अमर उजाला एक्सक्लूसिव: जिस पाइप से भरा ट्रेन के टॉयलेट में पानी, उसी से हमसफर के रसोईयान में भी पहुंचाया
Varanasi News: कैंट रेलवे स्टेशन पर जिस पाइप से ट्रेन के टॉयलेट में पानी भरा गया उसी से हमसफर के रसोईयान में भी पहुंचाया गया। ट्रेन स्टेशन पर रुकी तो पटरियों से तीन ड्रम में पानी भरा गया।
विस्तार
बांद्रा से आने वाली हमसफर एक्सप्रेस के रसोईयान में उसी पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसे ट्रेन के खड़े होने पर टॉयलेट में भरा जाता है। मंगलवार दोपहर में कैंट रेलवे स्टेशन पर ऐसा ही दृश्य देखने को मिला। प्लेटफॉर्म नंबर 5 पर हमसफर एक्सप्रेस में तीन स्टील के कंडाल में उसी पाइप से पानी भरकर तीन लोगों ने रसोईयान में पहुंचाया, जिससे कुछ देर पहले ही एक ट्रेन के टॉयलेट में पानी भरा गया था।
रेलवे की ओर से कुछ ट्रेनों में वातानुकूलित रसोईयान है तो कुछ ट्रेनों में साइड पेंट्री यानी पहले से सामान खरीदकर यात्रियों को बेचा जाता है। वातानुकूलित रसोईयान में खाना, नाश्ता बनाने से लेकर यात्रियों को खिलाने की सुविधा होती है। यात्रियों को दिन और रात में जरूरत के हिसाब से खाना, नाश्ता मिल जाता है। इस तरह के रसोईयान की सुविधा अमृत भारत ट्रेन, हमसफर एक्सप्रेस सहित कई विशिष्ट ट्रेनों में रहती है।
मंगलवार दोपहर 1.15 बजे कैंट रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 5 पर 19091 बांद्रा से गोरखपुर जाने वाली हमसफर एक्सप्रेस पहुंची। ट्रेन को वाराणसी में रोक लिया गया। आगे का संचालन कैंसिल होना था। वापसी में वाराणसी से ही बांद्रा ट्रेन जाएगी। ट्रेन के रुकने के बाद प्लेटफॉर्म पर फुटओवर ब्रिज की सीढ़ी के पास वातानुकूलित रसोई यान का कोच था। यान में काम करने वाले तीन कर्मचारी तीन स्टील का ड्रम लेकर उतरे और प्लेटफॉर्म 4 से नीचे उतरे। इसमें से एक प्लेटफॉर्म 4 पर ही उतर गया जबकि दो कर्मचारी नीचे पटरी पर उतरे।
इसे भी पढ़ें; धर्म परिवर्तन का मामला: बीमारी बढ़ाने के बाद पानी में घोलकर देते थे दवा, ठीक होने पर बताते थे चमत्कार
काशी एक्सप्रेस के जाने के बाद पटरियों से पहुंचाया पानी
गोरखपुर से लोकमान्य तिलक टर्मिनस जाने वाली 15018 काशी एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म नंबर चार पर आई। रेलवे की ओर से एजेंसी के कर्मचारियों ने पहले 15018 के टॉयलेट में पानी भरा। कर्मचारियों के भरने के बाद हमसफर एक्सप्रेस के रसोईयान से आए कर्मचारियों ने तीनों कंडाल में पानी भरने के लिए पटरी पर लगे पाइप से पानी भरा। वह काशी एक्सप्रेस के जाने का इंतजार करने लगे। जैसे ही ट्रेन वाराणसी स्टेशन से लोकमान्य तिलक के लिए रवाना हुई, दोनों ने बारी-बारी से तीनों कंडाल को उठाया और पटरी पार कर प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर पहुंचाया। फिर बारी-बारी से तीनों कंडाल को रसोई यान में लेकर गए। मौके पर यात्री पहले तो कुछ समझ नहीं सके जब कंडाल को रसोई यान में रखते देखा तो तरह-तरह की चर्चा करने लगे। पटरियों के पास जहां पाइप लगा है, वहां नाली में गंदा पानी बहता है। साथ ही इसी पाइप से टॉयलेट में पानी भरा जाता है।
क्या बोले अधिकारी
रेलवे की ओर से यात्रियों की सुरक्षा के साथ ही स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाता है। रसोई यान में काम करने वालों को भी संबंधित अधिकारियों की ओर से समय-समय पर स्वच्छता को लेकर जागरूक किया जाता है। किस परिस्थिति में पटरियों के पास लगे पाइप से पानी भरकर हमसफर एक्सप्रेस के रसोईयान में पहुंचाया गया, इस पर जिम्मेदार लोगों से पूछताछ की जाएगी। इस पर तुरंत रोक लगाई जाएगी। -बीके यादव, एडीआरएम उत्तर रेलवे
