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Varanasi: क्वींस कॉलेज में बन रही है प्रदेश की पहली एआई रोबोटिक लैब, मुख्य चुनाव आयुक्त कर सकते हैं उद्घाटन
अमर उजाला नेटवर्क, वाराणसी।
Published by: वाराणसी ब्यूरो
Updated Tue, 18 Nov 2025 05:56 PM IST
सार
वाराणसी के क्वींस कॉलेज में प्रदेश का पहला एआई रोबोटिक लैब बन रहा है। इसका उद्घाटन आठ दिसंबर को मुख्य चुनाव आयुक्त कर सकते हैं।
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सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : Adobe Stock
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विस्तार
राजकीय क्वींस इंटर कॉलेज लहुराबीर में प्रदेश के पहले एआई रोबोटिक लैब का निर्माण कराया जा रहा है। इसका शुभारंभ आठ दिसंबर को देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार कर सकते हैं। ज्ञानेश कुमार ने इसी कॉलेज से पढ़ाई की है।
क्वींस कॉलेज में तैयारियां तेजी से चल रही हैं। कॉलेज के प्रधानाचार्य सुमीत श्रीवास्तव ने बताया कि यह प्रदेश की पहली एआई रोबोटिक लैब है। इसका निर्माण आईआईटी गांधीनगर के प्रोफेसर व क्वींस कॉलेज के ही पूर्व छात्र प्रो. धीरेंद्र सिंह की ओर से कराया जा रहा है। धीरेंद्र ने सीएसआर के तहत 19 लाख रुपये दिए हैं। इसकी मदद से छात्रों को तकनीकी और व्यावसायिक रूप से दक्ष बनाया जाएगा।
प्रयोगशाला उन्नत शिक्षा और व्यावहारिक प्रशिक्षण के केंद्र के रूप में काम करेगी। छात्रों को एआई और रोबोटिक की बुनियादी ढांचे तक पहुंच मिलेगी। इस पहल का उद्देश्य नवाचार को गति देना, व्यावहारिक कौशल को बढ़ाना, शिक्षा जगत और उद्योग के बीच की खाई को पाटना है।
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क्वींस कॉलेज में तैयारियां तेजी से चल रही हैं। कॉलेज के प्रधानाचार्य सुमीत श्रीवास्तव ने बताया कि यह प्रदेश की पहली एआई रोबोटिक लैब है। इसका निर्माण आईआईटी गांधीनगर के प्रोफेसर व क्वींस कॉलेज के ही पूर्व छात्र प्रो. धीरेंद्र सिंह की ओर से कराया जा रहा है। धीरेंद्र ने सीएसआर के तहत 19 लाख रुपये दिए हैं। इसकी मदद से छात्रों को तकनीकी और व्यावसायिक रूप से दक्ष बनाया जाएगा।
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प्रयोगशाला उन्नत शिक्षा और व्यावहारिक प्रशिक्षण के केंद्र के रूप में काम करेगी। छात्रों को एआई और रोबोटिक की बुनियादी ढांचे तक पहुंच मिलेगी। इस पहल का उद्देश्य नवाचार को गति देना, व्यावहारिक कौशल को बढ़ाना, शिक्षा जगत और उद्योग के बीच की खाई को पाटना है।
राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता की तैयारी में मिलेगी सहूलियत
ड्रोन, संवर्धित वास्तविकता (एआर), आभासी वास्तविकता (वीआर) और रोबोटिक्स मॉड्यूल का प्रशिक्षण दिया जाएगा। सुरक्षा और सेंसर प्रशिक्षण, प्रमाणन और पेटेंट के अवसर, प्रोजेक्ट पर व्यावहारिक शिक्षा के साथ मेंटरशिप कार्यक्रम और संकाय प्रशिक्षण भी दिया जा सकेगा। इससे विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित की शिक्षा, वास्तविक कौशल विकास, कॅरिअर और नवाचार सहायता के साथ छात्रों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता की तैयारी करने में सहूलियत मिलेगी।