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Sultanpur News: अजय की दाहिनी कनपटी में घुसी थी गोली
संवाद न्यूज एजेंसी, सुल्तानपुर
Updated Wed, 16 Apr 2025 11:48 PM IST
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कूरेभार (सुल्तानपुर)। जूड़ापट्टी सहरी गांव में पिता व बड़े भाई के हत्यारोपी अजय यादव ने मंगलवार देर शाम खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। बुधवार दोपहर बाद उसके शव का दो चिकित्सकों की टीम ने पोस्टमार्टम किया। इसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई। रिपोर्ट में सिर में गोली लगने से मौत की पुष्टि हुई है। दाहिनी ओर से चली गोली बायीं तरफ से निकल गई।
आरोप है कि जूड़ापट्टी सहरी गांव निवासी अजय यादव ने भूमि विवाद में रविवार रात पिता काशीराम व बड़े भाई सत्य प्रकाश की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्या करने के बाद से उसे पुलिस तो नहीं खोज सकी थी लेकिन घर पर उसका आना-जाना बना रहा।
पुलिस के मुताबिक मंगलवार देर शाम घर पहुंचे हत्यारोपी अजय यादव ने खुद की कनपटी पर पिस्तौल सटाकर गोली चला दी थी जिससे उसकी मौत हो गई थी। बुधवार को मेडिकल कॉलेज से उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। दो चिकित्सकों की टीम ने पोस्टमार्टम किया।
पोस्टमार्टम हाउस पर अजय के दिल्ली में रहने वाले भाई सत्येंद्र यादव, छोटा भाई विजय यादव व बहन समेत कुछ रिश्तेदार भी पहुंचे थे। अपर पुलिस अधीक्षक अखंड प्रताप सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों व रिश्तेदारों के सुपुर्द कर दिया गया।
शहर के हथियानाला स्थित श्मशान घाट पर अजय का अंतिम संस्कार किया गया।
एकता पर लगी बुरी नजर, बिखर गया भरा-पूरा परिवार
जूड़ापट्टी सहरी गांव में काशीराम यादव का परिवार कभी एकता की मिसाल हुआ करता था। भरे-पूरे परिवार की एकता की सब प्रशंसा करते थे। यही बात गांव के कुछ लोगों को नागवार थी। उन्हीं लोगों ने परिवार में फुटमत डालने का तानाबाना बुना था। रविवार को काशीराम व उनके पुत्र सत्य प्रकाश की हत्या के बाद अजय की आत्महत्या ने उनके मंसूबे को साकार कर दिया। ग्रामीणों के मुताबिक सत्यप्रकाश की भाई अजय यादव से बहुत जमती थी। जब सत्य प्रकाश 2016 में जूड़ा पट्टी के प्रधान चुने गए तो उस चुनाव में अजय ने अपने बड़े भाई को जिताने के लिए काफी मेहनत की थी। यह बात राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को नागवार गुजरी। कुछ समय बाद सत्य प्रकाश के विरोधियों ने अजय को भाई के खिलाफ भड़काना शुरू कर दिया। उसे तरह-तरह के लालच दिए। तनाव बढ़ने पर उसे पिस्तौल व कारतूस भी दिया जिससे उसने घटना को अंजाम दिया। ग्रामीणों के मुताबिक मरने के पहले अजय ने अपने सबसे छोटे भाई से जूड़ापट्टी सहरी व लोकेपुर गांव के चार लोगों के नाम बताए थे।
किसकी है पिस्तौल, खोज में जुटी पुलिस
काशीराम यादव व सत्य प्रकाश की हत्या में जिस पिस्तौल का प्रयोग अजय ने किया था, क्या उसी पिस्तौल से उसने खुदकुशी की, इस रहस्य पर अभी पर्दा पड़ा है। पिस्तौल व कारतूस उसे किसने मुहैया कराया, कूरेभार पुलिस इसका पता लगाने में जुटी है। अजय यादव के मोबाइल के कॉल डिटेल की रिपोर्ट भी निकाली गई है। प्रभारी निरीक्षक रविंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस जांच कर रही है।
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आरोप है कि जूड़ापट्टी सहरी गांव निवासी अजय यादव ने भूमि विवाद में रविवार रात पिता काशीराम व बड़े भाई सत्य प्रकाश की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्या करने के बाद से उसे पुलिस तो नहीं खोज सकी थी लेकिन घर पर उसका आना-जाना बना रहा।
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पुलिस के मुताबिक मंगलवार देर शाम घर पहुंचे हत्यारोपी अजय यादव ने खुद की कनपटी पर पिस्तौल सटाकर गोली चला दी थी जिससे उसकी मौत हो गई थी। बुधवार को मेडिकल कॉलेज से उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। दो चिकित्सकों की टीम ने पोस्टमार्टम किया।
पोस्टमार्टम हाउस पर अजय के दिल्ली में रहने वाले भाई सत्येंद्र यादव, छोटा भाई विजय यादव व बहन समेत कुछ रिश्तेदार भी पहुंचे थे। अपर पुलिस अधीक्षक अखंड प्रताप सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों व रिश्तेदारों के सुपुर्द कर दिया गया।
शहर के हथियानाला स्थित श्मशान घाट पर अजय का अंतिम संस्कार किया गया।
एकता पर लगी बुरी नजर, बिखर गया भरा-पूरा परिवार
जूड़ापट्टी सहरी गांव में काशीराम यादव का परिवार कभी एकता की मिसाल हुआ करता था। भरे-पूरे परिवार की एकता की सब प्रशंसा करते थे। यही बात गांव के कुछ लोगों को नागवार थी। उन्हीं लोगों ने परिवार में फुटमत डालने का तानाबाना बुना था। रविवार को काशीराम व उनके पुत्र सत्य प्रकाश की हत्या के बाद अजय की आत्महत्या ने उनके मंसूबे को साकार कर दिया। ग्रामीणों के मुताबिक सत्यप्रकाश की भाई अजय यादव से बहुत जमती थी। जब सत्य प्रकाश 2016 में जूड़ा पट्टी के प्रधान चुने गए तो उस चुनाव में अजय ने अपने बड़े भाई को जिताने के लिए काफी मेहनत की थी। यह बात राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को नागवार गुजरी। कुछ समय बाद सत्य प्रकाश के विरोधियों ने अजय को भाई के खिलाफ भड़काना शुरू कर दिया। उसे तरह-तरह के लालच दिए। तनाव बढ़ने पर उसे पिस्तौल व कारतूस भी दिया जिससे उसने घटना को अंजाम दिया। ग्रामीणों के मुताबिक मरने के पहले अजय ने अपने सबसे छोटे भाई से जूड़ापट्टी सहरी व लोकेपुर गांव के चार लोगों के नाम बताए थे।
किसकी है पिस्तौल, खोज में जुटी पुलिस
काशीराम यादव व सत्य प्रकाश की हत्या में जिस पिस्तौल का प्रयोग अजय ने किया था, क्या उसी पिस्तौल से उसने खुदकुशी की, इस रहस्य पर अभी पर्दा पड़ा है। पिस्तौल व कारतूस उसे किसने मुहैया कराया, कूरेभार पुलिस इसका पता लगाने में जुटी है। अजय यादव के मोबाइल के कॉल डिटेल की रिपोर्ट भी निकाली गई है। प्रभारी निरीक्षक रविंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस जांच कर रही है।