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Shahjahanpur News: तीन गुना प्रदूषित हुई हवा...सांस के मरीज आए दिक्कत में
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शाहजहांपुर में बरेली मोड़ पर एक्यूआई को चेक करते डॉ.आलोक सिंह। स्रोत: स्वयं
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शाहजहांपुर। कोहरे व धुंध के कारण शहर की हवा में प्रदूषण सामान्य से तीन गुना बढ़ गया है। शहरी क्षेत्र में 156 एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) रिकाॅर्ड किया गया है। प्रदूषण से दमा व सांस के रोगियों की दिक्कत बढ़ सकती है। सर्दी बढ़ने और बारिश नहीं होने पर स्थिति खराब होगी।
शून्य से 50 तक एक्यूआई अच्छा और 51 से 100 तक एक्यूआई संतोषजनक माना जाता है। इसके ऊपर एक्यूआई जाने पर स्थिति चिंताजनक हो जाती है। दीपावली के बाद एक बार फिर एक्यूआई बढ़ा है। एसएस कॉलेज के रसायन विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ.आलोक सिंह ने बताया कि बुधवार को बरेली मोड़ पर 156 एक्यूआई रिकॉर्ड किया गया है।
इसी तरह सदर बाजार व कचहरी रोड पर 160 एक्यूआई रहा। बताया कि नवंबर व दिसंबर में तापमान व्युत्क्रमण आम है क्योंकि तिब्बती पठार से आने वाली हवा सिंधु-गंगा के मैदान से आने वाली धुएंदार हवा के साथ मिल जाती है। यह व्युत्क्रमण एक ढक्कन की तरह काम करता है जहां गर्म हवा सतह के पास प्रदूषकों को फंसा लेती है और उत्तर में हिमालय पर्वत और दक्षिण में विंध्य पर्वत के बीच प्रदूषकों को रोकने में मदद करती है।
हवाओं की दिशा के साथ तापमान में गिरावट भी वायु प्रदूषण के स्तर को प्रभावित करती है। जैसे तापमान में गिरावट आती है, तापीय व्युत्क्रमण के चलते धरातल के नजदीक ठंडी वायु और ऊपर की ओर गर्म वायु की एक परत बन जाती है, जिससे प्रदूषक वायुमंडल की ऊपरी परत में विस्तारित नहीं हो पाते हैं।
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यह है स्थिति वायु गुणवत्ता सूचकांक
0- 50 अच्छा
51- 100 संतोषजनक
101- 200 संवेदनशील
201- 300 खराब
301- 400 अत्यंत खराब
400+ खतरनाक
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सुबह-शाम घर से निकलने से करें परहेज : डॉ. राजेश
सर्दी में हवा धीमी चलने व वाहनों के प्रदूषण के साथ जलने वाली लकड़ी का धुआं ऊपरी वायुमंडल की परत में नहीं जाता है। धूल के साथ मिलकर वातावरण को प्रदूषित कर देता है। इसके चलते अस्थमा, खांसी, एलर्जी और सीओपीडी की समस्या होने लगती है। राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.राजेश कुमार ने बताया कि एक्यूआई की स्थिति को देखते हुए सुबह-शाम घर से ज्यादा बाहर निकलने से परहेज करें। मास्क का इस्तेमाल कर सकते हैं। समस्या होने पर डॉक्टर से सलाह लेकर ही उपचार कराएं।
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शून्य से 50 तक एक्यूआई अच्छा और 51 से 100 तक एक्यूआई संतोषजनक माना जाता है। इसके ऊपर एक्यूआई जाने पर स्थिति चिंताजनक हो जाती है। दीपावली के बाद एक बार फिर एक्यूआई बढ़ा है। एसएस कॉलेज के रसायन विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ.आलोक सिंह ने बताया कि बुधवार को बरेली मोड़ पर 156 एक्यूआई रिकॉर्ड किया गया है।
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इसी तरह सदर बाजार व कचहरी रोड पर 160 एक्यूआई रहा। बताया कि नवंबर व दिसंबर में तापमान व्युत्क्रमण आम है क्योंकि तिब्बती पठार से आने वाली हवा सिंधु-गंगा के मैदान से आने वाली धुएंदार हवा के साथ मिल जाती है। यह व्युत्क्रमण एक ढक्कन की तरह काम करता है जहां गर्म हवा सतह के पास प्रदूषकों को फंसा लेती है और उत्तर में हिमालय पर्वत और दक्षिण में विंध्य पर्वत के बीच प्रदूषकों को रोकने में मदद करती है।
हवाओं की दिशा के साथ तापमान में गिरावट भी वायु प्रदूषण के स्तर को प्रभावित करती है। जैसे तापमान में गिरावट आती है, तापीय व्युत्क्रमण के चलते धरातल के नजदीक ठंडी वायु और ऊपर की ओर गर्म वायु की एक परत बन जाती है, जिससे प्रदूषक वायुमंडल की ऊपरी परत में विस्तारित नहीं हो पाते हैं।
यह है स्थिति वायु गुणवत्ता सूचकांक
0- 50 अच्छा
51- 100 संतोषजनक
101- 200 संवेदनशील
201- 300 खराब
301- 400 अत्यंत खराब
400+ खतरनाक
सुबह-शाम घर से निकलने से करें परहेज : डॉ. राजेश
सर्दी में हवा धीमी चलने व वाहनों के प्रदूषण के साथ जलने वाली लकड़ी का धुआं ऊपरी वायुमंडल की परत में नहीं जाता है। धूल के साथ मिलकर वातावरण को प्रदूषित कर देता है। इसके चलते अस्थमा, खांसी, एलर्जी और सीओपीडी की समस्या होने लगती है। राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.राजेश कुमार ने बताया कि एक्यूआई की स्थिति को देखते हुए सुबह-शाम घर से ज्यादा बाहर निकलने से परहेज करें। मास्क का इस्तेमाल कर सकते हैं। समस्या होने पर डॉक्टर से सलाह लेकर ही उपचार कराएं।