Ropeway in Varanasi: गिरजाघर के पास टेक्निकल स्टेशन से मुड़कर गोदौलिया जाएगा गंडोला, 2026 में चालू होगा रोपवे
Varanasi News: वाराणसी में रोपवे का काम लगभग पूरा हो गया है। लगातार टेस्टिंग का कार्य भी किया जा रहा है। 2026 में रोपवे चालू होगा। इससे यात्रियों का सफर काफी आसान हो जाएगा।
विस्तार
वाराणली के गिरजाघर के पास बन रहे टेक्निकल स्टेशन से रोपवे का गंडोला मुड़कर गोदौलिया की ओर जाएगा। इस नाते यह स्टेशन अन्य स्टेशनों से खास बनाया गया है। इसी जगह से 148 गंडोला टर्न होकर गोदौलिया की ओर जाएंगे। आधारभूत संरचना भी तैयार की जा रही है।
अधिकारियों के अनुसार, 2026 में रोपवे चालू होगा। कैंट से रथयात्रा स्टेशन तक काम पूरा हो गया है। यहां केवल गंडोला की सुबह से शाम तक टेस्टिंग की जा रही है। गिरजाघर पर के पास लोहे का स्ट्रक्चर खड़ा किया गया है। नीचे शाही नाले की सुरक्षा को ध्यान में रखकर बड़े-बड़े पिलर बनाए गए हैं। ऊपर लोहे के फ्रेम का वजन दिया गया है। रोपवे में यूरोपियन स्टैंडर्ड के सेफ्टी उपकरण लगाए गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार ने पर्वतमाला प्रोजेक्ट के तहत एशिया का पहला अर्बन रोपवे प्रोजेक्ट शहरी परिवहन (अर्बन ट्रांसपोर्ट) के रूप में काशी में शुरू किया है। यह प्रोजेक्ट 3.8 किलोमीटर दूरी को कवर करेगा। जो वाराणसी कैंट स्टेशन से गोदौलिया तक होगा।
इसे भी पढ़ें; Varanasi Airport: कोहरे के चलते छह उड़ानें रद्द, 36 लेट; यात्रियों को मुसीबतों का करना पड़ा सामना
काशी विद्यापीठ, रथयात्रा इंटरमीडिएट स्टेशन होंगे। गिरजाघर एक टेक्निकल स्टेशन है। इस प्रकार 5 स्टेशन और 29 टावर बनाए जाएंगे। परियोजना की लागत 815.58 करोड़ है। 15 वर्षों का ओएंडएम (ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस) भी है।
रोपवे कॉरिडोर के दोनों तरफ आठ-आठ मीटर दायरे में भवनों की ऊंचाई 10 मीटर रखी गई है। 16 मीटर के दायरे में 10 मीटर के ऊपर निर्माण प्रतिबंधित रहेगा। एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा के सभी उपाय करने के बाद काम शुरू कराया गया है। पूर्व में गोदौलिया के पास घोड़ा नाला टूटा था जिसकी मरम्मत जल निगम ने कराई थी।
