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Sant Kabir Nagar News: चने पर केमिकल की चमक...हो जाएंगे बीमार
संवाद न्यूज एजेंसी, संत कबीर नगर
Updated Sat, 20 Dec 2025 01:06 AM IST
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बाजार में बिक रहा भुना चना-संवाद
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संतकबीरनगर। आमतौर पर सेहत के लिए फायदेमंद माने जाने वाले भुने चने को लोग बड़े चाव चबाते हैं लेकिन मुनाफाखोरों ने इस पर भी अपनी कुदृष्टि डाल दी है। पुराने और खराब चने को केमिकल से चमका कर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। खाद्य एवं औषधि प्रशासन के छापे में अब तक साढ़े तीन क्विंटल ऐसे चने सील किए जा चुके हैं। चिकित्सक का कहना है कि केमिकल से रंगे चने का सेवन बीमार कर देगा।
खाद्य विभाग की टीम की छापेमारी में यह मामला खुला है। टीम ने करीब साढ़े तीन क्विंटल चना जब्त कर लिया है। बताया जा रहा है कि यह चना गोरखपुर से मंगाया गया था। टीम ने सैंपल जांच के लिए भेजा है। गोरखपुर में पकड़े गए चने में औरामाइन केमिकल की पुष्टि हुई थी। जानकारों का कहना है कि अगर यही चना जिले में बरामद हुआ है तो यह सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। फिलहाल खाद्य टीम को जांच रिपोर्ट का इंतजार है।
जिले में अभी तक पनीर, दूध, खोआ, मसाले आदि में मिलावट मिल रही थी। पनीर तो गोरखपुर के खजनी से मंगा रहे थे। सूत्र बताते हैं कि मिलावटखोर अब भुना चना भी गोरखपुर से मंगा रहे हैं। पांच दिन पूर्व गोरखपुर में काफी मात्रा में भुना चना बरामद हुआ है। उसमें केमिकल रंग की मिलावट मिली है। गोरखपुर में छापे के बाद जिले की खाद विभाग की टीम ने 16 दिसंबर को राजेंद्र ट्रेडर्स खलीलाबाद, कमलेश ट्रेडर्स मेंहदावल व राजू गुप्ता के प्रतिष्ठान का निरीक्षण किया था।
राजू गुप्ता खलीलाबाद के प्रतिष्ठान में भुने हुए चने में रंग मिला पाया गया। भुना चना का नमूना लिया गया। इसके साथ ही लगभग 169 किलोग्राम भुना चना मौके पर सील किया गया। इसी के साथ ही 17 दिसंबर को नवीन सब्जी मंडी स्थित सुनील कुमार भुजा वाले व एसएसएमएम इंटरप्राइजेज अंसार टोला खलीलाबाद दुकान की जांच की गई। वहां पर भुने चने में रंग की आशंका हुई। उसके आधार पर भुना चना का नमूना लिया गया। इसके साथ ही 148 किलो भुना चना सील कर दिया। अब सवाल यह है कि अगर यह चना गोरखपुर से मंगाया गया है और अगर गोरखपुर में बरामद चना और यहां पर बरामद चना अगर एक ही है तो यह सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। खाद्य टीम भुना चना का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा है। अब जांच के बाद ही पता चल सकेगा की चने में मिलावट थी कि नहीं। ऐसे में लोगों को सतर्क रहना होगा।
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ज्यादा पीला दिखे चना तो हो जाए सतर्क
- भुने हुए चने का रंग जरूरत से ज्यादा पीला लग रहा हो, तो यह मिलावट का संकेत हो सकता है। ऐसे में सतर्क हो जाने की आवश्यकता है। चने को ज्यादा आकर्षक बनाने के लिए मुनाफाखोर उसमें चमकीले पीले या दूसरे चटकीले रंग मिलाते हैं।
- चनों का आकार अगर अधिक बड़ा हो तो यह भी मिलावट का संकेत हो सकता है। ज्यादा पीले और मोटे साइज के चने में हानिकारक रंग औरामीन की मिलावट की जाती है। यह नॉन परमिटेड सिंथेटिक कलर है। यह खाने योग्य नहीं होता है। इस केमिकल के शरीर में जाने से कैंसर कोशिकाएं विकसित हो सकती हैं।
- चनों को हाथ में लेने पर उनमें से सफेद रंग का पाउडर हाथ में लगना। बता दें, चने की ज्यादा चमकदार बनाने के लिए टैल्कम पाउडर या सोपस्टोन जैसे केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है।
- चने के स्वाद में बदलाव होना भी इसमें मिलावट का संकेत हो सकता है। चने की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए उसमें नॉन फूडलेड प्रिजर्वेटिव्स मिलाए जा सकते हैं।
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ऐसे करें पहचान
रंगे हुए चने (भुने चने) की पहचान के लिए देखें कि कहीं उनका रंग ज्यादा पीला या चटकीला तो नहीं, क्योंकि इसमें हानिकारक रंग मिले हो सकते है। हाथ में लेने पर पाउडर (टैल्कम पाउडर) तो नहीं लग रहा, और स्वाद सामान्य है या नहीं, ये सब चेक करें, क्योंकि ज्यादा चमक, बड़ा आकार, या अजीब स्वाद मिलावट के संकेत हैं।
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रंगा चना सेहत के लिए हानिकारक
जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. कुमार सिद्धार्थ ने बताया कि चने में रंग की मिलावट खतरनाक होती है। यह स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डालता है। इससे लीवर और पेट से संबंधित बीमारी होती है। यह कैंसर का कारक भी बनता है। इस वजह से इन चीजों से बचना चाहिए। अगर दिक्कत आती है तो तुुरंत चिकित्सक से सलाह लें।
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लगातार छापेमारी अभियान चल रहा है। भुने चने में रंग की मिलावट की आयांका में उसे सील कर दिया गया है। करीब साढ़े तीन क्विंटल चना सील किया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। -सतीश कुमार, सहायक आयुक्त खाद्य एवं औषधि प्रशासन
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खाद्य विभाग की टीम की छापेमारी में यह मामला खुला है। टीम ने करीब साढ़े तीन क्विंटल चना जब्त कर लिया है। बताया जा रहा है कि यह चना गोरखपुर से मंगाया गया था। टीम ने सैंपल जांच के लिए भेजा है। गोरखपुर में पकड़े गए चने में औरामाइन केमिकल की पुष्टि हुई थी। जानकारों का कहना है कि अगर यही चना जिले में बरामद हुआ है तो यह सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। फिलहाल खाद्य टीम को जांच रिपोर्ट का इंतजार है।
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जिले में अभी तक पनीर, दूध, खोआ, मसाले आदि में मिलावट मिल रही थी। पनीर तो गोरखपुर के खजनी से मंगा रहे थे। सूत्र बताते हैं कि मिलावटखोर अब भुना चना भी गोरखपुर से मंगा रहे हैं। पांच दिन पूर्व गोरखपुर में काफी मात्रा में भुना चना बरामद हुआ है। उसमें केमिकल रंग की मिलावट मिली है। गोरखपुर में छापे के बाद जिले की खाद विभाग की टीम ने 16 दिसंबर को राजेंद्र ट्रेडर्स खलीलाबाद, कमलेश ट्रेडर्स मेंहदावल व राजू गुप्ता के प्रतिष्ठान का निरीक्षण किया था।
राजू गुप्ता खलीलाबाद के प्रतिष्ठान में भुने हुए चने में रंग मिला पाया गया। भुना चना का नमूना लिया गया। इसके साथ ही लगभग 169 किलोग्राम भुना चना मौके पर सील किया गया। इसी के साथ ही 17 दिसंबर को नवीन सब्जी मंडी स्थित सुनील कुमार भुजा वाले व एसएसएमएम इंटरप्राइजेज अंसार टोला खलीलाबाद दुकान की जांच की गई। वहां पर भुने चने में रंग की आशंका हुई। उसके आधार पर भुना चना का नमूना लिया गया। इसके साथ ही 148 किलो भुना चना सील कर दिया। अब सवाल यह है कि अगर यह चना गोरखपुर से मंगाया गया है और अगर गोरखपुर में बरामद चना और यहां पर बरामद चना अगर एक ही है तो यह सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। खाद्य टीम भुना चना का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा है। अब जांच के बाद ही पता चल सकेगा की चने में मिलावट थी कि नहीं। ऐसे में लोगों को सतर्क रहना होगा।
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ज्यादा पीला दिखे चना तो हो जाए सतर्क
- भुने हुए चने का रंग जरूरत से ज्यादा पीला लग रहा हो, तो यह मिलावट का संकेत हो सकता है। ऐसे में सतर्क हो जाने की आवश्यकता है। चने को ज्यादा आकर्षक बनाने के लिए मुनाफाखोर उसमें चमकीले पीले या दूसरे चटकीले रंग मिलाते हैं।
- चनों का आकार अगर अधिक बड़ा हो तो यह भी मिलावट का संकेत हो सकता है। ज्यादा पीले और मोटे साइज के चने में हानिकारक रंग औरामीन की मिलावट की जाती है। यह नॉन परमिटेड सिंथेटिक कलर है। यह खाने योग्य नहीं होता है। इस केमिकल के शरीर में जाने से कैंसर कोशिकाएं विकसित हो सकती हैं।
- चनों को हाथ में लेने पर उनमें से सफेद रंग का पाउडर हाथ में लगना। बता दें, चने की ज्यादा चमकदार बनाने के लिए टैल्कम पाउडर या सोपस्टोन जैसे केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है।
- चने के स्वाद में बदलाव होना भी इसमें मिलावट का संकेत हो सकता है। चने की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए उसमें नॉन फूडलेड प्रिजर्वेटिव्स मिलाए जा सकते हैं।
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ऐसे करें पहचान
रंगे हुए चने (भुने चने) की पहचान के लिए देखें कि कहीं उनका रंग ज्यादा पीला या चटकीला तो नहीं, क्योंकि इसमें हानिकारक रंग मिले हो सकते है। हाथ में लेने पर पाउडर (टैल्कम पाउडर) तो नहीं लग रहा, और स्वाद सामान्य है या नहीं, ये सब चेक करें, क्योंकि ज्यादा चमक, बड़ा आकार, या अजीब स्वाद मिलावट के संकेत हैं।
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रंगा चना सेहत के लिए हानिकारक
जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. कुमार सिद्धार्थ ने बताया कि चने में रंग की मिलावट खतरनाक होती है। यह स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डालता है। इससे लीवर और पेट से संबंधित बीमारी होती है। यह कैंसर का कारक भी बनता है। इस वजह से इन चीजों से बचना चाहिए। अगर दिक्कत आती है तो तुुरंत चिकित्सक से सलाह लें।
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लगातार छापेमारी अभियान चल रहा है। भुने चने में रंग की मिलावट की आयांका में उसे सील कर दिया गया है। करीब साढ़े तीन क्विंटल चना सील किया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। -सतीश कुमार, सहायक आयुक्त खाद्य एवं औषधि प्रशासन

बाजार में बिक रहा भुना चना-संवाद
