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नारनौल में 2023 में रेणू बाला ने शुरू किया दीदी स्वयं सहायता समूह, आज 15 महिलाएं जुड़ी
ग्रामीण क्षेत्र कांटी से ताल्लुक रखने वाली रेणू बाला के मन में साल 2023 में घरेलू मसाले का काम करने का विचार आया। इस संबंध में उन्होंने अपने रिश्तेदार से बातचीत की तो उन्होंने इसकी पूरी जानकारी हासिल की। इसके बाद साल 2023 में रेणू ने महिलाओं का दीदी स्वयं सहायता समूह नामक एक समूह बनाया और काम शुरू किया। हालांकि उस दौरान काम उतना बेहतर नहीं था, लेकिन 2 सालों की मेहनत के बाद आज उनका काम काफी बढ़ गया है और अब पहले की तुलना में महिलाएं भी अधिक जुड़ने लगी हैं।
5 महिलाओं के साथ की शुरूआत:
रेणू ने 5 महिलाओं के साथ गांव कांटी में अपने समूह की शुरूआत की। मसाले लाकर सुखाने, सफाई करने व पीसने के बाद पैकिंग करने का काम भी शुरू हो गया। लेकिन देहात होने के कारण बिजली की सप्लाई काम की रफ्तार में आड़े आने लगी।
फिर केशव नगर में की नई शुरूआत:
रेणू का केशव नगर गली नंबर एक में एक छोटा सा प्लाट खाली था। इसके बाद उन्होंने अपना सारा सैटअप यहीं पर लगा लिया। इसके बाद से काम सुचारू रूप से चलता रहा और मार्केट में पहचान भी बनने लगी तो और महिलाएं भी जुड़ने लगी। वर्तमान में रेणू के साथ 15 महिलाएं अपना योगदान दे रहीं हैं।
इन मसालों का है काम:
रेणू का समूह फिलहाल मिर्च, हल्दी, जीरा व धनिया का सफाई करने के बाद उसे सुखाने व पिसाई करने का काम कर रहा है। इसके अलावा यहां एक आटा चक्की भी लगाई हुई है, जहां गेहूं पिसाई का कार्य भी किया जा रहा है।
जयपुर से आता है मसाला:
रेणू ने बताया कि उनका सारा साबुत मसाला जयपुर मंडी से आता है और उसे लाने का काम ललित कुमार करते हैं। इसके अलावा ललित ही पिसे हुए मसाले को गांव कांटी, नारनौल व फरीदाबाद में सेल करने के लिए ले जाते हैं। ललित ही सेल पर्चेज का काम संभालते हैं।
रेणू ने बताया कि समूह का काम अभी सीमित ही है और माल भी उतना ही लाया जाता है जितने की खपत हो सके। उनका प्रयास है कि काम का और विस्तार किया जाए, ताकि उनके पास काम करने वाली महिलाओं का मेहनताना भी और बेहतर हो सके। जिसके लिए वे निरंतर प्रयास कर रही हैं। हालांकि एक बार उनका मसाला जिसने भी खरीदा हो वो दोबारा उन्हीं के पास आता है।
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