{"_id":"68c315c619622c77dc0802f4","slug":"four-houses-are-the-target-of-waves-in-lakhanipur-sitapur-news-c-102-1-stp1002-140136-2025-09-12","type":"story","status":"publish","title_hn":"Sitapur News: लखनीपुर में लहरों के निशाने पर चार आशियाने","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Sitapur News: लखनीपुर में लहरों के निशाने पर चार आशियाने
संवाद न्यूज एजेंसी, सीतापुर
Updated Fri, 12 Sep 2025 12:02 AM IST
विज्ञापन

कटान करती नदी की लहरें।
विज्ञापन
सीतापुर। शारदा और सरयू नदी का जलस्तर लगातार कम हो रहा है। इससे बाढ़ प्रभावित गांवों के हालात सामान्य होने लगे हैं। बेहटा ब्लॉक के लखनीपुर में शारदा की बेकाबू लहरें लगातार कटान कर रही हैं। चार घर लहरों के निशाने पर हैं। रामपुर मथुरा इलाके में सरयू की बाढ़ से राहत के बाद अब कीचड़ व गंदगी जैसी समस्याओं से लोगों को जूझना पड़ रहा है। संक्रामक रोग भी लोगों को चपेट में ले रहा है।
सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता विशाल पाेरवाल ने बताया कि गिरिजापुरी में लगे मीटर गेज से लिए गए आंकड़ों के मुताबिक बृहस्पतिवार को शारदा नदी का जलस्तर 134.90 मीटर है, जो खतरे निशान से 59 सेमी नीचे है। सरयू नदी का जलस्तर 135.15 मीटर है, जो खतरे के निशान से 163 सेमी नीचे है। तंबौर प्रतिनिधि के अनुसार लखनीपुर में कटान थम नहीं रहा है। सड़क कटने के बाद लहरों का रुख आबादी की ओर है।
परागी लाल, भूखन, राजकिशोर और गजराज के घर कटान की कगार पर हैं, इनके घरों से धारा महज पांच मीटर दूर है। इन लोगों ने बताया कि अपनी गृहस्थी समेटकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शुरू कर दिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि कटान रोधी कार्यों में लापरवाही के कारण यह नौबत आई है।
रामपुर मथुरा प्रतिनिधि के अनुसार बाढ़ के बाद उत्पन्न होने वाली समस्याएं धीरे-धीरे बढ़ रही हैं। शिवमंगल ने बताया कि घरों में कीचड़ व गंदगी के कारण अभी काफी लोग तटबंधों पर शरण लिए हैं।
सुंदरपुरवा के बेनीराम ने बताया कि कुछ कटान पीड़ितों को आवासीय भूमि नहीं मिल पाई है। उन्हें भी उपयुक्त जगह जरूर दी जाए। फूलचंद्र ने बताया कि जिन लोगों के घर कटने के बाद नए बनाए आशियाने भी जल गए थे, उन्हें तात्कालिक मदद प्रशासन ने पहुंचाई थी। अब बाढ़ समाप्त होने के बाद उनके परिवार कैसे जिएंगे, इस पर भी प्रशासन को कुछ उपाय करना चाहिए।

Trending Videos
सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता विशाल पाेरवाल ने बताया कि गिरिजापुरी में लगे मीटर गेज से लिए गए आंकड़ों के मुताबिक बृहस्पतिवार को शारदा नदी का जलस्तर 134.90 मीटर है, जो खतरे निशान से 59 सेमी नीचे है। सरयू नदी का जलस्तर 135.15 मीटर है, जो खतरे के निशान से 163 सेमी नीचे है। तंबौर प्रतिनिधि के अनुसार लखनीपुर में कटान थम नहीं रहा है। सड़क कटने के बाद लहरों का रुख आबादी की ओर है।
विज्ञापन
विज्ञापन
परागी लाल, भूखन, राजकिशोर और गजराज के घर कटान की कगार पर हैं, इनके घरों से धारा महज पांच मीटर दूर है। इन लोगों ने बताया कि अपनी गृहस्थी समेटकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शुरू कर दिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि कटान रोधी कार्यों में लापरवाही के कारण यह नौबत आई है।
रामपुर मथुरा प्रतिनिधि के अनुसार बाढ़ के बाद उत्पन्न होने वाली समस्याएं धीरे-धीरे बढ़ रही हैं। शिवमंगल ने बताया कि घरों में कीचड़ व गंदगी के कारण अभी काफी लोग तटबंधों पर शरण लिए हैं।
सुंदरपुरवा के बेनीराम ने बताया कि कुछ कटान पीड़ितों को आवासीय भूमि नहीं मिल पाई है। उन्हें भी उपयुक्त जगह जरूर दी जाए। फूलचंद्र ने बताया कि जिन लोगों के घर कटने के बाद नए बनाए आशियाने भी जल गए थे, उन्हें तात्कालिक मदद प्रशासन ने पहुंचाई थी। अब बाढ़ समाप्त होने के बाद उनके परिवार कैसे जिएंगे, इस पर भी प्रशासन को कुछ उपाय करना चाहिए।