अश्विन मास कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि पर गुरुवार सुबह श्री महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। भक्त देर रात से ही कतार में लगकर अपने आराध्य भगवान महाकाल के दर्शन का इंतजार कर रहे थे। सुबह 4 बजे मंदिर के पट खोले गए और पूरे परिसर में “जय श्री महाकाल” के जयघोष गूंज उठे।
मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि भस्म आरती से पहले भगवान का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर, पंचामृत और फलों के रस से किया गया। पूजन के बाद भगवान महाकाल का श्रृंगार कर नवीन मुकुट और मोगरे की माला अर्पित की गई। इसके पश्चात महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से शिवलिंग पर भस्म अर्पित की गई। इस दौरान बाबा महाकाल को त्रिपुंड और ड्रायफ्रूट की माला से अलंकृत किया गया। हजारों श्रद्धालुओं ने इन दिव्य दर्शनों का लाभ लिया और आशीर्वाद प्राप्त किया। मान्यता है कि भस्म अर्पित होने के बाद भगवान निराकार से साकार स्वरूप में दर्शन देते हैं।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला उमा सांझी महोत्सव 2025 का शुभारंभ आज घट स्थापना के साथ हुआ। संध्या आरती के बाद सभा मंडप में वसंत पूजा और नारदीय कीर्तन का आयोजन किया गया।मंडप में प्राचीन शिला पर रंगोली सजाई गई, जिसका निर्माण स्थानीय कलाकारों सत्यनारायण जोशी, मुकेश शर्मा, भूषण व्यास, सुभाष शर्मा, संदीप शर्मा, नवनीत शर्मा, गोपाल शर्मा और अनंतनारायण शर्मा ने किया। यहां माता उमा और शेषनाग की भव्य झांकी भी सजाई गई।
सायंकालीन आरती के बाद वैदिक ब्राह्मणों ने वेदपाठ के साथ वसंत पूजा सम्पन्न कराई। ग्वालियर से आए समर्थ योगेश पुरन्दरे ढोली बुआ महाराज ने शाम 5 से 6 बजे तक नारदीय कीर्तन प्रस्तुत किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। पहली प्रस्तुति में उज्जैन की प्रीति देवले के लोकगायन समूह ने शिव-पार्वती पर आधारित भजनों की प्रस्तुति दी। दूसरी प्रस्तुति में स्वाति उखले के नेतृत्व में लोकनृत्य समूह ने मालवा के पारंपरिक सांझी गीत और मटकी नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी।
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कार्यक्रम का शुभारंभ बैंक ऑफ इंडिया उज्जैन अंचल के आंचलिक प्रबंधक ए.के. शरण, उप आंचलिक प्रबंधक प्रदीप कुमार कमल तथा मंदिर प्रबंध समिति की ओर से सहायक प्रशासक आशीष फलवाडिया और आर.के. तिवारी ने दीप प्रज्वलन और कलाकारों के सम्मान के साथ किया।
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