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इन राहगीरों को सलाम, डूबते प्रवक्ता दंपती समेत तीन को बचाया
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उन्नाव-पुरवा मार्ग पर वह निर्माणाधीन पुल जिससे नहर में गिरी प्रवक्ता की कार। संवाद
- फोटो : UNNAO

पुरवा। पत्नी व बहन के साथ इलाहाबाद से लौट रहे कार सवार प्रवक्ता सामने से आ रहे ट्रक की रोशनी आंखों पर पड़ने से निर्माणाधीन पुल नहीं देख पाए और कार नहर में गिर गई। डूब रही कार सवारों की चीख सुनकर चार राहगीर अपनी जान की परवाह किए बगैर नहर में कूदे और पुलिस की मदद से तीनों को सुरक्षित निकाल लिया। बाद में कोतवाली पुलिस ने क्रेन की मदद से कार को बाहर निकाला। पुल का निर्माण करा रही एजेंसी की ओर से पर्याप्त सुरक्षा प्रबंध न लगाना हादसे की वजह बना।
शहर की आवास विकास कालोनी निवासी ब्रजेश चंद्र कौशल बिजनौर के एक इंटर कॉलेज में हिंदी के प्रवक्ता हैं। उनकी पत्नी नीलम जयसवाल उन्नाव जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में हिंदी की प्रवक्ता हैं। ब्रजेश चंद्र व उनकी बहन सोनम ने जीआईसी में हिंदी प्रवक्ता के लिए आवेदन फार्म भरा था। रविवार को इलाहाबाद में परीक्षा थी। ब्रजेश पत्नी नीलम व बहन सोनम के साथ कार से इलाहाबाद गए थे। परीक्षा देकर घर लौटते समय रात 11:30 बजे उन्नाव-पुरवा मार्ग पर सामने आ रहे ट्रक की सीधी रोशनी आंख में पड़ने से कार चला रहे ब्रजेश कुछ समझ नहीं पाए और कार निर्माणाधीन शारदा नहर पुल से नीचे पानी में गिर गई। पिलर खोदने के लिए नहर में खोदे गए 40 फिट गहरे गहरे गड्ढे में कार गिरते ही डूबने लगी। जान बचाने के लिए कार में फंसे प्रवक्ता दंपती व बहन ने शोर मचाया तो चार राहगीर अपनी जान की परवाह किए बिना नहर में कूद गए और मशक्कत के बाद तीनों को कार से निकाल लिया।
ब्रजेश चंद्र कौशल ने बताया कि सामने से ट्रक की आंख में रोशनी पड़ने से वह नहर पुल पर लगे बोर्ड को देख देख नही पाए और कार सीधे नहर में गिर गई। गहराई अधिक होने से कार आधे से अधिक डूब गई थी। पानी सभी के गले के पास तक पहुंच गया था। मौत बिल्कुल करीब थी। अचानक भगवान बनकर नहर में कूदे चार राहगीरों ने उन्हें बाहर निकाल लिया। इससे सभी की जान बच गई। हादसे के पांच मिनट बाद सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और कार को क्रेन की मदद से नहर से बाहर निकलवाया।
स्थानीय लोगों के अनुसार निर्माणाधीन पुल से पहले भी चार वाहन नहर में गिर चुके हैं। निर्माण कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर अमर चौधरी ने बताया कि राहगीरों को सावधान करने के लिए संकेतक व 15 सावधानी बोर्ड सड़क से नहर पुल के सामने व आसपास लगाए गए हैं। लोगों का कहना है कि नहर में वाहन न गिरे, इसके लिए बोर्ड लगाने के अलावा कोई ठोस इंतजाम नहीं किए गए।
नहर में कार गिरने व अंदर तीन लोगों के फंसे होने की सूचना पर पांच मिनट के अंतराल में पीआरवी 2947 के सिपाही हिमांशु कुमार व अजय नारायण, कार्यवाहक कोतवाली प्रभारी जयप्रकाश यादव, हेडकांस्टेबल प्रेमचंद्र पांडेय व घनश्याम सरोज मौके पर पहुंचे। राहगीरों द्वारा तीनों को पानी से बाहर निकालने में मदद की। एसपी ने रेस्क्यू करने वाली पुलिस टीम को पांच हजार का इनाम दिया है।
एसडीएम राजेश चौरसिया ने कहा कि निर्माण कंपनी के जिम्मेदार को बुलाकर कहा जाएगा कि हादसों को रोकने के लिए समुचित उपाय किए जाएं। कमियों को अविलंब पूरा न किया गया तो कार्रवाई की जाएगी।
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शहर की आवास विकास कालोनी निवासी ब्रजेश चंद्र कौशल बिजनौर के एक इंटर कॉलेज में हिंदी के प्रवक्ता हैं। उनकी पत्नी नीलम जयसवाल उन्नाव जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में हिंदी की प्रवक्ता हैं। ब्रजेश चंद्र व उनकी बहन सोनम ने जीआईसी में हिंदी प्रवक्ता के लिए आवेदन फार्म भरा था। रविवार को इलाहाबाद में परीक्षा थी। ब्रजेश पत्नी नीलम व बहन सोनम के साथ कार से इलाहाबाद गए थे। परीक्षा देकर घर लौटते समय रात 11:30 बजे उन्नाव-पुरवा मार्ग पर सामने आ रहे ट्रक की सीधी रोशनी आंख में पड़ने से कार चला रहे ब्रजेश कुछ समझ नहीं पाए और कार निर्माणाधीन शारदा नहर पुल से नीचे पानी में गिर गई। पिलर खोदने के लिए नहर में खोदे गए 40 फिट गहरे गहरे गड्ढे में कार गिरते ही डूबने लगी। जान बचाने के लिए कार में फंसे प्रवक्ता दंपती व बहन ने शोर मचाया तो चार राहगीर अपनी जान की परवाह किए बिना नहर में कूद गए और मशक्कत के बाद तीनों को कार से निकाल लिया।
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ब्रजेश चंद्र कौशल ने बताया कि सामने से ट्रक की आंख में रोशनी पड़ने से वह नहर पुल पर लगे बोर्ड को देख देख नही पाए और कार सीधे नहर में गिर गई। गहराई अधिक होने से कार आधे से अधिक डूब गई थी। पानी सभी के गले के पास तक पहुंच गया था। मौत बिल्कुल करीब थी। अचानक भगवान बनकर नहर में कूदे चार राहगीरों ने उन्हें बाहर निकाल लिया। इससे सभी की जान बच गई। हादसे के पांच मिनट बाद सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और कार को क्रेन की मदद से नहर से बाहर निकलवाया।
स्थानीय लोगों के अनुसार निर्माणाधीन पुल से पहले भी चार वाहन नहर में गिर चुके हैं। निर्माण कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर अमर चौधरी ने बताया कि राहगीरों को सावधान करने के लिए संकेतक व 15 सावधानी बोर्ड सड़क से नहर पुल के सामने व आसपास लगाए गए हैं। लोगों का कहना है कि नहर में वाहन न गिरे, इसके लिए बोर्ड लगाने के अलावा कोई ठोस इंतजाम नहीं किए गए।
नहर में कार गिरने व अंदर तीन लोगों के फंसे होने की सूचना पर पांच मिनट के अंतराल में पीआरवी 2947 के सिपाही हिमांशु कुमार व अजय नारायण, कार्यवाहक कोतवाली प्रभारी जयप्रकाश यादव, हेडकांस्टेबल प्रेमचंद्र पांडेय व घनश्याम सरोज मौके पर पहुंचे। राहगीरों द्वारा तीनों को पानी से बाहर निकालने में मदद की। एसपी ने रेस्क्यू करने वाली पुलिस टीम को पांच हजार का इनाम दिया है।
एसडीएम राजेश चौरसिया ने कहा कि निर्माण कंपनी के जिम्मेदार को बुलाकर कहा जाएगा कि हादसों को रोकने के लिए समुचित उपाय किए जाएं। कमियों को अविलंब पूरा न किया गया तो कार्रवाई की जाएगी।