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VIDEO : सावधान ! रात में महिलाओं का निकलना असुरक्षित, मामूरा में अराजक तत्वों का लगता है जमावड़ा
नोएडा ब्यूरो
Updated Wed, 18 Dec 2024 03:48 PM IST
शहर की करीब 2 लाख जनसंख्या वाले मामूरा गांव में अवैध अतिक्रमण से पूरा गांव की गलियां धीरे धीरे खत्म होती जा रही हैं। आपातकालीन स्थिति में यहां कोई सेवा नहीं पहुंच सकती हैं। मंदिर के आस पास मीट की दुकानों समेत रात को महिलाओं के लिए यह इलाका सुरक्षित नहीं है। यहां पुलिस की लापरवाही के कारण अराजक तत्वों का जमावड़ा लगता है।
सेक्टर 66 स्थित मामूरा गांव में अमर उजाला की ओर से अमर उजाला संवाद का आयोजन किया गया। इस दौरान ग्रामीणों ने यहां की कई समस्याएं बताई। ग्रामीणों ने बताया कि यहां गली नंबर 2 में रात 12–1 बजे तक अराजक तत्वों का जमावड़ा लगता है। वो शराब और गांजा पीकर यहां घूमते हैं। ऐसे में यहां महिलाओं का निकलना तक सुरक्षित नहीं है।
अन्य ग्रामीण ने बताया कि यहां गली नंबर 5 के पास बने मंदिर के करीब 10–20 मीटर की दूरी पर ही कई मीट की दुकानों हैं। श्रद्धालु भला कैसे इस अशुद्ध स्थान पर पूजा कर पाएंगे। इसका समाधान होना चाहिए। गांव के ग्रामीणों ने बताया कि यहां सबसे बड़ी समस्या दुकानदारों द्वारा किए गए अतिक्रमण की है। जब इसकी शिकायत की गई तो उल्टा पुलिस ने दुकानदारों से मिलीभगत कर गांव के कई।युवाओं को जेल भेजने तक की धमकियां दे डाली, यहां तक कुछ युवाओं को हिरासत में भी लिया गया।
उन्होंने बताया कि दुकानदारों को जितनी जगह मिली थी, उन्होंने उससे ज्यादा बढ़कर नालियों को बंद कर दिया और बिजली के खंभे तक अतिक्रमण कर रखा है। इससे गलियां छोटी होने के कारण यहां इमरजेंसी सुविधाएं जैसे एम्बुलेंस या फायर की गाड़ियां तक अन्दर नहीं आ सकती है। शाम को स्थिति ऐसी रहती है कि इन तंग गलियों से निकला तक नहीं जा सकता।
ग्रामीणों ने बताया कि यहां आधी आबादी पानी के लिए तरस रही है। आधी आबादी तो।पानी की पाइपलाइन पड़ी है, लेकिन आधी आबादी अभी भी वंचित है। यहां पर सन 1988 में पड़ी सीवर लाइन भी अब वर्तमान की जनसंख्या को नहीं झेल।पा रही है। इससे उफनाते चैंबर की समस्या भी यहां बनी हुई है। यहां घनी आबादी के कब्रिस्तान बना है, इसे अन्य दूसरी जगह शिफ्ट किया जाए। इस दौरान शरद चौहान, जेएस चौहान, रोहतास चौहान, रोहित चौहान, नन्द किशोर, दीपक चौहान, अमर दीप, भोजपाल चौहान, दिनेश, तेज सिंह चौहान समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
यहां दुकानदारों ने अवैध अतिक्रमण कर गलियों को सकरा कर दिया है। शाम को यहां निकल तक नहीं सकता। एंबुलेंस जैसी सुविधाएं तक नहीं यहां नहीं पहुंच पाती।
–आनंद पाल सिंह, आरडब्ल्यूए अध्यक्ष, सेक्टर 66
दोनों बारात घर की स्थिति जर्जर है, प्राधिकरण को इसे आरडब्ल्यूए के हैंडओवर करना चाहिए। ताकि ये ग्रामीणों के काम आ सके।
– राजपाल सिंह
यहां आधी आबादी पीने के पानी से वंचित है। आज भी आधे गांव में पानी की पाइप लाइन नहीं डाली गई। सीवर लाइन सन 1988 की पड़ी है, आज की जनसंख्या के मुकाबले वह काम नहीं कर रही हैं।
– नरेश मुखिया
मंदिर के मात्र 10–20 मीटर दूरी पर यहां मीट की दुकान है। रात रातभर दुकानें लगती हैं। शराब और गांजा पीकर यहां अराजक तत्व हुड़दंग करते हैं, पुलिस लापरवाह है, महिलाएं असुरक्षित हैं।
– मोनू चौहान
गांव के सामने के हिस्से में आने वाले नाले को कवर किया जाए, सड़कों की मरम्मत हो, नालियों का ढलान ठीक किया जाए, ताकि जलभराव न हो।
–इंद्र सिंह चौहान
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