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नवरात्र: पखारे कन्याओं के पांव, मंगला गौरी के दरबार में लगी कतार; महाअष्टमी पर हुआ दर्शन-पूजन
अमर उजाला नेटवर्क, वाराणसी।
Published by: अमन विश्वकर्मा
Updated Sat, 05 Apr 2025 11:16 PM IST
सार
चैत्र नवरात्रि के अवसर पर काशी के विभिन्न मंदिरों में विशेष पूजन का दाैर चला। कन्याओं के पूजन किए गए। सामाजिक संस्थाओं ने भी इसमें अपनी अहम भूमिका निभाई। व्रती श्रद्धालुओं ने नौ कन्याओं और भैरव को आमंत्रण दिया।
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अन्नपूर्णा मंदिर में हुआ विशेष अनुष्ठान।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
चैत्र नवरात्र की महाअष्टमी पर श्रद्धालुओं ने मां मंगला गौरी के दरबार में दर्शन पूजन किया। शाम को अष्टमी और नवमी की संधि पूजा के साथ ही नवरात्र के अनुष्ठान घरों से मंदिरों में हुए। वहीं दूसरी ओर घरों के साथ ही मंदिर और सामाजिक संस्थाओं की ओर से कन्याओं का पूजन हुआ। गृहस्थों ने शक्तिस्वरूपा कन्याओं के पांव पखारकर मां दुर्गा का आशीर्वाद लिया।
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शनिवार को भोर में पंचगंगा घाट पर विराजमान मां मंगलागौरी के मंदिर में माता के विग्रह को पंचामृत स्नान कराया गया। माता को नूतन वस्त्र धारण और आभूषण धारण कराने के बाद फूलों से शृंगार किया गया। माता की मंगला आरती उतारने के बाद मंदिर के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए।
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मंदिर की ओर जाने वाली गलियों में श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रही। मंदिर का कपाट खुलने के साथ ही दर्शन पूजन आरंभ हो गया। माता का जयकारा लगाते हुए श्रद्धालुओं की टोली बढ़ रही थी। देर रात तक मंगला गौरी के दर्शन पूजन का सिलसिला चलता रहा। वहीं दूसरी तरफ घरों में कन्या पूजन का सिलसिला भी शुरू हो गया। व्रती श्रद्धालुओं ने नौ कन्याओं और भैरव को आमंत्रण दिया।
कन्याओं के पांव पखारने के बाद उनका विधि-विधान से पूजन किया गया। कन्या पूजन के बाद कन्याओं को भोग प्रसाद अर्पित किया गया। इसके बाद उपहार देकर कन्याओं को विदाई दी गई। शहर के प्रमुख मंदिरों के साथ ही सामाजिक संस्थाओं की ओर से भी कन्या पूजन का आयोजन किया। शाम को 7:30 बजे के बाद नवमी की शुरूआत होते ही श्रद्धालुओं व साधकों ने संधि पूजन किया।