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Sitapur News: केवानी नदी के उफनाने से 100 बीघा फसल डूबी
संवाद न्यूज एजेंसी, सीतापुर
Updated Mon, 15 Sep 2025 11:55 PM IST
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खेत में भरा बाढ़ा का पानी।
- फोटो : कोल्ड स्टोरेज में पड़ा आलू।
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रामपुर मथुरा/जहांगीराबाद। सरयू की लहरों ने फिर कटान शुरू कर दिया है। सुंदरपुरवा और लोधनपुरवा में दो पक्के मकान कटकर सरयू में समा गए। इससे ग्रामीण भयभीत हैं। केवानी नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से तटवर्ती इलाका बाढ़ की चपेट में है।
करीब 100 बीघा में लगी फसल डूब गई है। रास्तों पर बाढ़ का पानी भर गया है। जहांगीराबाद में आबादी के करीब पानी पहुंच गया है। संभावित बाढ़ से लोग भयभीत हैं। गिरिजापुरी के तीनों बैराजों से सोमवार को 3.20 लाख क्यूसेक पानी फिर छोड़ा गया है।
रामपुर मथुरा के अंगरौरा में लगे मीटर गेज पर सोमवार को सरयू नदी का जलस्तर 118.10 मीटर दर्ज किया गया। पानी स्थिर रहने के साथ कटान फिर शुरू हो गई है। शुकुलपुरवा के प्रधान श्रीराम ने बताया कि सुंदरपुरवा में मुरली और लोधनपुरवा में नारायण का पक्का मकान कटान की भेंट चढ़ गए हैं। नारायण ने बताया कि लेखपाल ने सर्वे कर लिया है। कटान तेज होने से ग्रामीण दहशत में हैं।
उधर, केवानी नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी जारी है। जहांगीराबाद के आसपास करीब 100 बीघा खेत बाढ़ की चपेट में हैं। बाढ़ का पानी रास्तों पर भरने के साथ आबादी के करीब पहुंच गया है। किसानों को फसलों के नुकसान की चिंता सताने लगी है। किसान हाफिज सूफियान ने बताया कि नौ बीघा उरद ठेके पर खेत लेकर बोया था। अच्छी फसल होने की उम्मीद थी, बाढ़ ने फसल तबाह कर दी है।
संजय व निर्मल ने बताया कि चार बीघा उरद व मकाई बोई थी, छह बीघा धान बंटाई पर खेत लेकर बोया था। बाढ़ आने से फसल सड़ने का खतरा पैदा हो गया है। राम नरेश सैनी ने बताया कि धान में दाना बनना शुरू हुआ है, पानी भरने से तेज हवा चलने पर फसल टूटकर गिर जाएगी। खलील, बदलू, आसिफ, नजीर, टोर्री, कमालू, अनीस, लतीफ, फैजुल्ला, गुड्डू, अतीक आदि फसलें जलमग्न होने पर नुकसान के डर से चिंतित हैं।

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करीब 100 बीघा में लगी फसल डूब गई है। रास्तों पर बाढ़ का पानी भर गया है। जहांगीराबाद में आबादी के करीब पानी पहुंच गया है। संभावित बाढ़ से लोग भयभीत हैं। गिरिजापुरी के तीनों बैराजों से सोमवार को 3.20 लाख क्यूसेक पानी फिर छोड़ा गया है।
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रामपुर मथुरा के अंगरौरा में लगे मीटर गेज पर सोमवार को सरयू नदी का जलस्तर 118.10 मीटर दर्ज किया गया। पानी स्थिर रहने के साथ कटान फिर शुरू हो गई है। शुकुलपुरवा के प्रधान श्रीराम ने बताया कि सुंदरपुरवा में मुरली और लोधनपुरवा में नारायण का पक्का मकान कटान की भेंट चढ़ गए हैं। नारायण ने बताया कि लेखपाल ने सर्वे कर लिया है। कटान तेज होने से ग्रामीण दहशत में हैं।
उधर, केवानी नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी जारी है। जहांगीराबाद के आसपास करीब 100 बीघा खेत बाढ़ की चपेट में हैं। बाढ़ का पानी रास्तों पर भरने के साथ आबादी के करीब पहुंच गया है। किसानों को फसलों के नुकसान की चिंता सताने लगी है। किसान हाफिज सूफियान ने बताया कि नौ बीघा उरद ठेके पर खेत लेकर बोया था। अच्छी फसल होने की उम्मीद थी, बाढ़ ने फसल तबाह कर दी है।
संजय व निर्मल ने बताया कि चार बीघा उरद व मकाई बोई थी, छह बीघा धान बंटाई पर खेत लेकर बोया था। बाढ़ आने से फसल सड़ने का खतरा पैदा हो गया है। राम नरेश सैनी ने बताया कि धान में दाना बनना शुरू हुआ है, पानी भरने से तेज हवा चलने पर फसल टूटकर गिर जाएगी। खलील, बदलू, आसिफ, नजीर, टोर्री, कमालू, अनीस, लतीफ, फैजुल्ला, गुड्डू, अतीक आदि फसलें जलमग्न होने पर नुकसान के डर से चिंतित हैं।