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Amit Shah created history, Prime Minister Narendra Modi praised him
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अमित शाह ने रच दिया इतिहास, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की तारीफ
वीडियो डेस्क अमर उजाला डॉट कॉम Published by: आदर्श Updated Tue, 05 Aug 2025 03:31 PM IST
5 अगस्त का दिन भारतीय राजनीति में एक बार फिर ऐतिहासिक बन गया।
2019 में इसी दिन जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया था, और अब, 2025 में, एक और बड़ा कीर्तिमान बना। अमित शाह अब भारत के सबसे लंबे समय तक केंद्रीय गृह मंत्री रहने वाले व्यक्ति बन गए हैं। इस उपलब्धि का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की बैठक के दौरान किया और शाह की जमकर तारीफ की।
यह केवल एक आंकड़ा नहीं है, बल्कि उस सफर की कहानी है जिसमें अमित शाह ने ना सिर्फ देश की आंतरिक सुरक्षा को सशक्त किया, बल्कि कश्मीर से लेकर नक्सल प्रभावित इलाकों तक गृहमंत्रालय को निर्णायक बना दिया।
शाह ने 30 मई, 2019 को केंद्रीय गृह मंत्री का कार्यभार संभाला था। 4 अगस्त, 2025 तक वे 2,258 दिन इस पद पर रह चुके हैं। इससे पहले लालकृष्ण आडवाणी 19 मार्च 1998 से 22 मई 2004 तक कुल 2,256 दिन इस पद पर रहे थे। शाह ने कांग्रेस के दिग्गज नेता गोविंद बल्लभ पंत के 6 साल 56 दिन के कार्यकाल को भी पीछे छोड़ दिया है।
दिलचस्प बात यह है कि यह कीर्तिमान उन्होंने 5 अगस्त को ही बनाया, वही दिन जब उन्होंने 2019 में संसद में अनुच्छेद 370 को हटाने की ऐतिहासिक घोषणा की थी।
NDA की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने 5 अगस्त को याद करते हुए कहा, “यह दिन ऐतिहासिक था जब अनुच्छेद 370 हटाया गया और आज एक और इतिहास अमित शाह ने रचा। वह अब देश के सबसे लंबे समय तक गृह मंत्री रहने वाले नेता बन गए हैं।”
मोदी ने आगे कहा, “NDA सरकार ने संविधान का पूरी भावना से पालन किया है।”
साथ ही प्रधानमंत्री ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा और कहा, “विपक्ष को लग रहा होगा कि क्या बहस की मांग करके उन्होंने कोई गलती कर दी है?”
जून 2024 में सरकार बनने के बाद NDA की यह दूसरी बड़ी बैठक थी। इसमें प्रधानमंत्री मोदी का जोरदार स्वागत किया गया। ‘भारत माता की जय’ और ‘मोदी-मोदी’ के नारों से सभागार गूंज उठा। गृह मंत्री अमित शाह को भी वरिष्ठ नेताओं ने बधाई दी।
बैठक में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और ‘ऑपरेशन महादेव’ को लेकर सशस्त्र बलों के अद्वितीय साहस और प्रधानमंत्री के नेतृत्व की जमकर सराहना की गई। एक प्रस्ताव पारित कर सेना को सलामी दी गई।
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने निर्णायक रुख अपनाया।
7 मई को भारत ने पाकिस्तान और POK के आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की।
इसके जवाब में पाकिस्तान ने भारत में नागरिक और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, लेकिन भारत ने कड़ा जवाब देते हुए कई पाकिस्तानी एयरबेस पर हमला किया।
चार दिन तक चले इस संघर्ष के बाद 10 मई को पाकिस्तान ने घुटने टेक दिए और संघर्षविराम की गुहार लगाई। इसे भारत का ‘ऑपरेशन सिंदूर’ कहा गया, ऐसा ऑपरेशन जिसने आतंक के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को एक बार फिर दुनिया के सामने स्पष्ट किया।
28 जुलाई को श्रीनगर के बाहरी इलाके में हुई मुठभेड़ में तीन लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी मारे गए। यह कार्रवाई ‘ऑपरेशन महादेव’ के नाम से की गई, जिसमें भारतीय सुरक्षाबलों ने साहस का परिचय दिया।
बैठक में इन दोनों ऑपरेशनों का विशेष उल्लेख हुआ और प्रस्ताव पारित कर सेना को सलाम किया गया।
अमित शाह ने राजनीति की शुरुआत गुजरात से की। वे गुजरात के गृह मंत्री रहे और कानून-व्यवस्था में उनके कामकाज को उस समय के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जोड़कर देखा गया। इसके बाद वे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने और 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की ऐतिहासिक जीत में उनकी रणनीति की बड़ी भूमिका रही।
अब वह केवल गृह मंत्री ही नहीं, बल्कि भारत के पहले सहकारिता मंत्री भी हैं। उनका कार्यकाल न केवल लंबा है, बल्कि बेहद प्रभावशाली और निर्णायक भी रहा है।
5 अगस्त का दिन अब भारतीय राजनीति में दो ऐतिहासिक घटनाओं के लिए याद किया जाएगा- एक, अनुच्छेद 370 का अंत और दूसरा, अमित शाह का सबसे लंबे समय तक गृह मंत्री रहना।
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