उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शनिवार को नई दिल्ली के पालम हवाई अड्डे पर गौतम बुद्ध के पवित्र अवशेषों की विधिवत पूजा-अर्चना की। यह अवशेष अब रूस के कलमीकिया गणराज्य की राजधानी एलिस्टा ले जाए जा रहे हैं, जहां 11 से 18 अक्टूबर 2025 तक एक भव्य बौद्ध प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी। इस विशेष अवसर पर मौर्य के साथ 11 वरिष्ठ भारतीय भिक्षुओं का एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी शामिल है।
भारत सरकार की इस ऐतिहासिक पहल के तहत, भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को पहली बार रूस ले जाया जा रहा है। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, “यह मेरे जीवन का अत्यंत सौभाग्यशाली क्षण है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हृदय से धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने इस दिव्य अवसर का अवसर प्रदान किया। इन अवशेषों का इतिहास अत्यंत गौरवशाली है। यह केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक आध्यात्मिक एकता का क्षण है।”
मौर्य ने आगे कहा कि भगवान बुद्ध का संदेश आज भी शांति, करुणा और मानवता का प्रतीक है। रूस में यह प्रदर्शनी भारत की ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की भावना को सशक्त रूप से प्रस्तुत करेगी और दोनों देशों के सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत बनाएगी।
वहीं, अवशेषों के साथ जा रहे प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख 43वें शाक्य त्रिजिन, ज्ञान वज्र रिनपोछे ने कहा, “मैं इस अवसर पर खुद को अत्यंत सम्मानित महसूस कर रहा हूं। यह सरकार की एक महान पहल है, जो हमारे रूसी भाइयों और बहनों के बीच बौद्ध धर्म की शिक्षाओं को और फैलाएगी। मुझे उम्मीद है कि भारत सरकार भविष्य में इन अवशेषों को विश्व के अन्य हिस्सों में भी ले जाएगी ताकि शांति और करुणा का संदेश हर जगह पहुंचे।”
यह यात्रा भारत और रूस के बीच आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम मानी जा रही है।