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Sitapur News: 84 कोसी परिक्रमा पड़ाव स्थलों पर समस्याएं अपार
संवाद न्यूज एजेंसी, सीतापुर
Updated Tue, 30 Dec 2025 12:46 AM IST
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नैमिषारण्य । करीब डेढ़ माह बाद शुरू होने वाली 84 कोसी परिक्रमा को लेकर जिम्मेदार बेपरवाह नजर आ रहे हैं। पूरी कवायद सिर्फ बैठकों में होने वाली चर्चा तक सिमटी नजर आती है। पहला आश्रम के साथ-साथ परिक्रमा के पहले पड़ाव से लेकर जिले के सभी पड़ावों पर तमाम अव्यवस्थाएं हैं, इन्हें दुरुस्त करने को लेकर जिम्मेदार पूरी तरह उदासीन बने हैं।
विश्व विख्यात 84 कोसी परिक्रमा का शंखनाद 18 फरवरी फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष प्रतिप्रदा से होगा। यह परिक्रमा तीन मार्च पूर्णिमा को पूर्ण होगी। हर वर्ष की भांति इस बार भी परिक्रमा में देश, विदेश से काफी संख्या में श्रद्धालुओं के हिस्सेदारी करने की संभावना है। 18 फरवरी फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष प्रतिप्रदा को पहला आश्रम में सुबह चार बजे डंका बजते ही श्रद्धालु परिक्रमा शुरू करेंगे। वहीं इस महा आयोजन के लिए अभी तक कोई भी तैयारी शुरू होती नहीं दिख रही है।
संतों-महंतों द्वारा बताई गई अव्यवस्थाओं को दुरुस्त बनाने के का काम सिर्फ निरीक्षण व बैठक तक ही सिमटा नजर आता है।पहला आश्रम, जहां परिक्रमार्थी डेरा डालते हैं, वहां गंदगी के साथ झाड़ियां उगी हैं, अभी तक उनकी साफ-सफाई का काम शुरू नहीं हुआ है। व्यासगद्दी मार्ग से शिवाला जाने वाले मार्ग भी गड्ढायुक्त है। चक्रतीर्थ से हनुमान गढ़ी जाने वाली सड़क की बजरी उखड़ी है, नाले का पानी भी सड़कों पर बहता रहता है। मां ललिता देवी मंदिर, चक्र तीर्थ मार्ग से बलराम धर्मशाला जाने वाले मार्ग के पास जलभराव की समस्या है।
इसी तरह चक्रतीर्थ के मुख्य द्वार के पास कीचड व जलभराव की समस्या बीते लंबे समय से कायम बनी है। ठाकुरनगर तिराहे से रेलवे क्रासिंग तक प्रकाश व्यवस्था नहीं है। परिक्रमा पथ के भैरमपुर मार्ग पर खम्भों से लाईटें गायब हैं, जिससे मार्ग पर अंधेरा रहता है। 84 कोसी परिक्रमा समिति के सचिव व महंत संतोष दास खाकी ने बताया कि समिति 30 दिसंबर को पड़ावों का निरीक्षण करेगी, जहां जो भी समस्याएं होंगी उनके बारे में अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।
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विश्व विख्यात 84 कोसी परिक्रमा का शंखनाद 18 फरवरी फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष प्रतिप्रदा से होगा। यह परिक्रमा तीन मार्च पूर्णिमा को पूर्ण होगी। हर वर्ष की भांति इस बार भी परिक्रमा में देश, विदेश से काफी संख्या में श्रद्धालुओं के हिस्सेदारी करने की संभावना है। 18 फरवरी फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष प्रतिप्रदा को पहला आश्रम में सुबह चार बजे डंका बजते ही श्रद्धालु परिक्रमा शुरू करेंगे। वहीं इस महा आयोजन के लिए अभी तक कोई भी तैयारी शुरू होती नहीं दिख रही है।
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संतों-महंतों द्वारा बताई गई अव्यवस्थाओं को दुरुस्त बनाने के का काम सिर्फ निरीक्षण व बैठक तक ही सिमटा नजर आता है।पहला आश्रम, जहां परिक्रमार्थी डेरा डालते हैं, वहां गंदगी के साथ झाड़ियां उगी हैं, अभी तक उनकी साफ-सफाई का काम शुरू नहीं हुआ है। व्यासगद्दी मार्ग से शिवाला जाने वाले मार्ग भी गड्ढायुक्त है। चक्रतीर्थ से हनुमान गढ़ी जाने वाली सड़क की बजरी उखड़ी है, नाले का पानी भी सड़कों पर बहता रहता है। मां ललिता देवी मंदिर, चक्र तीर्थ मार्ग से बलराम धर्मशाला जाने वाले मार्ग के पास जलभराव की समस्या है।
इसी तरह चक्रतीर्थ के मुख्य द्वार के पास कीचड व जलभराव की समस्या बीते लंबे समय से कायम बनी है। ठाकुरनगर तिराहे से रेलवे क्रासिंग तक प्रकाश व्यवस्था नहीं है। परिक्रमा पथ के भैरमपुर मार्ग पर खम्भों से लाईटें गायब हैं, जिससे मार्ग पर अंधेरा रहता है। 84 कोसी परिक्रमा समिति के सचिव व महंत संतोष दास खाकी ने बताया कि समिति 30 दिसंबर को पड़ावों का निरीक्षण करेगी, जहां जो भी समस्याएं होंगी उनके बारे में अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।
