{"_id":"686c2312dd710d17bc08e1e1","slug":"there-is-a-ventilator-in-the-hospital-but-no-specialist-doctor-shravasti-news-c-104-1-srv1002-112537-2025-07-08","type":"story","status":"publish","title_hn":"Shravasti News: अस्पताल में वेंटिलेटर तो है पर विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Shravasti News: अस्पताल में वेंटिलेटर तो है पर विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं
संवाद न्यूज एजेंसी, श्रावस्ती
Updated Tue, 08 Jul 2025 01:12 AM IST
विज्ञापन

युक्त जिला चिकित्सालय भिनगा के इमरजेंसी वार्ड में रखा वेंटिलेटर का उपकरण।
श्रावस्ती। संयुक्त जिला चिकित्सालय भिनगा में मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए करोना काल में वेंटिलेटर लगवाए गए थे। इसके बाद संचालन के लिए न तो विशेषज्ञ चिकित्सक तैनात हुए न ही कर्मियों की तैनाती हुई। वहीं विगत माह इमरजेंसी के एक वार्ड को क्रिटिकल केयर यूनिट में परिवर्तित किया गया पर कर्मियों के न होने से लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है।
जिला चिकित्सालय में श्वसन रोग से संबंधित काफी मरीज आते हैं। समुचित इलाज न मिलने के कारण उनको दूसरे जिलों का सहारा लेना पड़ता है। इसका कारण है कि जिन मरीजों को सांस लेने में समस्या होती है उनको वेंटिलेटर के सहारे सांस दिलाई जाती है। इसके लिए संयुक्त जिला चिकित्सालय भिनगा में कोरोना काल के दौरान दो वार्ड, आईसीयू में परिवर्तित कर ऑक्सीजन व वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई थी। इसके बाद भी न तो कार्डियोलॉजिस्ट की तैनाती की गई और न ही उसके संचालन के लिए प्रशिक्षित कर्मियों को ही तैनात किया गया।
वहीं दूसरी ओर इमरजेंसी वार्ड के एक कक्ष को विगत माह क्रिटिकल केयर यूनिट में परिवर्तित किया गया। यहां पर सक्शन मशीन, पारा मानीटर, ऑक्सीजन, ईसीजी व बीपी सहित अन्य उपकरणों को मुहैया कराया गया, लेकिन प्रशिक्षित कर्मियों के तैनात न होने से मरीजों को इसका समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में हृदय रोगियों व अन्य गंभीर मरीजों को बहराइच व लखनऊ रेफर कर दिया जाता है। इससे मरीजों को समय से इलाज मिलने पर उन्हें समस्या का सामना करना पड़ता है।
वेंटिलेटर तो लगे हैं, लेकिन इनके संचालन के लिए चिकित्सक व कर्मी की तैनाती नहीं है। ऐसे में इन उपकरणों का संचालन नहीं हो पा रहा है। चिकित्सा कर्मियों की तैनाती हो जाए तो मरीजों को इससे काफी लाभ होगा। - डॉ. केडी गुप्ता, सीएमएस
विज्ञापन

Trending Videos
जिला चिकित्सालय में श्वसन रोग से संबंधित काफी मरीज आते हैं। समुचित इलाज न मिलने के कारण उनको दूसरे जिलों का सहारा लेना पड़ता है। इसका कारण है कि जिन मरीजों को सांस लेने में समस्या होती है उनको वेंटिलेटर के सहारे सांस दिलाई जाती है। इसके लिए संयुक्त जिला चिकित्सालय भिनगा में कोरोना काल के दौरान दो वार्ड, आईसीयू में परिवर्तित कर ऑक्सीजन व वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई थी। इसके बाद भी न तो कार्डियोलॉजिस्ट की तैनाती की गई और न ही उसके संचालन के लिए प्रशिक्षित कर्मियों को ही तैनात किया गया।
विज्ञापन
विज्ञापन
वहीं दूसरी ओर इमरजेंसी वार्ड के एक कक्ष को विगत माह क्रिटिकल केयर यूनिट में परिवर्तित किया गया। यहां पर सक्शन मशीन, पारा मानीटर, ऑक्सीजन, ईसीजी व बीपी सहित अन्य उपकरणों को मुहैया कराया गया, लेकिन प्रशिक्षित कर्मियों के तैनात न होने से मरीजों को इसका समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में हृदय रोगियों व अन्य गंभीर मरीजों को बहराइच व लखनऊ रेफर कर दिया जाता है। इससे मरीजों को समय से इलाज मिलने पर उन्हें समस्या का सामना करना पड़ता है।
वेंटिलेटर तो लगे हैं, लेकिन इनके संचालन के लिए चिकित्सक व कर्मी की तैनाती नहीं है। ऐसे में इन उपकरणों का संचालन नहीं हो पा रहा है। चिकित्सा कर्मियों की तैनाती हो जाए तो मरीजों को इससे काफी लाभ होगा। - डॉ. केडी गुप्ता, सीएमएस