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आयकर छापा : सेल एग्री में 42 घंटे बीतने के बाद भी पूरी नहीं हो सकी जांच
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पुवायां (शाहजहांपुर)। गांव इनायतपुर स्थित सेल एग्री कमोडिटीज राइस मिल में सोमवार सुबह से जांच में जुटी आयकर अधिकारियों की टीम 42 घंटों के बाद भी मंगलवार देर रात तक अभिलेख खंगालने और कंप्यूटरों की जांच में जुटी रही। इस दौरान बैंक एकाउंट से लेन-देन का मिलान किया गया। अधिकारियों ने दस्तावेज, बिजनेस रिकॉर्ड और आय संबंधी जानकारी खंगाली। चर्चा है कि टैक्स चोरी की आशंका में छापा मारा गया है।
हरियाणा और दिल्ली के नंबरों के टैक्सी वाहनों से आयकर विभाग के अधिकारी पुलिस बल के साथ सोमवार सुबह छह बजे सेल एग्री कमोडिटीज पहुंचे थे। अधिकारियों ने मिल के सुरक्षा गार्डों को हटाकर गेट पर पुलिस तैनात कर दी थी और रात की पाली के श्रमिकों, कर्मचारियों के मोबाइल फोन जमा कराने के बाद सुबह 10 बजे कारखाने से बाहर निकाल दिया था।
दिन की पाली के कर्मियों को मिल में नहीं जाने दिया गया था। सोमवार रात बेहद जरूरी सेवाओं के कर्मियों को मिल में जाने दिया गया, लेकिन उनके मोबाइल पुलिसकर्मियों ने जमा करा लिए। मंगलवार सुबह भी मिल गेट पर सन्नाटा पसरा रहा। इस दौरान बाहर से धान लेकर आए ट्रकों की लंबी कतार मिल के दोनों ओर लग गई। धान का उतार न होने से ट्रक चालक और धान भेजने वाले व्यापारी परेशान रहे। व्यापारियों का कहना है कि धान नहीं उतरने से ट्रकों का ज्यादा किराया उन्हें भरना पड़ेगा।
मंगलवार दोपहर तक भी आयकर विभाग के अधिकारियों ने मीडिया को किसी प्रकार की जानकारी नहीं दी। मिल अधिकारियों और कर्मचारियों ने मोबाइल स्विच ऑफ होने से उनका पक्ष भी नहीं मिल सका। मिल पर छापे को पंजाब के जलालाबाद के पूर्व विधायक रामेंद्र सिंह के आवास सहित उनके पंजाब और राजस्थान में प्रतिष्ठानों पर छापे से भी जोड़कर देखा जा रहा है। पंजाब, राजस्थान आदि में पूर्व विधायक के यहां भी आयकर टीम जांच कर रही है। छापे के पीछे कर चोरी या अघोषित आय का संदेह माना जा रहा है।
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अधिकारियों के वाहन चालकों से भी हुई पूछताछ
सूत्रों के अनुसार आयकर अधिकारियों ने मंगलवार को मिल के अधिकारियाें के वाहन चालकों से गहन पूछताछ की। अधिकारियों ने यह जानने का प्रयास किया कि मिल के अधिकारियों का कहां आना-जाना था। चालकों से पूछा गया कि मिल के शीर्ष अधिकारी प्रशासन के किन अफसरों से मिलते थे और कितनी बार, कहां मुलाकात हुई। चालकों से यह भी पूछा गया कि वे किन प्रशासन के किन अधिकारियों, नेताओं आदि को मिल लाते थे।
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सुरक्षाकर्मी ही जा सके मिल परिसर में
आयकर अधिकारियों के साथ मौजूद पुलिस कर्मियों ने सोमवार रात और मंगलवार सुबह मिल के कुछ सुरक्षाकर्मियों को ही अंदर जाने दिया। इस दौरान सुरक्षाकर्मियों के मोबाइल फोन गेट पर ही जमा करा लिए गए। मिल के अंदर काफी धान और चावल भरा हुआ है। मिल के अंदर गए सिक्योरिटी गार्ड मिल की बाउंड्रीवॉल के आसपास से मिल की संपत्ति की सुरक्षा में लगे रहे। मिल के कार्यालय आदि के पास किसी को भी नहीं जाने दिया गया।
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हरियाणा और दिल्ली के नंबरों के टैक्सी वाहनों से आयकर विभाग के अधिकारी पुलिस बल के साथ सोमवार सुबह छह बजे सेल एग्री कमोडिटीज पहुंचे थे। अधिकारियों ने मिल के सुरक्षा गार्डों को हटाकर गेट पर पुलिस तैनात कर दी थी और रात की पाली के श्रमिकों, कर्मचारियों के मोबाइल फोन जमा कराने के बाद सुबह 10 बजे कारखाने से बाहर निकाल दिया था।
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दिन की पाली के कर्मियों को मिल में नहीं जाने दिया गया था। सोमवार रात बेहद जरूरी सेवाओं के कर्मियों को मिल में जाने दिया गया, लेकिन उनके मोबाइल पुलिसकर्मियों ने जमा करा लिए। मंगलवार सुबह भी मिल गेट पर सन्नाटा पसरा रहा। इस दौरान बाहर से धान लेकर आए ट्रकों की लंबी कतार मिल के दोनों ओर लग गई। धान का उतार न होने से ट्रक चालक और धान भेजने वाले व्यापारी परेशान रहे। व्यापारियों का कहना है कि धान नहीं उतरने से ट्रकों का ज्यादा किराया उन्हें भरना पड़ेगा।
मंगलवार दोपहर तक भी आयकर विभाग के अधिकारियों ने मीडिया को किसी प्रकार की जानकारी नहीं दी। मिल अधिकारियों और कर्मचारियों ने मोबाइल स्विच ऑफ होने से उनका पक्ष भी नहीं मिल सका। मिल पर छापे को पंजाब के जलालाबाद के पूर्व विधायक रामेंद्र सिंह के आवास सहित उनके पंजाब और राजस्थान में प्रतिष्ठानों पर छापे से भी जोड़कर देखा जा रहा है। पंजाब, राजस्थान आदि में पूर्व विधायक के यहां भी आयकर टीम जांच कर रही है। छापे के पीछे कर चोरी या अघोषित आय का संदेह माना जा रहा है।
अधिकारियों के वाहन चालकों से भी हुई पूछताछ
सूत्रों के अनुसार आयकर अधिकारियों ने मंगलवार को मिल के अधिकारियाें के वाहन चालकों से गहन पूछताछ की। अधिकारियों ने यह जानने का प्रयास किया कि मिल के अधिकारियों का कहां आना-जाना था। चालकों से पूछा गया कि मिल के शीर्ष अधिकारी प्रशासन के किन अफसरों से मिलते थे और कितनी बार, कहां मुलाकात हुई। चालकों से यह भी पूछा गया कि वे किन प्रशासन के किन अधिकारियों, नेताओं आदि को मिल लाते थे।
सुरक्षाकर्मी ही जा सके मिल परिसर में
आयकर अधिकारियों के साथ मौजूद पुलिस कर्मियों ने सोमवार रात और मंगलवार सुबह मिल के कुछ सुरक्षाकर्मियों को ही अंदर जाने दिया। इस दौरान सुरक्षाकर्मियों के मोबाइल फोन गेट पर ही जमा करा लिए गए। मिल के अंदर काफी धान और चावल भरा हुआ है। मिल के अंदर गए सिक्योरिटी गार्ड मिल की बाउंड्रीवॉल के आसपास से मिल की संपत्ति की सुरक्षा में लगे रहे। मिल के कार्यालय आदि के पास किसी को भी नहीं जाने दिया गया।
