{"_id":"68cbc40edbea8c657e088bec","slug":"video-crops-submerged-in-water-in-hisar-2025-09-18","type":"video","status":"publish","title_hn":"हिसार के 90 गांवों में पानी में डूबी फसलें, 30 सितंबर तक नहीं हो पाएगी निकासी","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
हिसार के 90 गांवों में पानी में डूबी फसलें, 30 सितंबर तक नहीं हो पाएगी निकासी
हिसार जिले के 90 गांवों में अब भी करीब 44970 एकड़ फसलें पानी में डूबी हुई हैं। सिंचाई विभाग की रिपोर्ट के अनुसार इन गांवों में करीब औसतन 3.5 फीट तक पानी भरा हुआ है। सिंचाई विभाग, पंचायत विभाग, पीडब्ल्यूडी के करीब 350 पंपों के जरिए पानी निकाला जा रहा है। अगर इसी क्षमता पर पानी की निकासी का काम जारी रहा तो पानी को निकालने के लिए 30 सितंबर तक पूरा हो पाएगा। सबसे अधिक जलभराव बरवाला उपमंडल के 26 गांवों में है। प्रदेश सरकार की ओर से सिंचाई विभाग को पानी निकासी का काम हर हाल में 1 अक्तूबर से पहले पूरा करने के आदेश दिए गए हैं। जिसके लिए अधिकारियों को रोजाना की रिपोर्ट पोर्टल पर अपडेट करनी होगी।
बारिश बंद होने के दस दिन बाद भी पानी की निकासी नहीं हो पा रही। दाहिमा, कैमरी, लाडवा, सातरोड, सुलतानपुर, गंगवा, पातन, सीसवाला, रावलवास ,सिंहवा राघो, गुराना, डाटा, आर्यनगर, लितानी सहित अन्य गांवों में अब भी 3 से 4 फीट पानी भरा हुआ है। इन गांवों में पानी निकासी के लिए 350 से अधिक पंपसेट लगाए गए हैं। जिनसे पानी निकाल कर उसे ड्रेन में डाला जा रहा है। प्रदेश सरकार की ओर से जिला प्रशासन को पानी निकासी के लिए 30 सितंबर तक का टारगेट दिया गया है। अगर पानी की निकासी नहीं की गई तो संबंधित अधिकारी जिम्मेदार माने जाएंगे। विभागीय अधिकारियों को हर एक गांव के अनुसार रोजाना पानी निकासी का रिकॉर्ड अपडेट करना होगा। इसके लिए अलग से पोर्टल बनाया गया है।
चिठ्ठी से मचा हड़कंप, एसीबी तक पहुंचा मामला
सिंचाई विभाग की ओर से वर्ष 2022-23 में कराए गए पानी निकासी के प्रोजेक्ट को लेकर मंडल आयुक्त की चिठ्ठी ने हडकंप मचा दिया है। बुधवार को विभाग के आला अधिकारी चंडीगढ़ पहुंचे। मंडल आयुक्त की ओर से लिखी गई चिठ्ठी को लेकर मामला भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो तक पहुंचा है। माना जा रहा है कि एससीबी इस मामले में अपने स्तर पर भी जांच कर सकती है।
बालसमंद रोड़ पर 17 दिन से पानी
हिसार बालसमंद रोड जलभराव के कारण पिछले 17 दिन से बंद है। रोड पर गहरे गड्ढे होने के चलते छोटे वाहन चालकों को सबसे अधिक दिक्कत हो रही है। रोड पर लगाई गई लोहे की रेलिंग टूट कर गिर चुकी है। कुछ बड़े वाहन भी यहां फस रहे हैं। तीन फीट पानी भरा होने के चलते गांव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का संचालन धर्मशाला में किया जा रहा है। सीएचसी में किसी तरह की जांच नहीं हो पा रही। यहां महिलाओं के लिए प्रसव सेवा भी बंद है। मरीजों को सीएचसी में भर्ती करने की सुविधा पूरी तरह से ठप है।
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