{"_id":"68d11d4bd6bb141cb50361f3","slug":"video-hamirpur-workers-gherao-state-labour-welfare-board-over-non-release-of-benefits-2025-09-22","type":"video","status":"publish","title_hn":"Hamirpur: कामगारों ने लाभ जारी न होने पर किया राज्य श्रम कल्याण बोर्ड का घेराव","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Hamirpur: कामगारों ने लाभ जारी न होने पर किया राज्य श्रम कल्याण बोर्ड का घेराव
मनरेगा मजदूरों के लाभ जारी न किए जाने पर सीटू के बैनर तले सैकड़ों मजदूरों ने हिमाचल प्रदेश भवन एवं सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के राज्य कार्यालय का घेराव किया। इस दौरान कार्यालय के सरकारी वाहन को भी घेरा गया। हमीरपुर तहसील परिसर से लेकर श्रम कल्याण बोर्ड के राज्य कार्यालय तक रैली निकाली गई। इस दौरान मजदूरों के लाभ जारी करने की मांग की गई। कहा गया कि पिछले तीन सालों से मनरेगा मजदूरों के लाभ जारी नहीं किए जा रहे हैं। जब से प्रदेश सरकार बनी है तब से मनरेगा मजदूरों के लाभ रोक दिए गए हैं। इस वजह से मनरेगा मजदूरों को परेशानी पेश आ रही है। इसके साथ ही दो बार नवीनीकरण की शर्त को हटाने की मांग की गई। सीटू के नेताओं ने चेताया कि यदि बोर्ड ने अपनी कार्यशैली में सुधार नहीं किया तो दिसंबर में बड़ा आंदोलन किया जाएगा। 10 हजार कामगारों को शादियों, छात्रवृत्ति व मातृत्व योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। इनके आवेदन के बावजूद इन्हें रुपए जारी नहीं किए गए। वहीं बोर्ड की तरफ से की जा रही मजदूरों की ई केवाईसी की धीमी रफ्तार पर भी आपत्ति जाहिर की गई। सीटू के राज्य अध्यक्ष जोगिंद्र कुमार ने बताया कि मनरेगा मजदूरों के लाभ जारी नहीं किए जा रहे हैं। बोर्ड द्वारा नए नए नियम बनाए जा रहे हैं जिस कारण मजदूरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसी के चलते राज्य बोर्ड कार्यालय का घेराव किया जा रहा है। कामगार कल्याण बोर्ड के सदस्य भूपेंद्र का कहना है कि जब से प्रदेश सरकार ने कार्यभार संभाला है जब से बोर्ड के लाभ मजदूरों को नहीं मिल पा रहे। तीन सालों से 500 करोड़ की लाभ राशि अटकी हुई है। एक लाख 12 हजार से अधिक मजदूर लाभ का इंतजार कर रहे हैं। 10 हजार मनरेगा मजदूरों को शादी, छात्रवृत्ति व मातृत्व योजना का लाभ जारी नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में ई केवाईसी की जा रही है। हिमाचल में चार लाख 76 कामगार है लेकिन अभी तक सिर्फ 61 हजार की ही ई-केवाईसी हो पाई है। इस प्रक्रिया को वर्ष 2024 में शुरू किया गया था लेकिन यह धीमी गति से चलाई जा रही है। इस वजह से कामगारों को मिलने वाले लाभ लटके हुए हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020-21 में आवेदन करने वाले मजदूरों को लाभ जारी किए जाने चाहिए थे वह भी जारी नहीं किए जा रहे हैं।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।