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Siddharthnagar News: बिक रही पटरी... जाम से रोजाना सांसत

संवाद न्यूज एजेंसी, सिद्धार्थनगर Updated Wed, 10 Dec 2025 12:04 AM IST
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Siddharthnagar News: Tracks are being sold... daily trouble due to traffic jam
शहर के सिद्धार्थ तिराहे से लुंबिनी मार्ग पर सड़क पर अतिक्रमण करके बाइक की मरम्मत करते मकेनिक। स
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सिद्धार्थनगर। शहर की सड़कें अतिक्रमण से लगने वाले जाम से कराहने लगी है। सड़क की पटरियों को बेचा जा रहा है। सड़क किनारे मकान वाले ठेला-रेहड़ी वालों से दुकान लगाने की कीमत वसूल रहे हैं। इसका नतीजा है कि शहर के हाइडिल तिराहे से सिद्धार्थ तिराहा होते हुए पेट्रोल पंप तिराहा तक मुख्य मार्ग पर मकानों की नाली के साथ ही सड़क की पटरी तक कब्जा किया जा चुका है।
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वहीं सरकारी कार्यालय भी इससे अछूते नहीं हैं। यहां भी अतिक्रमण कर दुकान लगाने की होड़ मची है। शहर के मुख्य मार्ग पर हाइडिल तिराहे से सिद्धार्थ तिराहे तक सिंचाई विभाग, पीडब्ल्यूडी, पशु चिकित्सालय, पीएचसी और ब्लॉक कार्यालय बने है। सिंचाई विभाग, पीडब्ल्यूडी, पीएचसी और ब्लॉक कार्यालय नौगढ़ की बाउंड्रीवाल के बाहर पहले से ही कई दुकानें संचालित थी, अब पशु चिकित्सालय की बाउंड्रीवाॅल से सटे दुकान बन चुकी है।
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पूर्व सभासद मनोज तिवारी का कहना है कि शहर की मुख्य सड़क से लेकर गलियों तक में पटरी पर कब्जा होने से जाम से जूझना पड़ता है। सड़क किनारे की पटरी को कब्जा करने अथवा दुकानदारों को बेचने के चलन से सर्वाधिक दिक्कत हो रही है। हालत यह है कि सड़क किनारे सरकारी कार्यालयों की बाउंड्रीवाल के बगल में कब्जा कर खुलेआम दुकान संचालित हो रही हैं, लेकिन अतिक्रमण की इन घटनाओं पर संबंधित विभाग समेत नगर पालिका, तहसील प्रशासन की तरफ से अंकुश नहीं लगाया जा रहा है।
नाली पर दुकान, पटरी पर वाहन व खरीदार: मुख्य सड़क पर हाइडिल तिराहे से सिद्धार्थ तिराहा होते हुए पेट्राेल पंप तिराहा तक नाली अतिक्रमण कर बनी दुकानों से लोग सड़क पर वाहन खड़ा कर खरीदारी करते हैं, जिससे दूसरे वाहनों के आवागमन के दौरान जाम लग जाता है। शहर के पीडब्ल्यूडी कार्यालय के पास बनी दुकानों के पास खड़े वाहनों के अलावा सामने स्थित बड़ी दुकानों पर खरीदारी करने वालों के भी वाहन खड़े हो जाते हैं, जिससे यहां अक्सर जाम लग जाता है। इसी तरह सिंचाई विभाग के पास संचालित हो रहे अस्थायी टैक्सी व बस स्टैंड पर भी सड़क किनारे वाहनों के खड़े होने से लोगों को जाम में जूझना पड़ता है। वहीं अब नए सिरे से पशु अस्पताल के पास अतिक्रमण कर बन रही दुकान के चलते वाहनों की पार्किंग से जाम की समस्या बढ़नी तय है।
जगह के अनुसार तय है अतिक्रमित दुकानों का रेट: सूत्रों की मानें तो शहर के मुख्य चौराहे से हाइडिल तिराहे तक निजी मकानों और सरकारी कार्यालयों के सामने सड़क की पटरी पर अतिक्रमण कर दुकान रखने के लिए अलग-अलग रेट निर्धारित है। एक दुकानदार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मुख्य चौराहे के आसपास निजी मकान के सामने ठेला अथवा टंकी रखने के लिए तीन से पांच हजार रुपये तक किराया देना पड़ता है। वहीं सरकारी कार्यालयों के पास सड़क किनारे दुकान संचालन के लिए तीन से चार हजार रुपये तक देना पड़ता है। स्थायी और अस्थायी ठेला लगाने और टंकी रखने का भी अलग-अलग रेट है। एक सरकारी कार्यालय के पास अतिक्रमण कर दुकान चला रहे एक व्यक्ति का कहना था कि उन्हें समय-समय पर कई लोगों को संतुष्ट करना पड़ता है।
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