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VIDEO : ग्रेटर नोएडा के ऐच्छर गांव में अमर उजाला संवाद, लोग बोले- नहीं होती है सफाई, निकलना हो रहा मुश्किल
नोएडा ब्यूरो
Updated Tue, 25 Mar 2025 01:21 PM IST
ऐच्छर गांव को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने भूमि अधिग्रहण कर शहरीकरण कर आदर्श गांव घोषित कर दिया हो, लेकिन आज भी गांव के लोग अपनी शर्तों को पूरा कराने प्राधिकरण के अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारियों की ओर से शर्तें पूरी किए जाने के बजाय उन्हें तारीख पर तारीख दी जा रही हैं। जिससे अब वो परेशान हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि धरना प्रदर्शन करने पर अधिकारी आश्वासन देते हैं, लेकिन समाधान नहीं करते हैं। ग्रेटर नोएडा के ऐच्छर गांव में सोमवार को आयोजित अमर उजाला ग्रामीण संवाद में गांव के लोगों ने समस्याएं बताईं। लोगों ने कहा कि गांव के आठ मुख्य मार्ग हैं, लेकिन किसी भी मार्ग पर सफाई नहीं होती है। जिसके चलते चारों तरफ गंदगी फैली रहती है और नालियों का पानी सड़कों पर बहता रहता है। कई बार प्राधिकरण के अधिकारियों से शिकायत भी की गई है। सुनवाई नहीं होने के कारण समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। लोगों का आरोप है कि फैली गंदगी के कारण सड़कों से गुजरना मुश्किल होता है और बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ता है। लोगों का आरोप है कि गांव में जलनिकासी की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण बरसात के मौसम में गलियों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। जिससे निकलना ग्रामीणों की मजबूरी होती है। कई दिनों तक पानी भरे रहने के कारण मच्छर पनपने लगते हैं। जिससे कई तरह की बीमारियां गांव में फैलने लगती हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि गांव में करीब दो दशक पहले पानी का पाइप लाइन बिछाई गई थी, लेकिन अभी कुछ समय पहले ही सप्लाई शुरू हुई है। उसमें भी आधे गांव में ही पानी की सप्लाई हो रही है। आधे गांव में लाइनें लीकेज पड़ी हुई हैं। इसके अलावा सीवर की लाइनें चोक होने के कारण जगह-जगह पर ओवर फ्लो होकर सड़क पर भरा रहता है। ग्रामीणों का आरोप है कि गांव में खेल का मैदान नहीं होने के कारण बच्चों को खेल और सरकारी भर्ती की तैयारी करने के लिए कई किमी मीटर दूर जाना पड़ता है। जिससे उनकी तैयारी में प्रभाव पड़ता है और समय के साथ ही अधिक रुपयों की बर्बादी होती है। शमसान की स्थिति देखरेख के अभाव में जर्जर हो चुकी है। साथ ही चारों तरफ गंदगी फैली रहती है। इसके अलावा गांव में बारात घर नहीं होने के कारण लोगों का कोई कार्यक्रम करने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है और रुपयों की बेवजह बर्बादी होती है। बिजली के खंभों पर लगी स्ट्रीट लाइटें 75 फीसदी जलती ही नहीं हैं। जिस कारण शाम ढलते ही गांव में अंधेरा छा जाता है।
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