{"_id":"690a433edbd438e4b90b1896","slug":"a-consignment-of-cough-syrup-was-being-sent-from-bangladesh-to-america-sonbhadra-news-c-194-1-son1018-136885-2025-11-04","type":"story","status":"publish","title_hn":"Sonebhadra News: बांग्लादेश से अमेरिका तक भेजी जा रही थी कफ सिरप की खेप","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Sonebhadra News: बांग्लादेश से अमेरिका तक भेजी जा रही थी कफ सिरप की खेप
विज्ञापन
विज्ञापन
सोनभद्र। पहले सोनभद्र, फिर रांची और अब गाजियाबाद में करोड़ों के कफ सिरप की बरामदगी से तस्करों के बड़े गिरोह का खुलासा हुआ है। इस गिरोह के तार हरियाणा, यूपी, झारखंड, बंगाल से बांग्लादेश और अमेरिका तक फैले हुए हैं। 15 दिन के भीतर तीन अफसरों और नौ पुलिसकर्मियों की टीम की गिरोह का पर्दाफाश किया। वहीं सरगना सहित 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में बांग्लादेश के जरिये अमेरिका सहित अन्य देशों में कफ सिरप को भेजने की जानकारी सामने आई है।
गाजियाबाद और सोनभद्र की टीमें गिरोह से जुड़ी हर कड़ी तलाशने में जुटी हुई हैं। पानीपत से जुड़े इस गिरोह को पूरी तरह से खत्म किया जा सके इसके लिए हरियाणा पुलिस से संपर्क साधा जा रहा है। गाजियाबाद के मेरठ रोड स्थित गोदाम के बाहर से जो चार ट्रक पकड़े गए उसमें चूने की बोरियों में छिपाकर प्रतिबंधित कप सिरप फेंसीडिल व एस्काफ की लगभग 1.57 लाख शीशियां रखी गई थी। आधी रात के बाद तक जहां सिरप की गिनती चलती रही। इसकी कीमत करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये है। वहीं पकड़े गए सरगना सहित आठ से पूछताछ में पता चला कि सिरप की खेप पानीपत से दिल्ली पहुंचती थी। वहां से गाजियाबाद लाकर मेरठ रोड स्थित गोदाम में भंडारित किया जाता था। यहां से उसे सड़े चावल, चूना या मुर्गीदाना के बोरियों-चिप्स पैकेट आदि में छिपाकर सोनभद्र, झारखंड होते हुए पश्चिम बंगाल और वहां से बांग्लादेश पहुंचाया जाता था।
--
बांग्लादेश से दूसरे देशों में किया जाता था निर्यात :
सूत्र बताते हैं कि बांग्लादेश पहुंचने के बाद कफ सिरप की खेप अमेरिका सहित अन्य देशों में भेजी जाती है। इस प्रतिबंधित कफ सिरप में अफीम की मात्रा मिली होती है। बताया जाता है कि उसे एक प्रक्रिया के तहत सिरप से अलग कर लिया जाता है और विदेशों में ऊंची कीमत पर इसकी तस्करी की जाती थी। फिलहाल मिली जानकारियों की सच्चाई पुलिस खंगाल रही है। यह रैकेट देश के विभिन्न राज्यों के साथ ही दूसरे देशों में कहां तक फैला हुआ है इसकी भी जानकारी जुटाने में टीमें लगी हुई हैं।
--
ट्रकों के आगे चलती थी कार, चालकों को देते थे लोकेशन
सिरप लेकर चलने वाले ट्रकों के आगे क्रेटा कार से तस्करों का एक दस्ता चलता था। यह दस्ता आगे क्या स्थिति है, इसकी जानकारी बराबर ट्रक-कंटेनर चालक को देता रहता था। जिस वक्त गाजियाबाद में छापेमारी हुई उस वक्त वहां चार ट्रक खड़े थे, जिन्हें पश्चिम बंगाल भेजने की तैयारी भी चल रही थी।
--
इन अफसरों, पुलिसकर्मियों की मेहनत लाई रंग
बता दें कि सोनभद्र में साढ़े तीन करोड़ की पहली खेप 18 अक्तूबर की रात बरामद की गई। इसके बाद एसपी अभिषेक वर्मा, एएसपी मुख्यालय अनिल कुमार, सीओ रणधीर मिश्रा, एसओजी इंचार्ज राजेश चौबे, एसआई घनश्याम तिवारी, हेड कांस्टेबल चंद्रकेश पांडेय, कांस्टेबल सतीश, सत्यम पांडेय, अजीत यादव, प्रेमप्रकाश चौरसिया, रीतेश सिंह, रमेश की मेहनत ने 15 दिन के भीतर पूरी चेन खंगाल कर रख दी। एक करोड़ की दूसरी खेप जहां गत शनिवार की रात रांची में बरामद की गई। वहीं लगभग चार करोड़ का सिरप सोमवार की रात गाजियाबाद में पकड़ा गया।
--
वर्जन -
तस्करों के गिरोह का खुलासा किया गया है। गिरोह के तार किन लोगों से जुड़े हैं। कहां तक इनके संपर्क बने हुए हैं, इसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। - अभिषेक वर्मा, एसपी सोनभद्र।
Trending Videos
गाजियाबाद और सोनभद्र की टीमें गिरोह से जुड़ी हर कड़ी तलाशने में जुटी हुई हैं। पानीपत से जुड़े इस गिरोह को पूरी तरह से खत्म किया जा सके इसके लिए हरियाणा पुलिस से संपर्क साधा जा रहा है। गाजियाबाद के मेरठ रोड स्थित गोदाम के बाहर से जो चार ट्रक पकड़े गए उसमें चूने की बोरियों में छिपाकर प्रतिबंधित कप सिरप फेंसीडिल व एस्काफ की लगभग 1.57 लाख शीशियां रखी गई थी। आधी रात के बाद तक जहां सिरप की गिनती चलती रही। इसकी कीमत करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये है। वहीं पकड़े गए सरगना सहित आठ से पूछताछ में पता चला कि सिरप की खेप पानीपत से दिल्ली पहुंचती थी। वहां से गाजियाबाद लाकर मेरठ रोड स्थित गोदाम में भंडारित किया जाता था। यहां से उसे सड़े चावल, चूना या मुर्गीदाना के बोरियों-चिप्स पैकेट आदि में छिपाकर सोनभद्र, झारखंड होते हुए पश्चिम बंगाल और वहां से बांग्लादेश पहुंचाया जाता था।
विज्ञापन
विज्ञापन
बांग्लादेश से दूसरे देशों में किया जाता था निर्यात :
सूत्र बताते हैं कि बांग्लादेश पहुंचने के बाद कफ सिरप की खेप अमेरिका सहित अन्य देशों में भेजी जाती है। इस प्रतिबंधित कफ सिरप में अफीम की मात्रा मिली होती है। बताया जाता है कि उसे एक प्रक्रिया के तहत सिरप से अलग कर लिया जाता है और विदेशों में ऊंची कीमत पर इसकी तस्करी की जाती थी। फिलहाल मिली जानकारियों की सच्चाई पुलिस खंगाल रही है। यह रैकेट देश के विभिन्न राज्यों के साथ ही दूसरे देशों में कहां तक फैला हुआ है इसकी भी जानकारी जुटाने में टीमें लगी हुई हैं।
ट्रकों के आगे चलती थी कार, चालकों को देते थे लोकेशन
सिरप लेकर चलने वाले ट्रकों के आगे क्रेटा कार से तस्करों का एक दस्ता चलता था। यह दस्ता आगे क्या स्थिति है, इसकी जानकारी बराबर ट्रक-कंटेनर चालक को देता रहता था। जिस वक्त गाजियाबाद में छापेमारी हुई उस वक्त वहां चार ट्रक खड़े थे, जिन्हें पश्चिम बंगाल भेजने की तैयारी भी चल रही थी।
इन अफसरों, पुलिसकर्मियों की मेहनत लाई रंग
बता दें कि सोनभद्र में साढ़े तीन करोड़ की पहली खेप 18 अक्तूबर की रात बरामद की गई। इसके बाद एसपी अभिषेक वर्मा, एएसपी मुख्यालय अनिल कुमार, सीओ रणधीर मिश्रा, एसओजी इंचार्ज राजेश चौबे, एसआई घनश्याम तिवारी, हेड कांस्टेबल चंद्रकेश पांडेय, कांस्टेबल सतीश, सत्यम पांडेय, अजीत यादव, प्रेमप्रकाश चौरसिया, रीतेश सिंह, रमेश की मेहनत ने 15 दिन के भीतर पूरी चेन खंगाल कर रख दी। एक करोड़ की दूसरी खेप जहां गत शनिवार की रात रांची में बरामद की गई। वहीं लगभग चार करोड़ का सिरप सोमवार की रात गाजियाबाद में पकड़ा गया।
वर्जन -
तस्करों के गिरोह का खुलासा किया गया है। गिरोह के तार किन लोगों से जुड़े हैं। कहां तक इनके संपर्क बने हुए हैं, इसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। - अभिषेक वर्मा, एसपी सोनभद्र।