UP News: सर्दियों में सारनाथ मिनी जू के वन्य जीवों के ठाठ, मगरमच्छ और घड़ियाल को छह दिन मिलेगा मांस
Varanasi News: वाराणसी में ठंड ने दस्तक दे दिया है। ऐसे में सारनाथ मिनी जू में वन्य जीवों का मेन्यू बदला गया है। वन्य जीवों के लिए अब विंटर डाइट शुरू हुई है।
विस्तार
वाराणसी जिले में ठंड के दस्तक देते ही सारनाथ मिनी जू में वन्य जीवों की देखभाल को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। तापमान में गिरावट का असर जानवरों के स्वास्थ्य पर न पड़े, ऐसे में उनके भोजन से लेकर रात्रि विश्राम तक की व्यवस्था बदल दी गई है। वन विभाग ने खान-पान में आवश्यक पोषक तत्व बढ़ाते हुए नया विंटर डाइट चार्ट लागू कर दिया है।
मिनी जू में मगरमच्छ, घड़ियाल, हवासील, सारस और अन्य जलीय पक्षियों के भोजन की मात्रा कम की गई है। मगरमच्छ और घड़ियाल को अब सप्ताह में छह दिन ही मांस दिया जाएगा, जबकि सप्ताह में एक दिन वह उपवास करेंगे। हवासील, सारस और सफेद सारस को रोज 300 की जगह 200 ग्राम मांस दिया जाएगा। ताकि पाचन तंत्र सर्दी में ठीक रहे।
प्रभागीय वनाधिकारी बी. शिव शंकर ने बताया कि ठंड में वन्य जीव गतिशील कम हो जाते हैं, जिससे उनके पाचन पर प्रभाव पड़ता है। इसी कारण भोजन की मात्रा में संतुलन रखा जा रहा है। हिरणों के लिए मोटा अनाज, गुड़, नमक और अजवाइन का मिश्रण तैयार किया गया है। पक्षियों के लिए विटामिन युक्त फल और मौसमी सब्जियों को शामिल किया गया है।
इसे भी पढ़ें; खदान हादसा: बच्ची के कपड़ा खरीद लिहा, हम इतवार के दवाई लेके आइब... घटना से पहले पत्नी से फोन पर किया था वादा
जानवरों के आवासीय प्रबंध भी मौसम के हिसाब से बदले जा रहे हैं। हिरणों के बाड़ों में पुआल की नई परत बिछाई जा रही है, ताकि रात में गर्माहट मिल सके। मगरमच्छ और घड़ियाल के इलाकों में अतिरिक्त बालू की व्यवस्था की जा रही है, ताकि वे अपने शरीर का तापमान संतुलित रख सकें। छोटे पक्षियों के लिए गर्म पर्दों का इंतजाम किया जा रहा है।
वन्य जीवों के बाड़ों के बाहर बढ़ाई गई गश्त
वन विभाग ने सुरक्षा को लेकर भी चौकसी बढ़ा दी है। ठंड में वन्य जीव कम सक्रिय रहते हैं, इसलिए उनके बाड़ों के आसपास अतिरिक्त गश्त लगाई गई है। कुछ दिनों बाद इनके बाड़ों से बाहर निकलने और अंदर जाने के समय में भी बदलाव किया जाएगा। ताकि तापमान के उतार-चढ़ाव का असर न्यूनतम हो। डियर पार्क में इस समय सैकड़ों हिरण हैं। काले हिरण, बारहसिंगा, मगरमच्छ, घड़ियाल, कछुओं की कई प्रजातियां, तोता, मैना, गौरैया, लाल चिड़िया, बगुला, हंस और शुतुरमुर्ग आकर्षण का केंद्र बने हैं।
क्या बोले अधिकारी
ठंड के मौसम में पशु-पक्षियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। बदलते मौसम का असर उनके स्वास्थ्य पर न पड़े, इसके लिए भोजन चार्ट में बदलाव किया गया है। -बी. शिवशंकर, प्रभागीय वन अधिकारी