अहमदाबाद प्लेन क्रैश के बारे में हमें अब तक क्या पता है। एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 अहमदाबाद से लंदन जा रही थी। 240 से ज्यादा पैसेंजर और क्रू मेंबर्स इसमें थे और टेक ऑफ करने के सिर्फ 40 सेकेंड के बाद ही ये फ्लाइट बड़ी तेजी से नीचे गिरने लगी और सिर्फ 2 मिनट में ही मेघाणीनगर इलाके में क्रैश हो जाता है। ये हादसा शौकिंग इसलिए है क्योंकि इतिहास में ऐसा प्लेन क्रैश कभी नहीं हुआ वो भी इस स्पेसिफिक प्लेन टाइप का। ये बोइंग 787 ड्रीमलाइनर प्लेन था इसका एक्सीलेंट सेफ्टी रिकॉर्ड है। इतिहास में ये प्लेन कभी क्रैश नहीं हुआ है। बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर को अमेरिका की बोइंग कंपनी बनाती है,जो दुनिया की सबसे बड़ी एविएशन कंपनियों में से एक है.साल 2003 में बोइंग ने इस विमान को 7E7 प्रोजेक्ट के नाम से शुरू किया. इसका मकसद था एक ऐसा विमान बनाना, जो लंबी दूरी की उड़ानों के लिए फ्यूल-एफिशिएंट, कंफर्टेबल, और टेक्नोलॉजिकली एडवांस हो.बोइंग 787-8 की पहली टेस्ट फ्लाइट 15 दिसंबर 2009 को हुई. इसके बाद 26 अक्टूबर 2011 को जापान की ऑल निप्पॉन एयरवेज (ANA) को पहला ड्रीमलाइनर डिलीवर किया गया. बोइंग ने अपने नए विमान का नाम रखने के लिए कुछ अलग करने का सोचा.उन्होंने 2003 में ग्लोबल ऑनलाइन वोटिंग कैंपेन शुरू किया,जिसमें दुनिया भर के लोगों से नाम सुझाने को कहा. इस कैंपेन में 5 लाख से ज्यादा ऑनलाइन वोट आए. लोगो ने कई नाम सुझाए-जैसे ‘ग्लोबल क्रूजर’,‘स्ट्रैटो क्लाइंबर और ‘ड्रीमलाइनर’. इन सभी नामों में जब नाम चुनने की बारी आई तो ‘ड्रीमलाइनर’की जीत हुई.वोटिंग में ‘ड्रीमलाइनर’सबसे पॉपुलर रहा. ड्रीमलाइनर की पहली फ्लाइट साल 2009 में उड़ी थी। तब से लेकर आज तक इस प्लेन के साथ इस लेवल का कोई हादसा नहीं हुआ था। हालांकि बोइंग कंपनी का बहुत खराब ट्रैक रिकॉर्ड रहा है। इस विमान को लेकर एक अमेरिकी इंजीनियर और बोइंग कर्मचारी ने 2024 में ही गंभीर चेतावनी दी थी। उन्होंने FAA के सामने औपचारिक शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें 787 ड्रीमलाइनर और 777 मॉडलों के निर्माण सीरियस स्ट्रकचरल मिसटेक्स का आरोप लगाया था। उन्होने दावा किया था कि बोइंग ने प्रोडक्शन में जल्दबाजी की है और फ्यूजलेज के छोटे-छोटे गैप को ठीक करने में लापरवाही बरती। बोइंग 787 ड्रीमलाइनर पहले भी विवादों में रहा है. 2013 में लिथियम आयन बैट्री में आग लगने की घटनाओं के बाद पूरी ड्रीमलाइनर फ्लीट को 3 महीने के लिए ग्राउंडेड करना पड़ा था। तो क्या क्रैश करने वाला प्लेन बहुत पुराना था। नहीं ये सिर्फ 11 साल पुराना प्लेन था, boeing 787 vt-anb ड्रीमलाइनर का लाइफ स्पैन 20 से 30 साल है। जो पायलट इस प्लेन को उड़ा रहे थे वो थे कैप्टन सुमित सभरवाल कैप्टन सुमित सभरवाल एयर इंडिया के सीनियर पायलट में से एक हैं. वे Boeing 787 जैसे वाइड बॉडी एयरक्राफ्ट उड़ाते थे, जिसे लंबी दूरी की अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए इस्तेमाल किया जाता है. उनके पास 8,200 घंटे का उड़ान अनुभव है.सुमित सभरवाल के साथ को-पायलट क्लाइव कुंदर भी मौजूद थे. उनके पास 1,100 घंटे का उड़ान अनुभव था. फ्लाइट उड़ाते समय कैप्टन प्लेन उड़ाते हैं. तो क्या मौसम खराब था. नहीं ऐसा भी नहीं था। उस वक्त डेढ़ बज रहे थे और वेदर कंडीशन टेम्पेरेचर 37डिग्री सेल्सियस था। ज्यादा तेज हवाएं नहीं चल रही थी, विजिबिलिटी भी 6000 मीटर की थी जो बहुत अच्छी थी। तो प्रोबलेम कहां पर हुई। असली जवाब हमें जल्द ही बता लगेगा। जब ब्लैक बॉक्स खुलेगा। ब्लैक बॉक्स से इंफॉरमेशन को रिट्रीव किया जा रहा है। लेकिन ये पूरा हादसा एक भयंकर टेक्निकल फेल्योर है। क्या यहां कोई इंजन फेल्योर हुआ है, मेंटेनेंस फेल्योर हुआ है। इसका पता तो तब चलेगा जब ब्लैक बॉक्स खुलेगा
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।