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Cyber Fraud: पांच लाख से ज्यादा की साइबर ठगी में तुरंत दर्ज करें प्राथमिकी, पुलिस आयुक्त ने दिए निर्देश
अमर उजाला नेटवर्क, वाराणसी।
Published by: वाराणसी ब्यूरो
Updated Wed, 19 Nov 2025 06:23 PM IST
सार
पुलिस आयुक्त ने साइबर क्राइम और क्राइम ब्रांच की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने निर्देश दिया कि पांच लाख से ज्यादा की साइबर ठगी में तुरंत प्राथमिकी दर्ज करें।
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पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने मंगलवार को साइबर क्राइम और क्राइम ब्रांच की समीक्षा की। साइबर अपराधों की रोकथाम, प्रभावी जांच और तुरंत कार्रवाई के लिए दिशा-निर्देश जारी किए। एनसीसीआरपी पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के समयबद्ध निस्तारण, गंभीर मामलों की प्राथमिकता, लंबित शिकायतों की साप्ताहिक समीक्षा के निर्देश दिए।
पुलिस आयुक्त ने कहा कि पांच लाख रुपये से अधिक की साइबर ठगी में प्राथमिकी तुरंत दर्ज करें। साइबर अपराध में उपयोग मोबाइल नंबर व आईएमईआई को तत्काल ब्लॉक कराने, रजिस्टर बनाए रखने, ओटीपी, फर्जी नंबरों का डेटा साझा करने पर जोर दिया गया।
म्यूल अकाउंट की पहचान, बैंक समन्वय, खाते फ्रीज कराने, थानावार रजिस्टर बनाने और पुनरावृत्ति रोकने की निगरानी के लिए निर्देश दिए। प्रतिबिंब पोर्टल के माध्यम से संदिग्ध मोबाइल नंबर वाले हॉटस्पॉट चिन्हित कर योजनाबद्ध कार्रवाई व जेआईएमएस पोर्टल पर विवेचना की समयबद्ध अपडेट और मॉनिटरिंग जरूरी की गई।
पुलिस आयुक्त ने कहा कि सभी निर्देश साइबर अपराध नियंत्रण को अधिक प्रभावी, तकनीकी और समयबद्ध बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं।डीसीपी क्राइम सरवणन टी., एडीसीपी साइबर क्राइम नीतू, एसीपी साइबर क्राइम विदुष सक्सेना रहे।
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पुलिस आयुक्त ने कहा कि पांच लाख रुपये से अधिक की साइबर ठगी में प्राथमिकी तुरंत दर्ज करें। साइबर अपराध में उपयोग मोबाइल नंबर व आईएमईआई को तत्काल ब्लॉक कराने, रजिस्टर बनाए रखने, ओटीपी, फर्जी नंबरों का डेटा साझा करने पर जोर दिया गया।
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म्यूल अकाउंट की पहचान, बैंक समन्वय, खाते फ्रीज कराने, थानावार रजिस्टर बनाने और पुनरावृत्ति रोकने की निगरानी के लिए निर्देश दिए। प्रतिबिंब पोर्टल के माध्यम से संदिग्ध मोबाइल नंबर वाले हॉटस्पॉट चिन्हित कर योजनाबद्ध कार्रवाई व जेआईएमएस पोर्टल पर विवेचना की समयबद्ध अपडेट और मॉनिटरिंग जरूरी की गई।
पुलिस आयुक्त ने कहा कि सभी निर्देश साइबर अपराध नियंत्रण को अधिक प्रभावी, तकनीकी और समयबद्ध बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं।डीसीपी क्राइम सरवणन टी., एडीसीपी साइबर क्राइम नीतू, एसीपी साइबर क्राइम विदुष सक्सेना रहे।