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Unnao News: मिलावटी पनीर की रोकथाम के लिए चला अभियान, नमूने लिए
संवाद न्यूज एजेंसी, उन्नाव
Updated Tue, 08 Jul 2025 12:17 AM IST
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तिर्वा। बाजार में मिलावटी पनीर की बिक्री रोकने के लिए खाद्य विभाग सक्रिय हो गया है। विभाग की टीम ने दुकानों पर छापा मारकर ब्रांडेड कंपनी और खुले पनीर के नमूने लिए। नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए हैं।
कस्बे में सोमवार को सहायक आयुक्त (खाद्य) उमेश प्रताप सिंह के निर्देश पर छापेमारी अभियान चलाया गया। इस दौरान एक दुकान से पनीर के नमूने लिए गए। जिन्हें जांच के लिए लैब भेजा गया है। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी संतोष श्रीवास्तव ने बताया कि पिछले शनिवार को सदर क्षेत्र में बिक्री के लिए लाया गया 30 किलो से अधिक मिलावटी पनीर नष्ट कराया गया था। जिसमें तीव्र दुर्गंध आ रही थी, जिससे मिलावट की पुष्टि हुई थी। उन्होंने कहा कि पनीर बाजार में 200 से 250 रुपये प्रति किलो के भाव से बिक रहा है, जबकि बिना मिलावट वाला शुद्ध पनीर बनाने की लागत लगभग 320 रुपये प्रति किलो तक आती है।
ऐसे में कम कीमत पर बिक रहे पनीर की शुद्धता पर सवाल उठना लाजिमी है। उन्होंने कहा कि मिलावटी पनीर की सबसे ज्यादा खपत स्थानीय होटलों और खानपान प्रतिष्ठानों में हो रही है, जहां सस्ता माल लेकर अधिक मुनाफा कमाने की होड़ लगी रहती है। विभाग ऐसे प्रतिष्ठानों की भी निगरानी कर रहा है। खाद्य विभाग ने चेतावनी दी है कि यदि जांच में मिलावट की पुष्टि होती है तो संबंधित विक्रेता और निर्माता पर खाद्य सुरक्षा मानकों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। आमजन से अपील की गई कि वे संदिग्ध पनीर की जानकारी विभाग को दें ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके।
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कस्बे में सोमवार को सहायक आयुक्त (खाद्य) उमेश प्रताप सिंह के निर्देश पर छापेमारी अभियान चलाया गया। इस दौरान एक दुकान से पनीर के नमूने लिए गए। जिन्हें जांच के लिए लैब भेजा गया है। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी संतोष श्रीवास्तव ने बताया कि पिछले शनिवार को सदर क्षेत्र में बिक्री के लिए लाया गया 30 किलो से अधिक मिलावटी पनीर नष्ट कराया गया था। जिसमें तीव्र दुर्गंध आ रही थी, जिससे मिलावट की पुष्टि हुई थी। उन्होंने कहा कि पनीर बाजार में 200 से 250 रुपये प्रति किलो के भाव से बिक रहा है, जबकि बिना मिलावट वाला शुद्ध पनीर बनाने की लागत लगभग 320 रुपये प्रति किलो तक आती है।
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ऐसे में कम कीमत पर बिक रहे पनीर की शुद्धता पर सवाल उठना लाजिमी है। उन्होंने कहा कि मिलावटी पनीर की सबसे ज्यादा खपत स्थानीय होटलों और खानपान प्रतिष्ठानों में हो रही है, जहां सस्ता माल लेकर अधिक मुनाफा कमाने की होड़ लगी रहती है। विभाग ऐसे प्रतिष्ठानों की भी निगरानी कर रहा है। खाद्य विभाग ने चेतावनी दी है कि यदि जांच में मिलावट की पुष्टि होती है तो संबंधित विक्रेता और निर्माता पर खाद्य सुरक्षा मानकों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। आमजन से अपील की गई कि वे संदिग्ध पनीर की जानकारी विभाग को दें ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके।