Education News: पहली बार कोडिंग सीख रहे 12वीं कक्षा के 2300 छात्र, पहले चरण में 28 स्कूल पंजीकृत
Varanasi News: गैर-लाभकारी संगठन कोडयोगी बच्चों को कोडिंग सीखा रहा है। इस नई प्रणाली को लेकर बच्चों में भी काफी उत्साह देखा जा रहा है। यह छात्रों के लिए रोजगारपरक सिद्ध होगा।
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Education News: जिले में पहली बार कक्षा 12वीं के छात्र कोडिंग सीख रहे हैं। समय रहते छात्रों को कंप्यूटर और डिजिटल साक्षरता से जोड़ने के उद्देश्य से यह पहल की गई है। छात्रों को प्रशिक्षण देने काम गैर-लाभकारी संगठन कोडयोगी की ओर से किया जा रहा है। संस्था के सदस्य राकेश सहगल ने बताया कि इस शॉट टर्म कोर्स से जिले के सभी छात्रों को जोड़ने का लक्ष्य है।
कक्षा 12वीं के छात्र आमतौर पर गणित, विज्ञान, जीव विज्ञान, कॉमर्स आदि की पढ़ाई करते हैं। कोडिंग की पढ़ाई स्नातक या उसके बाद की जाती है। ऐसे में अत्याधुनिक तकनीक से छात्रों को जोड़ने के लिए उन्हें 12वीं कक्षा से ही कोडिंग की पढ़ाई कराई जा रही है।
शिक्षा विभाग का मानना है कि मुख्य पाठ्यक्रम के साथ कोडिंग सीखना छात्रों के लिए रोजगारपरक सिद्ध होगा। इसे देखते हुए सीडीओ हिमांशु नागपाल की पहल पर जिले के 23 विद्यालयों के 2800 छात्रों को पहले चरण में कोडयोगी संस्था की ओर से जोड़ा गया है। अगले चरण में यह संख्या दोगुनी होगी।
व्हाट्सएप के जरिए उपलब्ध कराया जाता है स्टडी मैटेरियल, एनिमेटेड वीडियो और क्विज से होती है पढ़ाई: कोडयोगी की ओर से छात्रों को जो सॉफ्टवेयर पढ़ने के उपलब्ध कराया गया है, वह आसानी से किसी भी एंड्राइड मोबाइल, आईफोन या फिर कंप्यूटर पर चल सकता है। इसमें अध्ययन सामग्री छात्रों को एनिमेटेड वीडियो या फिर क्विज के माध्यम से दिखाई जाती है। इसमें लेवल एक से लेवल 50 तक होता है जो छह महीने में पूरा होता है। जिससे कोई भी छात्र आसानी से सीख सकता है।
अधिकतम छह महीने का कोर्स, छात्र बना सकेंगे एप
राकेश सहगल के अनुसार 12वीं के छात्रों को जिस पाठ्यक्रम को पढ़ाया जा रहा है, वह अधिकतम छह महीने का है। इसे इतने सरल तरीके से डिजाइन किया गया है कि छात्र सिर्फ एक घंटे रोजाना समय देकर भी इसे सीख सकते हैं। उन्होंने बताया कि इसे सीखते ही छात्र एप बनाना सीख जाएंगे।
कक्षा 12वीं के छात्रों को डिजिटल साक्षरता मुहैया कराने व तकनीक की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए उन्हें कोडिंग सिखाई जा रही है। पहली बार जिले के 23 विद्यालयों के 2800 छात्र इसे सीख रहे हैं। अन्य छात्रों को भी जल्द ही इस मुहिम से जोड़ा जाएगा। - हिमांशु नागपाल, मुख्य विकास अधिकारी, वाराणसी
