शोध में खुलासा: श्रीलंका की 89% आबादी में मराठियों का DNA, अजंता की गुफाओं में बनी पेंटिंग की गुत्थी भी सुलझी
वाराणसी, लखनऊ व श्रीलंका के वैज्ञानिकों ने श्रीलंका के दो हजार लोगों के डीएनए की जांच की और चार साल तक शोध करते रहे। अब इसका नतीजा सामने आया है।
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श्रीलंका की 78 फीसदी सिंहली जाति और 11 फीसदी तमिलों में मराठियों का जीन है। श्रीलंका के पहले राजा प्रिंस विजय मराठा साम्राज्य के थे। वह ढाई हजार साल पहले श्रीलंका गए, फिर कभी भारत नहीं लौटे। यह तथ्य काशी हिंदू विश्वविद्यालय, लखनऊ के बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट और कोलंबो विश्वविद्यालय के संयुक्त शोध में सामने आया है।
वाराणसी, लखनऊ व श्रीलंका के वैज्ञानिकों ने श्रीलंका के दो हजार लोगों के डीएनए की जांच की और चार साल तक शोध करते रहे। अब इसका नतीजा सामने आया है। इससे पता चला कि श्रीलंका के पुरखे महाराष्ट्र से आए थे। शोध से अजंता की गुफाओं में बनी श्रीलंका के राजवंश और राज्याभिषेक की चित्रकारी की गुत्थी भी सुलझ गई है।
शोध के अनुसार, श्रीलंका की 89 फीसदी आबादी में मराठियों का डीएनए है। इसके लिए सिंहली और तमिल के पांच लाख से ज्यादा जेनेटिक मार्कर्स पर उच्चस्तरीय अध्ययन किया गया। शोध को अंतरराष्ट्रीय जनरल साइंस में प्रकाशित किया गया है।
तमिल के मुकाबले सिंहली में मराठों का डीएनए 16 फीसदी ज्यादा
बीएचयू के जीन वैज्ञानिक प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे ने बताया कि श्रीलंका की कोलंबो यूनिवर्सिटी ने डीएनए जांच के लिए नमूने जुटाए थे। जीनोटाइप बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट में डॉ. नीरज राय ने किया। इसका पूरा अध्ययन बीएचयू के ज्ञान लैब में हुआ है। चंक एनालसिस के लिए डीएनए को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ा गया। इसके बाद हर एक पापुलेशन के साथ इन डीएनए के पार्ट की तुलना की गई। छोटे वाले डीएनए बताते थे कि उसका संबंध काफी प्राचीन है।
इनकी गिनती के बाद पता चला कि सिंहली लोगों में मराठों का डीएनए तमिल के मुकाबले 16 फीसदी ज्यादा था। प्रो. चौबे ने बताया कि कोई एक आबादी थी, जो मराठाें से अलग हुई। ये जब मिलना शुरू हुए तो बहुत कुछ तो मिक्स हो गया, लेकिन फिर भी कुछ ऐसे ट्रेसेज ऑफ डीएनए थे, जो अभी मिक्स नहीं हुए थे। हमने देखा कि जो मिक्स नहीं हुआ वो 16 फीसदी मराठों का था।
अजंता की गुफाओं में है सिंहल राजा के आगमन का चित्र
महाराष्ट्र में स्थित अजंता की गुफाओं में बनी चित्रकारी में सिंहल राजा को दिखाया गया है। श्रीलंका के राजा विजय हाथियों और सवारों के समूहों में नजर आ रहे हैं।