धीरेंद्र शास्त्री: काशी में जलती चिताओं के सामने किया अनुष्ठान, कहा- शांति के लिए हिंदू राष्ट्र ही है रास्ता
Dhirendra Shashtri: आचार्य धीरेंद्र शास्त्री काशी में अपने दादा गुरु को याद किया। उन्होंने मीडिया से भी बातचीत की और उनके सवालों के जवाब दिए। इसके पहले उन्होंने पूजन-अनुष्ठान किए।

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Varanasi News: बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने अपने दादा गुरु के अंतिम संस्कार स्थल पर पितृपक्ष के अनुष्ठान पूर्ण किए। मध्यरात्रि में उन्होंने मणिकर्णिका घाट पर जलती चिताओं के सामने सतुआ बाबा आश्रम की छत पर बैठकर सभी अनुष्ठान और हवन किया। इसके बाद वह श्राद्ध व तर्पण के लिए शनिवार को गया रवाना हो गए।

शुक्रवार की रात बनारस पहुंचे आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने रात्रि विश्राम सतुआ बाबा आश्रम में किया। आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने बताया कि वह 2010 से हर वर्ष एक रात्रि काशी में बिताते हैं और मणिकर्णिका घाट पर ही बैठते हैं। इसके पहले पिछले साल भी वह काशी में जलती चिताओं के सामने बैठकर अनुष्ठान कर चुके हैं।
इस बार भी उन्होंने अपने गुरु दादा की याद में पूजन पाठ और अनुष्ठान किया है। इसके बाद धीरेंद्र शास्त्री ने कुछ समय सांसद मनोज तिवारी के आवास पर भी बिताया। उन्होंने सतुआ बाबा आश्रम में ही वृंदावन के प्रसिद्ध संत स्वामी प्रेमानंद महाराज के शिष्य और पूर्व रेसलर वीर महान के साथ ही अन्य शिष्यों से मुलाकात भी की।
जब देश में चोर, उचक्के, राजनेता हो सकते हैं तो भगवाधारी क्यों नहीं
सतुआ बाबा आश्रम में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि जब देश में चोर राजनेता हो सकते हैं, उचक्के राजनेता हो सकते हैं, मर्डर करने वाले राजनेता हो सकते हैं तो भगवाधारी राजनेता क्यों नहीं होना चाहिए? यूपी में योगी बाबा भगवाधारी हैं। बहुत अच्छे हैं हम उनका पूरा सपोर्ट करते हैं। जिस राष्ट्र का राजा सनातनी होता है, उस राष्ट्र की प्रजा भी सनातनी हो जाती है। यह हमारे लिए सौभाग्य की बात कि हमारे देश के प्रधानमंत्री सनातनी परंपरा को पकड़कर चले और अपनी परंपरा का निर्वहन किया।
हिंदू राष्ट्र की पदयात्रा के लिए काशीवासी दें अपना एक घंटा
आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि 7 नवंबर से 16 नवंबर तक दिल्ली से वृंदावन तक हिंदू राष्ट्र के लिए पदयात्रा निकलेगी। उन्होंने काशीवासियों से आह्वान किया कि वह अपना एक घंटा इस पदयात्रा में जरूर दें। आयोजनों व पद यात्राओं से वैचारिक क्रांति होगी और विचारों के परिवर्तन से भारत के हिंदू राष्ट्र का मार्ग प्रशस्त होगा।
मां किसी की भी हो पूजनीय होती है, मां के खिलाफ बोलना निंदनीय
प्रधानमंत्री की मां पर की गई टिप्पणी पर उन्होंने कहा कि राजनेताओं की टिप्पणी पर मैं कोई बयान नहीं देता। मैं अपने सिद्धांत पर रहूंगा, लेकिन मां किसी की भी हो वह पूजनीय होती है और किसी की भी मां के खिलाफ बोलना निंदनीय है। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि भारत को नेपाल और बांग्लादेश की घटनाओं से सबक लेना चाहिए।