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VIDEO : महेंद्रगढ़ के महामूर्ख सम्मेलन में देशभर से पहुंचे कवियों ने खूब गुदगुदाया
श्री रामलीला परिषद के रंगमंच पर शुक्रवार शाम को हुए महामूर्ख सम्मेलन में देश के विभिन्न राज्यों से पहुंचे कवियों ने अपनी रचनाओं से लोगों को खूब गुदगुदाया। शहर के परशुराम चौक से महामूर्खाधीश बने सुधीर दीवान घोड़े पर बैठकर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। यह सम्मेलन देशभर केवल दिल्ली व महेंद्रगढ़ में ही आयोजित किया जाता है। महेंद्रगढ़ निवासी राष्ट्रीय कवि सुरेश मक्कड साहिल की पुस्तक गजब करै सै का भी लोकार्पण किया गया। गवालियर से तेज नारायण शर्मा, जबलपुर से मणिका दुबे, एमपी से दिनेश देशी घी, यूपी से शरफ नानपारवी, ब्यावरा एमपी से मनीष गोस्वामी ने अपनी कविताओं से लोगों को खूब गुदगुदाया।
मंच के प्रधान नरेश जोशी ने बताया कि महामूर्खाधीश सुधीर दीवान को गले में सब्जियों की माला पहनाकर डीजे के साथ नाचते गाते सम्मेलन स्थल पर पहुंचे। इस मौके पर मुख्यातिथि पूर्व मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलदीप यादव ने की। सम्मेलन में कवियों ने सुंदर-सुंदर अपनी रचनाएं प्रस्तुत कर लोगों का मनोरंजन किया।
ग्वालियर से तेज नारायण शर्मा ने राजनीति का दुर्भाग्य क्या है सूर्योदय का वादा वे लोग कर रहे हैं, जिनकी खुद की पार्टी का चुनाव चिह्न लालटेन है। जबलपुर मध्य प्रदेश से कवयित्री मणिका दुबे ने हाेली का गीत सुनाते हुए लहराती इठलाती बलखाती खेतों की बाली, दाता अन्य के की झोली न जाए खाली। नीले अंबर धरती बोली पानी बरसाओ पिया मुझे धीरे से रंग लगाना। सरफ नानपारवी बहराइच यूपी से ने कहा कि लोग सूरज कहते रहे कम अंधेरों में जलते रहे, वो था सूरज सलामत रहा मोम हम थे पिघलते रहे।
शाहजहांपुर मध्यप्रदेश से दिनेश ने सुनाया दिखता जो सीधा है भगवा को धारे तू, जब तू गरजता है, दुश्मन मारे तू, तेरी पलक झपकी, योगी गुंडाें की गाड़ी टपकी। राजगढ़ मध्यप्रदेश से मनीष गोस्वामी ने खुशनुमा चेहरे की स्माइल निपट जाएगी ओर अगर कुंवारा है तो अभी मौज मार ले, प्यारे विवाह के बाद तो यह फाइल निपट जाएगी। स्थानीय कवि सुरेश मक्कड़ साहिल ने बेशक नई पुरानी लिख दे, भाई बात स्याणी लिख दे, आग न आग नहीं लिक्खै तो पानी ने तो पाणी लिख दे। इस मौके पर उन्होंने गजब करै से पुस्तक का विमोचन किया।
देशभर में दिल्ली व महेंद्रगढ़ में ही होता है महामूर्ख सम्मेलन
महामूर्ख सम्मेलन 1970 में प्रो. शिवराम शर्मा ने इस की शुरूआत की थी। उस समय यह आयोजन पूरे देश में दो स्थानों पर दिल्ली और महेंद्रगढ़ में आयोजित किया जाता था। पहले यह कार्यक्रम मुसद्दी लाल धर्मशाला में आयोजित किया गया था। उसके बाद लाला बंशीलाल धर्मशाला, कमला भवन धर्मशाला में होते रहे। इसके बाद लोगों को भीड़ को देखते हुए इसको श्री रामलीला परिषद में करना शुरू कर दिया। महामूर्ख सम्मेलन में घीसाराम गौड़, रामजीलाल महाश्य, अधिवक्ता ओमप्रकाश यादव महामूर्खाधीश बन चुके है। इनके बाद मास्टर जय नारायण महामूर्खाधीश बने, मास्टर जयनारायण के र्स्गवास के बाद राव कुलबीर बोहरा, मुकेश लावणिया भी इस पद के लिए सुशोभित हो चुके है। पिछले पांच सालों स सुधीर दिवान महामूर्खाधीश बनते आ रहे है।
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