Weather Update: वाराणसी में सूखा सा ही गया सावन, भादो में भी गर्मी और उमस का रहेगा असर, जानें कब होगी बारिश
वाराणसी समेत आसपास के जिलों में भादो की शुरुआत में ही गर्मी अपना रंग दिखा रही है। 35 डिग्री ज्यादा तापमान के बीच उमस वाली गर्मी से अभी राहत की उम्मीद नहीं की जा सकती है।

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रक्षाबंधन के साथ ही सावन का महीना भी संपन्न हो गया। वाराणसी समेत आसपास के जिलों में भादो की शुरुआत में ही गर्मी अपना रंग दिखा रही है। 35 डिग्री ज्यादा तापमान के बीच उमस वाली गर्मी से अभी राहत की उम्मीद नहीं की जा सकती है। धूप और उमस की वजह से लोग पसीने में भींग रहे हैं। गुरुवार को वाराणसी में अधिकतम तापमान बढ़कर 37.0 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। वहीं न्यूनतम तापमान डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह सामान्य से ज्यादा है।

बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक प्रो मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि तीन दिन तक मौसम में उमस रहने के आसार हैं। कहा कि तीन सितंबर के बाद मानसून के सक्रिय होने की संभावना है। तेज बारिश भी हो सकती है। हिंदू पंचांग के हिसाब से सावन के महीने में सबसे अधिक बारिश होती है।
अब भाद्रपद का महीना शुरू हो गया, जिसे आम भाषा में भादो भी कहा जाता है। इस महीने में गर्मी और उमस का प्रकोप ज्यादा रहता है। इस बार सावन का महीना सूखा सा ही निकल गया है। सावन के महीने में भी जनता बारिश के लिए तरसती रही। बादल छाए रहे लेकिन बारिश के नाम पर केवल बूंदाबांदी ही हुई।
बदले मौसम में बीमारी बढ़ी, ओपीडी का आंकड़ा एक हजार के पार
दिन में तेज धूप हो रही है तो रात में सिहरन महसूस होने लगी है। मौसम में इस बदलाव का असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ने लगा है। जिले के अस्पतालों में पिछले एक सप्ताह से ओपीडी का आंकड़ा भी एक हजार के पार पहुंच गया है। सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में पहले 1000 तक मरीज पहुंचते थे। अब यह 1200 से 1300 मरीज तक हो गई है। इसमें बुखार के साथ ही पेट संबंधी बीमारी के मरीज भी बढ़े हैं। गुरुवार को मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा, दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल के साथ ही शास्त्री अस्पताल रामनगर में भी ओपीडी में मरीजों की भीड़ रही। मरीजों की भीड़ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पैथालॉजी में लोगों को जांच के लिए इंतजार करना पड़ा।
ऐसे मौसम में बरतें सावधानी
-शरीर में पानी की मात्रा कम न होने दें।
-तेज धूप के बाद घर आने पर तुरंत पानी पीने से बचे।
-खुले में बिकने वाले सामानों को खाने से परहेज करें।
-मौसमी फल और सब्जी का सेवन करें।
-तीन दिन से अधिक बुखार होने पर डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
-बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा न लें।