बनारस को जाम से मुक्ति दिलाने की योजना, फरवरी में रिंग रोड के अंतिम चरण को मिल सकती है हरी झंडी

वाराणसी को जाम मुक्त करने के लिए बहुप्रतीक्षित रिंग रोड परियोजना के तीसरे चरण को फरवरी में हरी झंडी मिल सकती है। इसके लिए रिंग रोड के दोनों चरणों को जोड़ने वाली करीब 12 किलोमीटर लंबी रिंग रोड-तीन का सर्वे शुरू कराया गया है। डीपीआर पर दोबारा अध्ययन के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अवार्ड घोषित करेगा।

राष्ट्रीय राजमार्ग दो के कछवा से रिंग रोड शुरू होगी, जो बड़ागांव, हरहुआ, संदहा होते हुए कमौली जाएगी। वहां गंगा पर पुल बनाकर उसे उस पार अलीनगर के पास एनएच टू से जोड़ा जाएगा। कुल 52 किलोमीटर लंबी रिंग रोड बनाई जानी है। इसमें पहले फेज में हरहुआ से संदहा के बीच 16 किलोमीटर लंबी रिंग रोड दो साल पहले बनकर तैयार हो गई है। दूसरे चरण का काम काफी तेज गति से पूरा हो रहा है।
दूसरे चरण में संदहा से अलीनगर के बीच काम चल रहा है। रिंग रोड के जरिए हरहुआ से संदहा होते हुए वाजिदपुर से राजातालाब कछवा में एनएच दो तक और चंदौली के कुंडाखुर्द से पचफेड़वा तक एनएच दो को जोड़ेगी। इसके बन जाने से बिहार के अलावा चंदौली सहित पूर्वांचल के कई जिले इससे जुड़ जाएंगे।
एनएच पर रिंग बनाएगी रोड
रिंग रोड के जरिए एनएच टू से एनएच 29 (गाजीपुर-गोरखपुर), एनएच 56 (बनारस से जौनपुर वाया सुल्तानपुर लखनऊ), एनएच 235 (बनारस से आजमगढ़ वाया अंबेडकनगर से नेपाल बॉर्डर) सीधे तौर पर जुड़ जाएंगे।
फेज टू किनारे इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की तैयारी
हरहुआ से राजातालाब तक इंडस्ट्रियल कॉरीडोर विकसित करने की तैयारी शुरू हो गई है। आउटर रिंग रोड फेज-टू के किनारे करीब 400 हेक्टेयर में इंडस्ट्रियल कॉरीडोर बनेगा। मास्टर प्लान तैयार करने के लिए सर्वे शुरू हो गया है। इसकी जिम्मेदारी सूरत की कंपनी डिजाइन प्वाइंट कंसल्टेंट लिमिटेड को सौंपी गई है।
रिंग रोड के फेज-2 को समय पर पूरा कराने के साथ ही इसकी बची बाकी परियोजना की कार्ययोजना बनाई जा रही है। अंतिम चरण के रिंग रोड के लिए सर्वे कराया जा रहा है। - कौशल राज शर्मा, जिलाधिकारी