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Unnao News: कल्याणी नदी और उफनाई, दो और गांवों में घुसा पानी
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कल्याणी नदी के बढ़े जलस्तर से गांव में भरे पानी के बीच से निकलते बच्चे। स्रोत: पाठक
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गंजमुरादाबाद। तीन दिनों से कल्याणी नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इससे दो और गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। प्रभावित गांवों की संख्या 12 हो गई है। इन गांवों की करीब 70 बीघा धान और मक्का की फसल जलमग्न हैं। पानी भरा रहने से फसलों के सड़ने का खतरा है।
हरदोई जिले के परसोला में गंगा का बढ़ा पानी कल्याणी नदी में मिल गया है। इससे कल्याणी नदी उफना गई है। हरदोई की ओर से आ रहा बाढ़ का पानी तेजी से इस क्षेत्र में आ रहा है। इससे लोनारी के अलावा कुशराजपुर, बाजीपुरवा, भिलोई, छोट्टापुरवा, देवरिया, कछियनपुरवा, तकिया सहित 12 से अधिक गांव बाढ़ की जद में आ गए हैं।
कल्याणी नदी के तटवर्ती इलाके के गांव बिरैचामऊ, चोरहा, झल्लूखेड़ा, लहरापुर, बहलोलपुर, ततियापुर और गोल्हुआपुर सहित 10 और गांवों में पानी पहुंचने का खतरा बढ़ गया है। गांवों में बोई गई धान और मक्का की फसलें जलमग्न हो गई हैं। देवरिया के प्रधान प्रदीप कुमार, कुशराजपुर के ओमकांत अग्निहोत्री और लहरापुर की गजरानी ने बताया कि इसी प्रकार जलस्तर बढ़ता रहा तो दो दिनों में लोग सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए विवश हो जाएंगे। इन गांवों में पशुओं के लिए हरे चारे की समस्या खड़ी हो गई है। बढ़ते पानी ने गांवों के लोगों की नींद उड़ा दी है।
बीडीओ अनिल कुमार सिंह ने बताया कि कल्याणी नदी के बढ़े जलस्तर से फसलें जलमग्न तो हो गई हैं लेकिन अभी ग्रामीण पूरी तरह से सुरक्षित हैं। जरूरत पड़ने पर बाढ़ राहत केंद्र और चौकियां सक्रिय कर दी जाएंगी। प्रशासन पूरी तरह बाढ़ प्रभावित इलाके पर नजर बनाए हुए है।
कल्याणी नदी की सफाई न कराने के आरोप
गंजमुरादाबाद। प्रभावित गांवों के ग्रामीण बाढ़ के लिए प्रशासन को जिम्मेदार मान रहे हैं। इनका कहना है कि यदि नदी की झराई और सफाई का काम हो जाता तो बाढ़ से बचा जा सकता था। दशकों से सूखी कल्याणी नदी को पुनर्जीवित करने के लिए फरवरी 2025 को डीएम गौरांग राठी ने कल्याणी नदी से जुड़े बहलोलपुर में नाले की सफाई के लिए पूजन भी किया था लेकिन सफाई नहीं की गई। बीच में बजट का भी पेंच फंस गया। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते कल्याणी नदी की सफाई और झराई का काम हो जाता तो गंगा का जलस्तर भले ही कल्याणी नदी में मिलता लेकिन बाढ़ का पानी नदी के बाहर नहीं आ पाता। इससे ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति नाराजगी है। (संवाद)

हरदोई जिले के परसोला में गंगा का बढ़ा पानी कल्याणी नदी में मिल गया है। इससे कल्याणी नदी उफना गई है। हरदोई की ओर से आ रहा बाढ़ का पानी तेजी से इस क्षेत्र में आ रहा है। इससे लोनारी के अलावा कुशराजपुर, बाजीपुरवा, भिलोई, छोट्टापुरवा, देवरिया, कछियनपुरवा, तकिया सहित 12 से अधिक गांव बाढ़ की जद में आ गए हैं।
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कल्याणी नदी के तटवर्ती इलाके के गांव बिरैचामऊ, चोरहा, झल्लूखेड़ा, लहरापुर, बहलोलपुर, ततियापुर और गोल्हुआपुर सहित 10 और गांवों में पानी पहुंचने का खतरा बढ़ गया है। गांवों में बोई गई धान और मक्का की फसलें जलमग्न हो गई हैं। देवरिया के प्रधान प्रदीप कुमार, कुशराजपुर के ओमकांत अग्निहोत्री और लहरापुर की गजरानी ने बताया कि इसी प्रकार जलस्तर बढ़ता रहा तो दो दिनों में लोग सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए विवश हो जाएंगे। इन गांवों में पशुओं के लिए हरे चारे की समस्या खड़ी हो गई है। बढ़ते पानी ने गांवों के लोगों की नींद उड़ा दी है।
बीडीओ अनिल कुमार सिंह ने बताया कि कल्याणी नदी के बढ़े जलस्तर से फसलें जलमग्न तो हो गई हैं लेकिन अभी ग्रामीण पूरी तरह से सुरक्षित हैं। जरूरत पड़ने पर बाढ़ राहत केंद्र और चौकियां सक्रिय कर दी जाएंगी। प्रशासन पूरी तरह बाढ़ प्रभावित इलाके पर नजर बनाए हुए है।
कल्याणी नदी की सफाई न कराने के आरोप
गंजमुरादाबाद। प्रभावित गांवों के ग्रामीण बाढ़ के लिए प्रशासन को जिम्मेदार मान रहे हैं। इनका कहना है कि यदि नदी की झराई और सफाई का काम हो जाता तो बाढ़ से बचा जा सकता था। दशकों से सूखी कल्याणी नदी को पुनर्जीवित करने के लिए फरवरी 2025 को डीएम गौरांग राठी ने कल्याणी नदी से जुड़े बहलोलपुर में नाले की सफाई के लिए पूजन भी किया था लेकिन सफाई नहीं की गई। बीच में बजट का भी पेंच फंस गया। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते कल्याणी नदी की सफाई और झराई का काम हो जाता तो गंगा का जलस्तर भले ही कल्याणी नदी में मिलता लेकिन बाढ़ का पानी नदी के बाहर नहीं आ पाता। इससे ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति नाराजगी है। (संवाद)
कल्याणी नदी के बढ़े जलस्तर से गांव में भरे पानी के बीच से निकलते बच्चे। स्रोत: पाठक