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हमीरपुर: कोहली बाईपास को भूस्खलन से भारी नुकसान, अब दिसंबर तक निर्माण का लक्ष्य
शिमला-मटौर फोरलेन के चीलबाहल-कोहली टूलेन बाईपास में भी बरसात ने भारी तबाही मचाई है। दर्जनों जगहों पर सड़क धंस गई है। कई जगहों पर डंगे ढह गए है। भूस्खलन से निर्माणाधीन टूलेन को भारी नुकसान पहुंचा है। अक्तूबर तक इस बाइपास का निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अब एनएचएआई ने भारी नुकसान के चलते दिसंबर तक इस कार्य को पूरा करने के निर्माण कार्य कर रही कंपनी को निर्देश दिए हैं। बाईपास का बड़ा हिस्सा न सिर्फ चीलबाहल की ओर बल्कि मसयाणा और इससे आगे जसौर गांव तक बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुआ है। करोड़ों रुपये का नुकसान यहां हुआ है। निर्माणाधीन बाईपास के साथ लगते संपर्क सड़कों, रास्तों और पहाड़ियों को बरसात में नुकसान हुआ है। यहां पर बरसात के चलते डेढ़ माह से कार्य बंद है। मसयाणा में निर्माण कार्य को बरसात के चलते रोका गया था, लेकिन भारी बरसात से निर्माण कार्य रोके जाने के बावजूद भी भूस्खलन लगातार जारी है। जिले में पिछले पांच दिनों से लगातार बारिश हो रही है। ऐसे में नुकसान लगातार बढ़ता जा रहा है। हालांकि यहां पर भूस्खलन से गिर रहे मलबे से संपर्क सड़कें बाधित न हों और निजी संपति को नुकसान न हो, इसके लिए मलबा हटाया जा रहा है। लेकिन लगातार हो रही बारिश से सड़क बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई है। इसके दोबारा निर्माण में अभी खासा समय लगने की आशंका है। फिलहाल यह बाईपास निर्माणाधीन है। ऐसे में इसे दुरस्त करने का जिम्मा कंपनी के पास है, लेकिन अब इस कार्य को पूरा करने में देरी होना संभव है। इस बाईपास पर आवाजाही अब अगले वर्ष ही संभव हो सकेगी। बाईपास निर्माण के चलते यहां पर सरकारी जमीन, पहाड़ी, निजी संपति की ओर भी भूस्खलन बरसात में भारी मात्रा में हुआ है। लोगों की जमीनों में पानी और मलबा घुसा है। हालांकि कोई वीआईपी अथवा नेता यहां पर निरीक्षण के लिए नहीं पहुंचे हैं। मसयाणा की पहाड़ी से लगातार पेड़ गिर रहे हैं। यहां पर भारी भूस्खलन भी हुआ है। पेड़ भी इस मलबे में जमींदोज हो रहे हैं। निर्माण कंपनी विभिन्न जगहों पर राहत बचाव कार्य कर रही है, लेकिन बरसात लगातार मुश्किलें बढ़ा रही है।
बरसात के चलते कार्य बंद है। बरसात में बाईपास को नुकसान भी पहुंचा है। अक्तूबर तक निर्माण का लक्ष्य पूरा नहीं हो सकेगा। यहां पर निजी और सरकारी संपति को नुकसान न हो, इसके लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। अब दिसंबर माह तक निर्माण कार्य को पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।
-विक्रम मीणा, परियोजना निदेशक, पीआईयू यूनिट एनएचएआई, हमीरपुर
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