Ajay Rai: बिना अनुमति धरना-प्रदर्शन कर धारा 144 के उल्लंघन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दोषमुक्त, ये है मामला
27 साल पुराने मामले में अदालत ने अभियोजन द्वारा आरोप सिद्ध न कर पाने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय को दोषमुक्त कर दिया। अदालत में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय की ओर से अधिवक्ता अनुज यादव व बृजपाल सिंह यादव ने पक्ष रखा।

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बगैर अनुमति धरना-प्रदर्शन कर आवागमन बाधित करने और धारा 144 के उल्लंघन के 27 वर्ष पुराने मामले में आरोपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को अदालत ने बरी कर दिया। अपर सिविल जज सीनियर डिवीजन प्रथम / एमपी-एमएलए कोर्ट उज्ज्वल उपाध्याय की अदालत ने कहा कि आरोप सिद्ध कर पाने में अभियोजन असफल रहा है।
प्रकरण के अनुसार, तत्कालीन सिटी मजिस्ट्रेट जेबी सिंह ने अदालत में परिवाद दर्ज कराया था। आरोप था कि 11 सितंबर 1996 की दोपहर करीब 12 बजे अजय राय नामांकन के लिए निकले। उनके साथ राजेश रंजन, रामाश्रय, सुरेश उपाध्याय, विनोद कुमार, प्रवीण कुमार, सच्चिदानंद, सत्यम राय, अशोक कुमार, विनोद कुमार, सत्येंद्र सिंह, अमरनाथ, जयप्रकाश, राकेश, लालजी दूबे सहित 350-400 अन्य समर्थक भी थे। सब 200-250 चारपहिया, दोपहिया वाहन से जौनपुर-वाराणसी मुख्य मार्ग से शिवपुर बाईपास गए, फिर कचहरी जाने वाली सड़क को घेरकर खड़े हो गए।
इससे भीषण जाम लग गया। पुलिस ने धारा 144 लागू होने का हवाला दिया और जुलूस निकालने का अनुमति पत्र मांगा, जिसे नहीं दिखा सके। इस मामले में अदालत ने अजय राय समेत अन्य लोगों को आरोपी बनाया था। 10 नवंबर 2023 को अजय राय का बयान दर्ज किया गया। अदालत में अभियोजन की ओर से चार गवाह पेश किए गए। अब अदालत ने अजय राय को निर्दोष करार दिया है।