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Demand for bringing transparency in internal evaluation in Jind, Kisan Chhatra Ekta Sangathan submitted a memorandum to the Vice Chancellor
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जींद में आंतरिक मूल्यांकन में पारदर्शिता लाने की मांग, कुलपति के नाम किसान छात्र एकता संगठन ने सौंपा ज्ञापन
किसान छात्र एकता संगठन ने विश्वविद्यालय के डीन ऑफ एकेडमिक विशाल वर्मा से मुलाकात की और आंतरिक मूल्यांकन (इंटरनल असेसमेंट) के अंकों में हो रहे भेदभाव को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया। संगठन ने डीन को कुलपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें मूल्यांकन प्रक्रिया में पारदर्शिता लागू करने की मांगों का विवरण दिया गया।
संगठन ने प्रमुख रूप से मांग कि सभी छात्रों के अंक नोटिस बोर्ड पर सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किए जाएं, ताकि यदि किसी छात्र को अपने अंकों पर आपत्ति हो तो वह अपना पक्ष रख सके। साथ ही अंकों से जुड़ी जानकारी देने की तय तारीख को बढ़ाने का भी आग्रह किया गया, ताकि सभी छात्रों को उचित समय मिल सके।
उप प्रधान अभिषेक जुलाना ने कहा कि कई विभागों में इंटरनल मार्क्स को लेकर छात्रों को धमकाया जा रहा है। जब छात्र अपने अंक पूछते हैं या पुनर्मूल्यांकन की बात करते हैं तो उन्हें डराने-धमकाने की कोशिश की जाती है। इसके अतिरिक्त संगठन ने रजिस्ट्रार प्रोफेसर लवलीन मोहन से भी मुलाकात कर छात्रों को हो रही असमानताओं और अन्य समस्याओं को लेकर चर्चा की।
प्रदेश अध्यक्ष सुमित लाठर ने कहा कि यह केवल आंतरिक मूल्यांकन का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह छात्रों के आत्म-सम्मान, मेहनत और अधिकार की लड़ाई है। जब तक पारदर्शिता लागू नहीं होती और सबके लिए समान न्याय नहीं सुनिश्चित होता, तब तक किसान छात्र एकता संगठन शांत नहीं बैठेगा।
किसान छात्र एकता संगठन ने कहा कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो संगठन कुलपति कार्यालय के सामने पुतला फूंका जाएगा और प्रमुख विभागों के चेयरपर्सनों के ऑफि स पर ताले जड़ दिए जाएंगे और रोज धरना-प्रदर्शन शुरू किया जाएगा। यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक हर छात्र को न्याय नहीं मिल जाता और पारदर्शिता लागू नहीं होती। इस अवसर पर छात्र नेता नवरत्न माथुर, प्रथम, गोविंद सैनी, साहिल नरवाल और नवीन भी मौजूद रहे।
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