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VIDEO : गोरिया और मोहनबाड़ी गांव में किसान परेशान, दो माह से खेतों में भरा बारिश का पानी
जलभराव के कारण बाजरा और कपास की फसल बर्बाद होने के बाद गोरिया गांव के कई किसान गेहूं की फसल की बुआई को लेकर आशंकित हैं, क्योंकि उनके खेतों से अब तक बारिश का पानी नहीं निकाला जा सका है। वहीं मोहनबाड़ी गांव में भी किसानों की यहीं समस्या है। किसानों का कहना है कि अगर जल्द ही उनके खेतों से पानी नहीं निकाला गया तो उन्हें दोहरी मार झेलनी पड़ेगी। गोरिया ग्राम पंचायत ने जिला अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर नुकसान का आकलन करने के लिए विशेष गिरदावरी कराकर फसल के नुकसान के लिए पर्याप्त मुआवजा देने की मांग की। सितंबर में हुई मूसलाधार बारिश के कारण हमारे गांव की 300 एकड़ से अधिक कृषि भूमि जलमग्न हो गई थी। उस समय बाजरा और कपास की फसलें लहलहा रही थीं, लेकिन जलभराव के कारण पूरी तरह से बर्बाद हो गई। गांव के सरपंच अजीत सिंह ने कहा कि अधिकांश किसानों के पास बीमा कवर नहीं है, इसलिए हम नुकसान की भरपाई के लिए विशेष गिरदावरी की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्र के बड़े हिस्से से पानी निकाल दिया है। अभी भी एक हिस्सा पानी में डूबा हुआ है, जिससे किसान मुश्किल में हैं। मौजूदा स्थिति में वह गेहूं की फसल की बुआई नहीं कर पा रहे हैं। किसान हवा सिंह ने कहा कि जलभराव के कारण फसल के नुकसान ने किसानों को बर्बादी के कगार पर पहुंचा दिया है। उन्होंने खेती के लिए कर्ज लिया था। अब उनके पास कर्ज चुकाने के लिए आय का कोई स्रोत नहीं है, क्योंकि जलभराव ने फसलों को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। सरकार को उन्हें उचित मुआवजा देकर संकट से उबारना चाहिए। किसान छाजू राम ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में गांव का जल स्तर काफी बढ़ गया है, इसलिए जमीन बारिश के पानी को सोख नहीं पा रही है जबकि किसान अनिल ने कहा कि अगर सरकार उन्हें वित्तीय सहायता नहीं देती है तो उन्हें कर्ज चुकाने के लिए अपनी जमीन बेचनी पड़ेगी। यह मामला अभी उनके संज्ञान में आया है। संबंधित अधिकारियों को जल्द से जल्द खेतों से पानी निकालने का निर्देश दिया गया है जबकि हम मुआवजे के लिए सरकार को लिखेंगे। -प्रदीप दहिया, उपायुक्त, झज्जर
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