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Sitapur News: नहर कटने से बरमी गांव में भरा पानी, डूबी फसलें
संवाद न्यूज एजेंसी, सीतापुर
Updated Fri, 19 Dec 2025 10:49 PM IST
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बरमी गांव में भरे पानी के बीच गुजरते ग्रामीण।
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मिश्रिख। तहसील के बरमी गांव के पास बृहस्पतिवार देर रात अर्थाना रजबाहा नहर कट गई। ग्रामीणों का आरोप है कि उन्होंने नहर विभाग के अधिकारियों को फोन कर घटना की जानकारी दी। सभी जिम्मेदारों ने कोहरे व रात का हवाला देकर सुबह आने की बात कही। शुक्रवार सुबह तक बरमी गांव के उत्तरी हिस्से की गलियों में पानी भर गया और लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया। साथ ही करीब पचास बीघा से अधिक फसलें डूब गईं। शुक्रवार दोपहर अधिकारी पहुंचे, इसके बाद कहीं जाकर नहर की मरम्मत की गई।
बरमी निवासी सर्वेश कुमार, इंदल ,अरविंद ने बताया कि साढ़े 17 मीटर लंबी अर्थाना रजबाहा नहर की सफाई पंद्रह से बीस दिन पहले की गई थी। 11 दिसंबर को इसमें पानी छोड़ा गया। 14 दिसंबर को यह पानी अर्थाना रजबहा नहर में पहुंच गया। बुधवार को गांव के पास नहर कट गई। इसकी सूचना अधिकारियों को दी। उन्होंने आकर मरम्मत की। इसके बाद बृहस्पतिवार रात को नहर एक बार फिर कट गई। इसकी जानकारी देने के लिए अधिकारियों से संपर्क किया पर कुछ किया नहीं गया।
इससे माइनर के आसपास खेतों में पानी भर गया। धीरे-धीरे पानी बढ़ता रहा। कुछ ही देर में गांव के उत्तरी हिस्से में पानी भर गया। गलियों में पानी भरने से लोग घरों में कैद हो गये। बाग, गेहूं की फसलों से होते हुए गांव की गलियां जलमग्न हो गईं। वहीं प्रधान प्रतिनिधि अमित कश्यप ने बताया कई बार नहर विभाग को फोन मिलाया। अफसर टालते रहे। इसके बाद दोपहर में आकर नहर की मरम्मत की।
रात भर ग्रामीणों ने चलाया फावड़ा, तब सुरक्षित बचे घर
देर रात नहर का पानी गांव में घुसने लगा। इसके बाद गांव वालों ने फावड़े लेकर नहर के पानी को रोकने का प्रयास किया। हालांकि इसमें वह सफल नहीं हो पाए। गांव के उत्तरी हिस्से में पानी पहुंच गया।
- बृजलाल
मेरा पांच बीघा सरसों और तीन बीघा गेहूं पूरी तरह पानी में डूब गया है। अचानक से पानी खेतों में घुसा। हम लोगों ने रात को ही अधिकारियों को बताया लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ। सब बर्बाद हो गया।
- मोहित
गांव में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। रोजमर्रा के काम प्रभावित हो गए हैं। आज न तो कोई बच्चा स्कूल गया, न कोई काम हो पा रहा है। बहुत मुश्किल हो गया है। फसलें भी डूब गई हैं। अगर रात में गांव वाले फावड़ा न चलाते तो घरों में पानी घुस गया होता।
- अंकित कुमार
गांव में पानी भरा है। इस कड़ाके की ठंड में नहर विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा उठाना पड़ रहा है। कुछ घरों में चूल्हों तक पानी पहुंच गया है। आज दूसरे घर से खाना बनवाकर मंगाएंगे।
- शिवचरण
देर रात इसकी सूचना मिली थी। बहुत ज्यादा कोहरा था। शुक्रवार सुबह टीम भेजकर पूरी मरम्मत कराई गई है। कुछ खेत जलमग्न हो गए हैं। गांव में भरे पानी को भी निकालने का प्रयास किया जाएगा। दो से तीन साल पूर्व भी ऐसी समस्या आई थी, तब भी पानी बाहर निकाल दिया था। इस बार भी यही करेंगे।
शब्दकांत वर्मा, जूनियर इंजीनियर, नहर विभाग
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बरमी निवासी सर्वेश कुमार, इंदल ,अरविंद ने बताया कि साढ़े 17 मीटर लंबी अर्थाना रजबाहा नहर की सफाई पंद्रह से बीस दिन पहले की गई थी। 11 दिसंबर को इसमें पानी छोड़ा गया। 14 दिसंबर को यह पानी अर्थाना रजबहा नहर में पहुंच गया। बुधवार को गांव के पास नहर कट गई। इसकी सूचना अधिकारियों को दी। उन्होंने आकर मरम्मत की। इसके बाद बृहस्पतिवार रात को नहर एक बार फिर कट गई। इसकी जानकारी देने के लिए अधिकारियों से संपर्क किया पर कुछ किया नहीं गया।
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इससे माइनर के आसपास खेतों में पानी भर गया। धीरे-धीरे पानी बढ़ता रहा। कुछ ही देर में गांव के उत्तरी हिस्से में पानी भर गया। गलियों में पानी भरने से लोग घरों में कैद हो गये। बाग, गेहूं की फसलों से होते हुए गांव की गलियां जलमग्न हो गईं। वहीं प्रधान प्रतिनिधि अमित कश्यप ने बताया कई बार नहर विभाग को फोन मिलाया। अफसर टालते रहे। इसके बाद दोपहर में आकर नहर की मरम्मत की।
रात भर ग्रामीणों ने चलाया फावड़ा, तब सुरक्षित बचे घर
देर रात नहर का पानी गांव में घुसने लगा। इसके बाद गांव वालों ने फावड़े लेकर नहर के पानी को रोकने का प्रयास किया। हालांकि इसमें वह सफल नहीं हो पाए। गांव के उत्तरी हिस्से में पानी पहुंच गया।
- बृजलाल
मेरा पांच बीघा सरसों और तीन बीघा गेहूं पूरी तरह पानी में डूब गया है। अचानक से पानी खेतों में घुसा। हम लोगों ने रात को ही अधिकारियों को बताया लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ। सब बर्बाद हो गया।
- मोहित
गांव में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। रोजमर्रा के काम प्रभावित हो गए हैं। आज न तो कोई बच्चा स्कूल गया, न कोई काम हो पा रहा है। बहुत मुश्किल हो गया है। फसलें भी डूब गई हैं। अगर रात में गांव वाले फावड़ा न चलाते तो घरों में पानी घुस गया होता।
- अंकित कुमार
गांव में पानी भरा है। इस कड़ाके की ठंड में नहर विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा उठाना पड़ रहा है। कुछ घरों में चूल्हों तक पानी पहुंच गया है। आज दूसरे घर से खाना बनवाकर मंगाएंगे।
- शिवचरण
देर रात इसकी सूचना मिली थी। बहुत ज्यादा कोहरा था। शुक्रवार सुबह टीम भेजकर पूरी मरम्मत कराई गई है। कुछ खेत जलमग्न हो गए हैं। गांव में भरे पानी को भी निकालने का प्रयास किया जाएगा। दो से तीन साल पूर्व भी ऐसी समस्या आई थी, तब भी पानी बाहर निकाल दिया था। इस बार भी यही करेंगे।
शब्दकांत वर्मा, जूनियर इंजीनियर, नहर विभाग
