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Varanasi: भगवान बुद्ध के अष्टांगिक मार्ग पर चल कर मिलेगा ज्ञान व समृद्धि, काशी में बोले प्रो. राम मोहन पाठक
अमर उजाला नेटवर्क, वाराणसी।
Published by: प्रगति चंद
Updated Thu, 10 Jul 2025 02:30 PM IST
सार
Varanasi News: प्रो. राम मोहन पाठक ने कहा चीवर संकल्प का प्रतीक है। दुसरों के दुख को समझने की जरूरत है। बुद्ध के उपदेश से देश नहीं बल्कि मानव जीवन को नई दिशा दी जा रही है।
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मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर में आयोजित सभा में बोलते अतिथि
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
महाबोधि विद्या परिषद के अध्यक्ष प्रो. राम मोहन पाठक ने कहा कि भगवान बुद्ध के उपदेश सारनाथ से पूरे विश्व में फैला है। उनका संदेश सैद्धांतिक व वैज्ञानिक है। बुद्ध के बताए अष्टांगिक मार्ग पर चलने से हर व्यक्ति को सुख समृद्धि के साथ ही ज्ञान प्राप्ति हो सकती है।
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उक्त बातें आषाढ़ी गुरु पूर्णिमा पर बृहस्पतिवार को महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया के तत्वावधान में मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर में आयोजित धर्म सभा मे मुख्य अतिथि पद से कही। उन्होंने कहा कि सम्यक को आत्मसात कर समझने की जरूरत है। चीवर संकल्प का प्रतीक है। दुसरों के दुख को समझने की जरूरत है। बुद्ध के उपदेश से देश नहीं बल्कि मानव जीवन को नई दिशा दी जा रही है।
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अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान के अध्यक्ष डॉ. राकेश सिंह ने कहा कि वर्तमान युग मे बुद्ध के सिद्धांतों पर चल कर अच्छे समाज का निर्माण कर सकते हैं। युद्ध नहीं बुद्ध की बात आज पूरा विश्व मानने पर जोर दे रहा है।
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इस मौके पर विहाराधिपति भिक्षु आर सुमित्ता नंद थेरो ने कहा कि बुद्ध द्बारा बताए गए शील, समाधि व प्रज्ञा से चित्त मन को शांति मिलती है। बुद्ध के उपदेश आज भी प्रासंगिक है। अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान के अध्यक्ष डॉ. राकेश सिंह ने बौद्ध भिक्षुओं को स्मृति चिन्ह प्रदान किया। संचालन व धन्यवाद ज्ञापन प्रवीण श्रीवास्तव ने किया। इस मौके पर भिक्षु शीलवंश, भिक्षु टांग, भिक्षु पी सिरी थेरो, अनिल सोनकर,शशि श्रीवास्तव अन्य लोगों ने अपने विचार रखे।