UP: रील्स देखकर किशोर को आया ऐसा खतरनाक विचार...लॉरेंस बिश्नोई का नाम भी मामले से जुड़ा, पढ़ें पुलिस का खुलासा
लगातार कॉल आने से जान-माल का खतरा मानकर पीड़ित ने थाने पर सूचना दी। पुलिस के कार्रवाई नहीं करने पर 31 अक्तूबर को एसपी को जनता दरबार में प्रार्थना पत्र दिया। एसपी ने मामले का संज्ञान लेते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई और आरोपी की तलाश में सर्विलांस सेल की टीम को लगाया।
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गुरुराम दास एग्रो के संचालक रंजीत सिंह से लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम से 50 लाख की रंगदारी मांगने वाले 15 वर्षीय बाल अपचारी को पुलिस ने बंगलूरू से गिरफ्तार कर लिया। 10वीं में पढ़ने वाले छात्र को इंस्टाग्राम पर रील्स देखकर रंगदारी मांगने का आइडिया आया था।
निगोही के गांव सतवां बुजुर्ग निवासी रंजीत सिंह की गुरु रामदास एग्रो के नाम से फर्म है। 21 अक्तूबर को फेसबुक मैसेंजर के जरिये कॉल कर खुद को बिश्नोई गैंग का ओम सिंह बताकर 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी। फिर उसने व्यापारी के मोबाइल पर कॉल करना शुरू कर दिया था। पीड़ित के अनुसार, उसने अलग-अलग मोबाइल नंबरों से 12 बार फोन कर रुपयों की मांग की थी। हर बार रंजीत सिंह ने उसे फटकार दिया था।
लगातार कॉल आने से जान-माल का खतरा मानकर थाने पर सूचना दी। पुलिस के कार्रवाई नहीं करने पर 31 अक्तूबर को एसपी को जनता दरबार में प्रार्थना पत्र दिया। एसपी ने मामले का संज्ञान लेते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई और आरोपी की तलाश में सर्विलांस सेल की टीम को लगाया। एसपी राजेश द्विवेदी ने बताया कि आरोपी की लोकेशन ट्रेस करने पर बंगलूरू, कर्नाटक की मिली। टीम ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की है। उसने स्वीकार किया कि इंस्टाग्राम में रील्स देखकर रंगदारी मांगने का आइडिया आया था। उसे किशोर न्याय बोर्ड में प्रस्तुत किया गया है।
बहन के पास रहता है किशोर, लग्जरी जीवन जीने के लिए मांगी थी रंगदारी
दसवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र ने लग्जरी जीवन जीना चाहता था। मोबाइल पर आने वाली रील्स को देखकर अपराध का रास्ता चुना और पुलिस के हत्थे चढ़ गया। किशोर मूलरूप से यूपी के फतेहपुर का रहना वाला है। उसके पिता खेतीबाड़ी करते हैं। वह अपनी बहन-बहनोई के पास बंगलूरू में रहता था। उसके बहनोई ठेला लगाकर गुजर-बसर करते हैं। वहीं रहकर किशोर दसवीं में पढ़ता है। लगातार फेसबुक व इंस्टाग्राम पर रील्स देखकर फिरौती के लिए रंजीत सिंह को मैसेंजर पर कॉल की। कई बार मैसेंजर पर कॉल नहीं उठाने पर उसने कारोबारी की फेसबुक को सर्च किया। कृषि यंत्रों के विक्रेता होने के चलते फेसबुक पर रंजीत सिंह ने मोबाइल नंबर डाल रखा था। वहां से नंबर उठाकर कॉल करना शुरू कर दिया। रंजीत सिंह बताते हैं कि आरोपी लगातार रुपये देने का दबाव बना रहा था। रुपये कहां और कैसे पहुंचाने हैं, ये नहीं बताया था। उसने लगातार 12 बार कॉल की थी।
फेसबुक पर स्थिति देखकर रुपये मिलने की उम्मीद थी
रंजीत सिंह की फेसबुक पर कृषि यंत्रों के फोटो पड़े हैं। इससे आरोपी समझ गया कि रंजीत सिंह बड़े व्यापारी हैं। बड़ा कारोबारी समझकर उसे रुपये मिलने की उम्मीद थी। इसीलिए लॉरेंस का नाम इस्तेमाल कर उसने रुपये देने का दबाव बनाया था।
रंजीत बोले -हम बिल्कुल भी नहीं घबराए
कारोबारी रंजीत सिंह बुधवार को मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुए। उन्होंने इतना ही बताया कि वह पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट हैं। लॉरेंस गैंग के नाम से डरने के सवाल पर बोले कि वह गुरु गोविंद सिंह के वंशज हैं। किसी से डरते नहीं हैं। आरोपी कॉल कर उन्हें धमकाता था तो वह भी नहीं डरते थे और जवाब देते थे।