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अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा का दो दिवसीय राष्ट्रीय समागम संपन्न
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मोक्षतीर्थ गया में आयोजित अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासम्मेलन में मंदिरों के अधिग्रहण के विरोध में स्वर मुखर हुए। तीर्थ पुरोहितों ने एक स्वर में मंदिरों के अधिग्रहण के विरोध में अपना विरोध दर्ज कराया। इसके साथ ही धार्मिक स्थलों को सिर्फ भ्रमण स्थल के रूप में विकसित करने की नई संस्कृति पर ऐतराज जताया। सांस्कृतिक आयोजन में पद्मभूषण पं. साजन मिश्र के गायन की सुरधार बही।
महासम्मेलन की शुरुआत मुख्य अतिथि केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह व राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश चंद्र पाठक ने दीप जलाकर की। उन्होंने कहा कि तीर्थ और तीर्थ पुरोहित एक सूत्र हैं, जिन्हें पृथक नहीं किया जा सकता। महामंत्री पं. कन्हैया त्रिपाठी ने मांगों का समर्थन करते हुए मंत्री से सकारात्मक हल निकालने का अनुरोध किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कहा कि सरकार का काम तीर्थों के धर्म-कर्म, पूजा-पाठ कराने का नहीं बल्कि सुविधाओं का विस्तार करने का है। तीर्थ और धर्म आस्था के द्वार हैं, जबकि पर्यटन, मनोरंजन को इन्हें एक साथ नहीं देखा जा सकता। पर्यटन व्यापार है, मनोरंजन है। तीर्थाटन धार्मिक कृत्य है।
अंत में देवस्थानम बोर्ड कानून निरस्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को धन्यवाद देते हुए उनको सम्मानित करने का प्रस्ताव पारित हुआ। बनारस से पं. कन्हैया त्रिपाठी, मनीष नंदन मिश्र, श्याम, बाबू, राजकुमार अवस्थी, उमेश त्रिपाठी मौजूद रहे। अगली कार्यकारिणी की बैठक मार्तंड तीर्थ श्रीनगर में जून के पहले सप्ताह में और महासम्मेलन बैजनाथ धाम में करने का निर्णय लिया गया।

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महासम्मेलन की शुरुआत मुख्य अतिथि केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह व राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश चंद्र पाठक ने दीप जलाकर की। उन्होंने कहा कि तीर्थ और तीर्थ पुरोहित एक सूत्र हैं, जिन्हें पृथक नहीं किया जा सकता। महामंत्री पं. कन्हैया त्रिपाठी ने मांगों का समर्थन करते हुए मंत्री से सकारात्मक हल निकालने का अनुरोध किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कहा कि सरकार का काम तीर्थों के धर्म-कर्म, पूजा-पाठ कराने का नहीं बल्कि सुविधाओं का विस्तार करने का है। तीर्थ और धर्म आस्था के द्वार हैं, जबकि पर्यटन, मनोरंजन को इन्हें एक साथ नहीं देखा जा सकता। पर्यटन व्यापार है, मनोरंजन है। तीर्थाटन धार्मिक कृत्य है।
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अंत में देवस्थानम बोर्ड कानून निरस्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को धन्यवाद देते हुए उनको सम्मानित करने का प्रस्ताव पारित हुआ। बनारस से पं. कन्हैया त्रिपाठी, मनीष नंदन मिश्र, श्याम, बाबू, राजकुमार अवस्थी, उमेश त्रिपाठी मौजूद रहे। अगली कार्यकारिणी की बैठक मार्तंड तीर्थ श्रीनगर में जून के पहले सप्ताह में और महासम्मेलन बैजनाथ धाम में करने का निर्णय लिया गया।