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Rampur Bushahr: हनुमान चालीसा से गूंजा रामपुर का सत्यनारायण मंदिर
प्रदेश में हिंदू समाज को संगठित करने और सांस्कृतिक मूल्यों को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से प्रदेश भर में हिंदू सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में वीरवार को रामपुर के ठाकुर श्री सत्यनारायण मंदिर में हिंदू सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघचालक वीर सिंह रांगड़ा मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद रहे। वहीं, कार्यक्रम में आचार्य मानव शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। मुख्य वक्ता और विशेष अतिथियों ने कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन और तुलसी पूजन से किया। हिंदू सम्मेलन समिति रामपुर की ओर से वीरवार को रामपुर के सत्यनारायण मंदिर में हिंदू सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन की शुरुआत ऊं उच्चारण और हनुमान चालीसा के साथ हुआ। सम्मेलन में मौजूद विभिन्न क्षेत्रों से आए लोगों ने हनुमान चालीसा पाठ से समूचा माहौल भक्तिमय बना दिया। मुख्यातिथि मानव शर्मा ने कहा कि रामपुर का सत्यनारायण मंदिर तीर्थ का रूप धारण कर चुका है। यहां विभिन्न धार्मिक आयोजन, कथाओं, धार्मिक कार्य हो रहे हैं। धर्म के प्रति रामपुर वासियों के लिए गर्व का विषय है। आज हम रोजमर्रा के कार्य के चलते धर्मार्थ कार्य और पुण्य कार्यों को भूल जाते हैं। हिंदू सहज हैं और सभी का सम्मान करते हैं। यहां वसुधैव कुटुंबकम की धारणा आज भी कायम है। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि जब-जब भारतीय अलग हुए हैं, तब-तब बाहर वालों ने आकर आक्रमण किया है। और जब-जब हिंदू संगठित हुआ है, तब-तब किसी ने भी भारत पर आंख उठाने की हिम्मत नहीं की। संगठन की नींव परिवार और व्यक्ति विशेष से निर्धारित होती है। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि लोगों के घर बड़े हो रहे हैं, जबकि घरों में रहने वाले लोगों की संख्या कम होती जा रही है। करियर और धनार्जन के चलते युवा अपने माता पिता से अलग हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा प्रणाली में मां सबसे बड़ी गुरू माता होती है, जो माता अपने बच्चे को सिखाती है, बच्चा वही सीखता है। उन्होंने शिवाजी महाराज का उदाहरण देते हुए कहा कि उनकी माता उनसे स्वराज स्थापना की शिक्षा दी और आगे चलकर शिवाजी महाराज ने स्वराज की प्राप्ति की। उन्होंने सम्मेलन में आए लोगों को अपने बच्चों को आध्यात्मिक, सांस्कारिक शिक्षा देने और हिंदू समाज से एकजुट होने का आह्वान किया। मुख्य वक्ता प्रांत संघ चालक वीर सिंह रांगड़ा ने सम्मेलन में हिंदू समाज के लोगों से एकजुट होकर संगठित होने का आह्वान किया। उन्होंने हिंदू धर्म के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मूल्यों को सुदृढ़ करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि समाज को नई दिशा देने के साथ-साथ राष्ट्र और संस्कृति के प्रति जागरूकता बढ़ाना काफी जरूरी है। सम्मेलन में हिंदू समाज के सभी वर्गों, युवाओं, मातृशक्ति और वरिष्ठ नागरिकों ने भाग लिया। इस मौके पर विशेष अतिथि ललित मोहन भारती, अनिल वर्मा, रोशन चौधरी, विनय शर्मा, कौल सिंह नेगी, कौल सिंह नेगी, जीवन चौहान सहित अन्य मौजूद रहे।
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