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Shamli News: एसआईआर में दंगा विस्थापित मतदाताओं को परेशानी
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कैराना। एसआईआर फार्म भरने के दौरान कैराना के दंगा विस्थापित कॉलोनियों में रहने वाले मतदाताओं को गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। फॉर्म भरने के लिए उन्हें अपने पैतृक गांव की वर्ष 2003 की मतदाता सूची का रिकॉर्ड प्रस्तुत करना पड़ रहा है, जिसे जुटाना अधिकांश परिवारों के लिए मुश्किल साबित हो रहा है।
विधानसभा क्षेत्र में बीएलओ घर-घर जाकर एसआईआर के फॉर्म भरवा रहे हैं। नाहिद कॉलोनी के बीएलओ रविंद्र ने बताया कि यहां रहने वाले अधिकांश मतदाता 2013 दंगे के बाद अपने मूल गांवों से विस्थापित होकर आए थे।
ऐसे में वर्ष 2003 की मतदाता सूची खोजना उनके लिए बड़ी चुनौती है।
बीएलओ ने बताया कि मतदान सूची 2003 जन सेवा केंद्र या निर्वाचन आयोग की वेबसाइट से मिल सकती है, लेकिन अशिक्षा के कारण अधिकांश मतदाता इस प्रक्रिया को समझ नहीं पा रहे हैं।
ऊपर से यदि मतदाता के माता–पिता की मृत्यु हो चुकी है तो उनका रिकॉर्ड 2003 की सूची में ढूंढना और भी कठिन हो जाता है।नाहिद कॉलोनी में करीब 200 मतदाताओं के एसआईआर फार्म भरने का कार्य लंबित है। यही समस्या शफा कॉलोनी सहित अन्य विस्थापित बस्तियों में भी सामने आ रही है, जहां लोग रिकॉर्ड के अभाव में फार्म पूरे नहीं कर पा रहे।
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विधानसभा क्षेत्र में बीएलओ घर-घर जाकर एसआईआर के फॉर्म भरवा रहे हैं। नाहिद कॉलोनी के बीएलओ रविंद्र ने बताया कि यहां रहने वाले अधिकांश मतदाता 2013 दंगे के बाद अपने मूल गांवों से विस्थापित होकर आए थे।
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ऐसे में वर्ष 2003 की मतदाता सूची खोजना उनके लिए बड़ी चुनौती है।
बीएलओ ने बताया कि मतदान सूची 2003 जन सेवा केंद्र या निर्वाचन आयोग की वेबसाइट से मिल सकती है, लेकिन अशिक्षा के कारण अधिकांश मतदाता इस प्रक्रिया को समझ नहीं पा रहे हैं।
ऊपर से यदि मतदाता के माता–पिता की मृत्यु हो चुकी है तो उनका रिकॉर्ड 2003 की सूची में ढूंढना और भी कठिन हो जाता है।नाहिद कॉलोनी में करीब 200 मतदाताओं के एसआईआर फार्म भरने का कार्य लंबित है। यही समस्या शफा कॉलोनी सहित अन्य विस्थापित बस्तियों में भी सामने आ रही है, जहां लोग रिकॉर्ड के अभाव में फार्म पूरे नहीं कर पा रहे।