीरनगर। ठंड बढ़ते ही मधुमेह के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी है। जिला अस्पताल में मधुमेह का लेवल बढ़ने से परेशान मरीजों की संख्या में करीब 10 से 15 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। डॉक्टरों का कहना है कि अनियंत्रित शुगर का पहला और सबसे खतरनाक असर आंखों पर पड़ता है। इससे स्थायी रूप से आंख की रोशनी भी जा सकती है।
जिला अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 50 से अधिक मरीज शुगर से संबंधित आ रहे हैं। इनमें उच्च रक्त शुगर (डायबिटीज) और उससे होने वाली जटिलताओं से पीड़ितों की संख्या भी देखने को मिल रही है। फिजिशियन डॉ. एपी मिश्र ने बताया कि डायबिटिक रेटिनोपैथी तेजी से बढ़ रही समस्याओं में से एक है। इसमें आंखों की नसें कमजोर हो जाती हैं। इसके बाद खून रिसने लगता है। इसका समय पर इलाज नहीं मिलने पर दृष्टि खोने का खतरा रहता है। समय पर ब्लड शुगर नियंत्रण नहीं होने पर यह आंखों, किडनी, हृदय और नसों को गंभीर नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए लोगों को सतर्क हो जाना चाहिए। प्रतिदिन व्यायाम करना चाहिए।
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डायबिटिक रेटिनोपैथी के प्रमुख लक्षण
- आंखों में धुंधलापन
- कम दिखाई देना
- रात में देखने में कठिनाई
- आंखों के सामने तैरते धब्बे
- बार-बार चश्मा बदलने की नौबत
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बचाव के उपाय
- ब्लॅड शुगर की नियमित जांच
- कम मीठा व कम तैलीय भोजन
- प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट व्यायाम
- हर छह महीने में आंखों की जांच
- डॉक्टर की दी गई दवाओं का नियमित सेवन
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जिला अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 50 से अधिक मरीज शुगर से संबंधित आ रहे हैं। इनमें उच्च रक्त शुगर (डायबिटीज) और उससे होने वाली जटिलताओं से पीड़ितों की संख्या भी देखने को मिल रही है। फिजिशियन डॉ. एपी मिश्र ने बताया कि डायबिटिक रेटिनोपैथी तेजी से बढ़ रही समस्याओं में से एक है। इसमें आंखों की नसें कमजोर हो जाती हैं। इसके बाद खून रिसने लगता है। इसका समय पर इलाज नहीं मिलने पर दृष्टि खोने का खतरा रहता है। समय पर ब्लड शुगर नियंत्रण नहीं होने पर यह आंखों, किडनी, हृदय और नसों को गंभीर नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए लोगों को सतर्क हो जाना चाहिए। प्रतिदिन व्यायाम करना चाहिए।
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डायबिटिक रेटिनोपैथी के प्रमुख लक्षण
- आंखों में धुंधलापन
- कम दिखाई देना
- रात में देखने में कठिनाई
- आंखों के सामने तैरते धब्बे
- बार-बार चश्मा बदलने की नौबत
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बचाव के उपाय
- ब्लॅड शुगर की नियमित जांच
- कम मीठा व कम तैलीय भोजन
- प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट व्यायाम
- हर छह महीने में आंखों की जांच
- डॉक्टर की दी गई दवाओं का नियमित सेवन
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